अपनी नेगेटिव सोच को ऐसे खत्म करें, पायें स्वस्थ नज़रिया
औसतन वेस्टर्न लाइफस्टाइल आम-तौर पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस और नेगेटिव सोच पर टिकी होती है। जिन्दगी की तूफ़ानी लय इतनी दबाव भरी हो सकती है कि, कई बार नकारात्मक सोच ही ज़िन्दगी की मोटो बन जाती है। यह हमें नुकसान पहुंचा सकता है।
यकीन करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन विचार बहुत ताकतवर होते हैं।
अगर हमारे विचार नकारात्मक भावनाओं और घातक शब्दों से भरे हुये हैं, तो हम दिन-भर में लाखों तरीकों से खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें कुछ-भी अच्छा महसूस नहीं होगा और जिंदगी ऐसी लगेगी जैसे कोई जंग चल रही हो।
दूसरी तरफ, अगर हमारे विचार भावनाओं से भरे हुये हैं तो ये हमें विकसित कर सकते हैं, भरा-पूरा बना सकते हैं और ऊँचा उठा सकते हैं। हमें काफी अलग नतीजे देखने को मिलेंगें।
अपने विचारों को मजबूत और लाइफ-स्टाइल को स्वस्थ कैसे बनायें, यह जानने के लिए आपको कुछ बातों पर खास ध्यान देना होगा। इसके अलावा, आपको कुछ आदतों में सुधार करना होगा और कुछ नए तरीकों को आजमाना होगा।
इसकी शुरुआत इस बात को जानने से है कि उन बदलावों को कैसे अपनायें जो आपको कम, औसत और लम्बे समय तक अच्छा महसूस करवाते हैं।
नीचे कुछ सुझाव बताये गये हैं जो आपको खुद को नुकसान पहुँचाने से रोकने और खुश रहने के लिए कुछ ज़रूरी बदलाव करने में मदद करेंगे। यह नेगेटिविटी को नजरंदाज करने के बारे में बिलकुल नहीं है। यह सीखने के लिए है कि इससे कैसे निपटा जाए ताकि यह आपको नीचे न गिराए।
क्या आप नेगेटिव सोच को निकाल फेंकने के लिए तैयार हैं?
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नेगेटिव सोच को दूर करने के लिए सुझाव
1. अपनी बॉडी लैंग्वेज बदलें (Change your body language)
अगर आप अक्सर अपनी पीठ को झुकाये रहते हैं, बार-बार अपनी बाहों और पैरों को आपस में मोड़ते हैं और इस तरह की बॉडी लैंग्वेज रखते हैं जो आप और दूसरों, दोनों के लिये भड़काऊ होती है, तो आपको इसे बदलना होगा।
सबसे पहली चीज, अपना पॉस्चर ठीक करें। अपनी पीठ हमेशा सीधी रखें। आपका शरीर इसके लिए आपको धन्यवाद देगा और बेहतर महसूस करेगा। आपके मूड में भी सुधार होगा।
इसके अलावा, जब आप बैठे होते हैं, तो अपनी बाहों और पैरों को आपस में बांधने से बचें, खासकर जब आप किसी के साथ बात कर रहे हों। अपनी पीठ सीधी, पैरों को जमीन पर और हाथों को आराम से (टेबल पर, अपनी गोद में या जहां भी आप चाहें) रखने की कोशिश करें। ऐसा करने से आप अपनी असुरक्षा को कम कर सकते हैं, बात-चीत में उनका इस्तेमाल कर सकते हैं और अच्छा इंप्रेशन बना सकते हैं।
2. बात-चीत करें
खुद को नेगेटिव सोच से छुटकारा दिलाने के लिए किसी ऐसे आदमी से बात करना जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं, हमेशा मददगार साबित होता है। हालाँकि, इस पर यकीन करना मुश्किल होगा, लेकिन अपने आप से जोर-जोर से बातें करना भी मददगार साबित हो सकता है।
वास्तव में, बहुत ज्यादा तनाव के समय जब आपको कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा होता है, तो ऐसे समय में साइकोलॉजिस्ट एक खास एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
- इस एक्सरसाइज में होता यह है कि, आपको एक रिकॉर्डर लेना है और अपनी सारी परेशानियों को जोर-जोर से बोलकर बताना है, जैसे आप किसी साइकोलॉजिस्ट या फिर किसी ऐसे आदमी से बात कर रहे हैं जिस पर आप पूरा भरोसा करते हैं।
- अपनी बातों को रिकॉर्ड करने के बाद, तुरंत रिकॉर्डिंग को मिटा दें। इसे सुरक्षित करने या यहां तक कि सुनने की भी कोई ज़रूरत नहीं है।
