नौ खाद्य जो दिलाते हैं गैस्ट्राइटिस से निजात
पेट की झिल्ली की सूजन यानी गैस्ट्राइटिस (Gastritis) एक गंभीर समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। सौभाग्य से ऐसे कई तरीके हैं जो प्राकृतिक रूप से गैस्ट्राइटिस से निजात दिलाते हैं।
आज हम आपको ऐसी ही कुछ टिप्स देंगे जो आपके लिए बहुत मददगार साबित होंगी।
गैस्ट्राइटिस (Gastritis) के कुछ संभावित कारण
सबसे पहले, गैस्ट्राइटिस के लक्षण दिखने का सबसे आम कारण दर्दनिवारक या एस्पिरिन जैसी गोलियां खाना है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनके कारण पेट की अंदरूनी झिल्ली को नुकसान पहुंचता है।
दूसरा बड़ा कारण ज़रूरत से ज़्यादा या बार-बार शराब पीना है जो गैस्ट्राइटिस की शुरुआत को बहुत ज़्यादा प्रभावित करता है।
इसके अलावा खाना खाने से पहले लगातार चाय, कॉफी या नींबू का रस पीने से भी पेट की अंदर की झिल्ली में जलन और सूजन हो सकती है। इसके कारण स्थाई और गंभीर गैस्ट्राइटिस हो सकती है।
दूसरी ओर, बहुत गर्म या बहुत ठंडा खाना खाने से भी गैस्ट्राइटिस की समस्या बदतर होती है, हालांकि इसे इसकी अचानक शुरुआत का कारण (ट्रिगर) नहीं माना जाता है। ऐसा भोजन पेट की झिल्ली के संपर्क में आने पर जलन और दर्द पैदा कर सकता है।
लक्षण
अगर आप नीचे दिए गए लक्षण या लक्षणों से पीड़ित हैं तो आपको खुद को तुरंत किसी गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist) को दिखाना चाहिए क्योंकि आपको घातक गैस्ट्राइटिस हो सकती हैः
- भूख न लगना, विशेषकर सुबह के समय
- जलन या छाती में जलन
- पेट या पसलियों में दर्द
- उल्टी (कभी-कभी ख़ून के साथ)
- मल में ख़ून आना
गैस्ट्राइटिस से निजात दिलाने वाले 9 खाद्य
अगर डॉक्टर पुष्टि कर देते हैं कि आप या आपका कोई जानकार गैस्ट्राइटिस से पीड़ित है तो यह जानकारी आप दोनों के बहुत काम आएगी। नीचे हम आपको गैस्ट्राइटिस से निजात दिलाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं।
1. शहद
शहद में कई एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो पेट की झिल्ली मजबूत करने में मददगार होते हैं। यानी यह गैस्ट्राइटिस का जोखिम कम करने में मदद करता है।
- इसके लिए, रोज़ाना खाली पेट दो चम्मच शहद के साथ एक गिलास गुनगुना पानी पीयें।
- जल्द ही आपको जलन का अहसास कम होता महसूस होगा।
2. जैतून का तेल (Olive Oil)
अपने एंटी-इन्फ्लामेटरी गुणों के कारण जैतून का तेल भी पेट की झिल्ली की सूजन से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है।
- इसका पूरा फ़ायदा उठाने के लिए एक चम्मच तेल गुनगुने पानी या दूध में मिलाएं।
- फिर, रोज़ाना इसे खाली पेट पीयें। यह जलन कम करने में मदद करता है।
3. प्याज (Onion)
प्याज भी गैस्ट्राइटिस से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से छुटकारा दिलाने में सहायक है। यही वह बैक्टीरिया है जो गैस्ट्राइटिस की शुरुआत के लिए जिम्मेदार है।
हालांकि ज़्यादा तीखे स्वाद के कारण आपको ज़रूरत से ज़्यादा प्याज नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, प्याज के कारण मतली, उल्टी और यहां तक कुछ व्यक्तियों के पेट में गैस तक बनती है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- इसकी ख़ूबियों का पूरा फ़ायदा उठाने के लिए केवल एक-चौथाई चम्मच प्याज का ही सेवन करें।
- अगर आप खोज सकें तो काला प्याज (Black Onion) चुनें क्योंकि इसमें ज़्यादा विटामिन और खनिज होते हैं।
4. ओटमील (Oatmeal)
यह एक अन्य विकल्प है जो शरीर की सफ़ाई करने में मददगार अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण गैस्ट्राइटिस से निजात दिलाता है।
आप शहद मिले ओटमील को रोज़ाना नाश्ते में खा सकते हैं।
5. पपीता
