सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस के लक्षण और इसका नेचुरल ट्रीटमेंट
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस (गर्दन की ऐंठन) या गर्दन की ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया) कई कारणों से हो सकती है। तो भी, यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली एक आम प्रक्रिया है।
रीढ़ की हड्डी सचमुच एक आश्चर्यजनक जटिल संरचना है।
रीढ़ की हड्डियों की संरचना नाजुक हड्डियों के संग्रह से हुई है। आपके गलत तरीके से बैठने, चलने-फिरने या घंटों बैठे रहने का असर इन हड्डियों के संतुलन और बल पर पड़ता है।
दर्द जब बांहों और टांगों तक पहुंच जाए तो समझ लीजिए कि सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस ( Cervical Spodylosis) आपकी ज़िन्दगी में दस्तक दे चुकी है।
अगर आपको ऐसी तकलीफ है तो डॉक्टर या किसी अच्छे फिजिकल थेरेपिस्ट से बात करनी चाहिए। ये आपके दैनिक जीवन की नई रणनीतियां तय कर देंगे।
अगर हमसे पूछें, तो हम आपको सलाह देंगे कि इस पेशीय स्थिति (musculoskeletal) और इससे संबंधित समस्याओं का नेचुरल ट्रीटमेंट अपनाइए। आखिरकार उम्रदराज लोगों के लिए यह बहुत ही आम समस्या है।
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस : यह क्या है और कैसा है
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस गठिया का ही एक रूप है जो आपकी गर्दन की अस्थियों को प्रभावित करता है। यह गर्दन के जोड़ों की क्षय है जो तकरीबन 40 की उम्र में चुपचाप दस्तक दे देता है। 60 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते इसके लक्षण तीव्र हो जाते हैं। हालांकि बच्चों और युवाओं में भी कभी-कभी गठिया की स्थिति समान रूप से प्रकट हो सकती है।
कारण
विचित्र बात यह है कि, सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस गर्दन के नीचे की नरम हड्डियों या अस्थियों से उत्पन्न नहीं होता।
इस समस्या की जड़ जोड़ों की भीतरी रेशेदार झिल्लियों (fibrous membrane) की खराबी है। इन जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ में कमी आने के कारण ये हाइड्रेट नहीं हो पाता और इसका लचीलापन कम हो जाता है। जोड़ों की मजबूती और लोच में कमी आ जाती है। तब, नमी के कम हो जाने के कारण जोड़ों के भीतरी हिस्से में टूट-फूट होने लगती है।
जब दबाव बढ़ता है, तो जोड़ों में खराबी आने लगती है और हड्डियां एक-दूसरे को रगड़ने लगती हैं। स्वाभाविक रूप से इसके कारण दर्द, सूजन और गर्दन में अकड़ होने से कभी-कभी चक्कर या उबकाई आती है।
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस जब पुराना हो जाए तो तेज दर्द या ऑस्टियोफाइट (osteophyte ) उभर सकता है। इस उभार से जहां नसें अवस्थित होती हैं वहां दबाव बढ़ जाता है, इस प्रकार दर्द और तेज हो जाता है।
लक्षण
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस के कुछ साधारण लक्षणों का यहां उल्लेख किया जा रहा है :
- जाहिर है, गर्दन का दर्द और अकड़ ही इसके सबसे ज्यादा स्पष्ट लक्षण है। ड्राइविंग करते समय, पढ़ते समय, छींकने के बाद या कुछ लिखते वक्त गर्दन में झटका या चक्कर आ सकते हैं।
- कई मामलों में यह दर्द बढ़ते हुए हाथ – पैर तक पहुंच जाता है। बांहों, हाथों और उंगलियों का सुन्न हो जाना आम बात है।
- सिर का दर्द एक दूसरा लक्षण है।
- इनके अतिरिक्त, कुछ लोग हमेशा उबकाई की स्थिति को भोगते हैं और संतुलन खो देते हैं।
- कुछ लोगों को अपने भीतर से कुछ आवाजें, जैसे गर्दन में ‘कड़कड़ाहट’ की आवाज़ सुनाई पड़ सकती है।
इसे भी पढ़ें : आपकी स्पाइन और दूसरे अंगों का आपसी सम्बन्ध
प्राकृतिक उपचार
गर्म – ठंडा उपचार (Hot-cold treatment)
सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस के दर्द को कम करने के लिए सबसे पहले गर्म और ठंडी थैली का प्रयोग करें।
- थैली का प्रयोग बारी-बारी से गर्दन और कंधे पर करना चाहिए।
- गर्म थैली आपके रक्त संचालन में सुधार लाती है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है।
- वहीं ठंडी थैली, जलन और सूजन को कम करने में मददगार है।
कृपया ध्यान रखें, अगर आपकी गर्दन में बहुत जलन है तो गर्म थैली का प्रयोग न करें।
हल्के व्यायाम करें अपनी क्षमता के अनुसार
कुछ भी करने से पहले अपने डॉक्टर और फिजिकल थेरेपिस्ट से अवश्य जांच करवा लें। वैसे, रीढ़ की हड्डी को गतिशील रखना बेहद ज़रूरी है। साथ ही गर्दन के आसपास के क्षेत्र, खासकर कंधे को।
जब आप सर्वाइकल स्पोंडिलॉसिस से ग्रसित हों, तो अपने जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए चलना – फिरना, योगा और तैराकी सबसे उपयुक्त व्यायाम हैं।
हल्दी (Turmeric)
इसके सिवा, हल्दी एक बेहद प्रभावी ज्वलन रोधी प्राकृतिक उपदान है। यह जोड़ों के दर्द और रक्त संचालन के लिए बहुत लाभदायक है।
वैसे ही, जब आप गर्दन में अकड़ महसूस कर रहे हों तो यह बहुत मददगार होता है।
इसे भी पढ़ें : फाइब्रोमायेल्जिया: 10 मुख्य लक्षण जिनसे सतर्क रहना चाहिये
तिल के बीज (Sesame seeds)
तिल के बीज कैल्शियम, मैंगनीज, ज़िंक और कॉपर से समृद्ध होते हैं। अगर नियमित इसका सेवन करें, तो ज़रूर आपकी लचीली हड्डियां लचीली बनी रहेंगी और जोड़ों की टूट-फूट पर नियंत्रण रहेगा।
आप अपने सलाद में तिल के बीज शामिल कर सकते हैं और गर्म तिल के तेल से स्वयं भी मालिश कर सकते हैं।
- आप इस तेल का प्रयोग थैली में भी करें।
- फिर अपनी गर्दन और कंधों पर गोलाकार ढंग से घुमाते हुए प्रयोग करें।
सेब का सिरका (Apple cider vinegar)
सेब के सिरके में अद्भुत ज्वलन रोधी गुण है।
इसका प्रयोग कैसे करें :
- पहले आप निश्चित हो लें कि सेब का सिरका जैविक है और फिल्टर नहीं किए गए हैं। (यह आपके किराने की दुकान से खरीदे गए सिरके की तरह नहीं है।)
- फिर एक सूती कपड़े को थोड़ी सी इस प्राकृतिक औषधि में भिगो लें।
- इसके बाद, दिन में दो बार इसका प्रयोग अपनी गर्दन पर कुछ घंटों के लिए करें।
यह प्राकृतिक उपचार आपकी गर्दन के दर्द में कुछ राहत जरूर पहुंचाएगा।
हालांकि, इस स्थिति गंभीर होने से बचने के लिए और अपने जीवन को सुचारु बनाने के लिए, मेडिकल सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
- Andrade Cevallos, M. J., & Gavilánes Cevallos, M. C. (2015). Espondilosis cervical. El rol de la prevención secundaria en la aparición de la mielopatía cervical espondilótica Cervical. Revista Cubana de Reumatología.
- Mohiuddin, E., Asif, M., Akram, M., Uddin, S., Ahmed, A., Usmanghani, K., & Hannan, A. (2010). Curcuma Longa and Curcumin : a Review Article. Rom. J. Biol. – Plant Biol. https://doi.org/10.1186/s13104-017-2728-0
- Shahidi, F., Liyana-Pathirana, C. M., & Wall, D. S. (2006). Antioxidant activity of white and black sesame seeds and their hull fractions. Food Chemistry. https://doi.org/10.1016/j.foodchem.2005.08.009
- Malanga, G. A., Yan, N., & Stark, J. (2015). Mechanisms and efficacy of heat and cold therapies for musculoskeletal injury. Postgraduate Medicine. http://doi.org/10.1080/00325481.2015.992719
- Atik, D., Atik, C., & Karatepe, C. (2016). The Effect of External Apple Vinegar Application on Varicosity Symptoms, Pain, and Social Appearance Anxiety: A Randomized Controlled Trial. Evidence-Based Complementary and Alternative Medicine. http://doi.org/10.1155/2016/6473678