जैसा कि आपको सुनने वाले का जजमेंट महसूस नहीं होगा, ऐसे में आप सारी अच्छी-बुरी बातों को पूरी तरह बाहर निकाल सकते हैं। ऐसा करने से आप ज्यादा राहत महसूस करेंगे और स्थिति को और ज्यादा निष्पक्ष तरीके से देखने के लिए तैयार होंगे।
ऐसे और भी तरीके हैं जिन्हें आप खुद को हल्का करने की प्रैक्टिस में शामिल कर सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि आप कुछ भी अपने अन्दर न रखें और हमेशा आगे बढ़ते रहने की कोशिश करें।
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3. अपने दिमाग को आराम दें
इन दिनों, खुद को आराम देने का तरीका सीखना और ऐसा करने के लिए समय निकलना बहुत बड़ी बात है। सबसे पहले तो आपको आराम के लिये थोड़ा वक्त निकलना है और बस लम्बी-लम्बी साँसे लेनी हैं।
मुद्दा यह है कि अपने अन्दर पैदा हुये तनाव को बाहर छोड़ने के लिए कुछ मिनट (लगभग 5-10) के लिए अपनी एनर्जी को अपनी सांसों पर केन्द्रित करें। गहरी सांसे लेने से कुछ ही समय में नेगेटिव सोच गायब हो जायेगी।
इससे आपको सिचुएशन को काबू में करने और उन्हें पॉजिटिव सोच में बदलने के लिए उन पर अच्छी पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
4. नेगेटिव सोच को मोड़ दें
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं, खुद को नेगेटिव सोच से आजाद करने का तरीका सीखने का मतलब यह नहीं है कि आप हकीकत को अनदेखा करने लगें। दरअसल आपको इसे देखने का नजरिया बदलना है।
उदाहरण के लिए, अगर आपको असफलता के कारण दिक्कतें आ रहीं हैं, तो आप आगे बढ़ने और मजबूत बनने का मौका खो देंगे।
टकराव के समय में, आपको अपने आप को नेगेटिव थिंकिंग के काबू में नहीं होने देना है और बिना रुके समस्या को हल करने का तरीका ढूंढते रहना है। जो विचार आपकी मदद नहीं करते हैं, उन्हें बदलने के लिए आपको रुकना (जितनी बार जरूरी हो) होगा।
5. अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल अपने लिये करें
क्रिएटिव सोच नेगेटिव थिंकिंग के गड्ढे से बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकती है।
आखिरकार हमेशा किसी भी समस्या का केवल एक ही हल नहीं होता है। हमें हर बार नए तरीके खोजने चाहिये और अपने नजरिये में छोटे-मोटे बदलाव करने चाहिये।
इसमें कोई शक नहीं है कि, स्वस्थ गतिविधियाँ आपको क्रिएटिव सोच पैदा करने में मदद करेंगी। कई लोग दूसरी गतिविधियों के साथ-साथ पेंटिंग, ड्राइंग, राइटिंग, डांसिंग भी आजमाते हैं। ये सब चीजें आपको डायनेमिक बनाती हैं।
6. घूमने के लिए जायें
कभी-कभी, जगह को छोड़ना आपको अपने दिमाग को आजाद रखने और ज्यादा अच्छा सोचने में मदद कर सकता है। किसी पार्क या ताजी हवा वाली जगह में घूमना आपका ध्यान बंटाने और अपने विचारों को व्यवस्थित रखने में आपकी मदद कर सकता है।
याद रखें, जब भी आपको घबराहट महसूस होती है तो बस उसी समय घूमना-फिरना काफी नहीं है। हर हफ्ते घूमने जाना आपको स्ट्रेस और एंग्जायटी से बचने में मदद कर सकता है।
7. अपने जीवन की सभी अच्छी चीजों की एक सूची बनायें
कई बार हम अपनी परेशानियों पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं, इतना ज्यादा कि यह हमारी जिंदगी से अच्छी चीजों को दूर ले जाता है। इसलिए जब आप नेगेटिव थिंकिंग को दूर करने की कोशिश करें, तो सबसे पहले अच्छी चीजों की एक लिस्ट बनाने की कोशिश करें।
फिर, आपको अपनी सभी पॉजिटिव चीजें याद रहेंगी और, उससे भी जरूरी है कि वे कितनी कीमती हैं। अपनी सोच को काबू में करना एक डेली टास्क है। अगर आप थोड़ी और कोशिश करें तो यह ज्यादा आसान हो सकता है।
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