क्या आप जानते हैं कि पपीते के बीज आपकी आंतों को स्वस्थ रखने में बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पैपेन (Papain) नाम का एक एंजाइम होता है जो खाद्य पदार्थों की प्रोटीन पचाता है और गैस्ट्रिक एसिड को बेअसर करता है। इस तरह, यह गैस्ट्राइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
इसका पूरा फ़ायदा उठाने के लिए पहले पपीता के बीज निकाल लें और उन्हें धूप में सुखा लें। जब वे सूख जाएं तो उन्हें कूटकर पाउडर बना लें। अब थोड़ा-थोड़ा पाउडर अनन्नास की स्लाइसेस पर रखें और इन्हें नाश्ते में खाएं। आपको तुरंत राहत महसूस होगी।
6. बीज
- सबसे पहले, सौंफ, हरी इलायची और इलायची के बीजों का मिश्रण बना लें। इन सभी बीजों में विटामिन और खनिज होते हैं जो पाचन में मददगार होते हैं।
- फिर, इन्हें एक सूखे फ्राइंग पैन में 30 सेकेंड तक भूनें।
- इसके बाद इन्हें कूटकर इनका पाउडर बना लें। हर बार खाना खाने के बाद आप इस पाउडर की एक चम्मच का सेवन कर सकते हैं।
- बस इतना ध्यान रखें कि इन बीजों का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन न करें क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।
7. काला नमक (Black Salt)
करीब दो महीने तक हर बार भोजन करने के बाद दो से तीन चम्मच काला नमक खाएं।
इसमें आम घरेलू नमक की तुलना में कम आयोडीन होने के साथ-साथ एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण भी होते हैं। इसलिए, ये गैस्ट्राइटिस के लक्षण काफी हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।
8. पार्सले (Parsley)
गैस्ट्राइटिस से निजात दिलाने के लिए पार्सले भी बहुत अच्छा विकल्प है। इसका कारण इसके मूत्रवर्धक गुण और इसमें मौजूद खनिज जैसे कि पोटैशियम, कैल्सियम और फॉस्फोरस हैं।
- पूरी तरह फ़ायदा उठाने के लिए पहले पार्सले का रस निकाल लें।
- फिर, इसमें कुछ काला नमक और काली मिर्च मिलाएं।
- हर बार भोजन करने के बाद इस सिरप की तीन चम्मच पीयें।
9. अदरक (Ginger)
अदरक पेट की सभी बीमारियों और समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार है। ऐसा इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण होता है जो पेट की सफ़ाई में मदद करते हैं।
गैस्ट्राइटिस और अल्सर से निजात पाने के लिए आप अदरक और प्याज का काढ़ा बना सकते हैं। यह सूजन और मतली आना कम करने में मदद कर सकता है।
हालांकि इसका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद दोनों तत्व बहुत तेज़ असर करते हैं।
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गैस्ट्राइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए डाइट
अगर आपको गैस्ट्राइटिस है तो आपको वह डाइट अपनानी चाहिए जिसका ऊपर हमारे बताए नुस्खों के साथ अच्छा सामंजस्य बैठता हो।
अगर ऐसा नहीं है तो नुस्खे अपना असर नहीं दिखा पाएंगे या कम से कम उम्मीद पर खरे नहीं उतरेंगे। इसके अलावा, आप अपनी डाइट में कम फैट वाला दही, फल, नारियल का पानी, कम फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं।
आपको क्या नहीं खाना चाहिए
कई खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जो गैस्ट्राइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नुकसानदेह हैं क्योंकि इनसे सूजन बदतर हो जाती है। इसीलिए, अगर आपको गैस्ट्राइटिस है तो आपको इन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिएः
- शराब
- कॉफी और चाय
- सॉफ्ट या पॉस्चराइज्ड ड्रिंक्स
- कोकोआ उत्पाद
- मौसमी का जूस (Citrus Juices)
- रेड मीट (Red Meat)
- मसालेदार भोजन
इन बातों का भी रखें ध्यान
अगर भूख नहीं भी लगी है तो भी आपको खाना खाने के लिए ज़्यादा देर तक इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर आपका पेट खाली है तो जलन और बढ़ जाएगी और आपकी गैस्ट्राइटिस की समस्या बदतर हो जाएगी।
अगर आपको भूख नहीं लगी है तो भी आपको अच्छा नाश्ता करने की कोशिश करनी चाहिए। दूसरी तरफ, पूरे दिन के दौरान कम से कम 8 गिलास पानी पीना न भूलें। इससे पेट में मौजूद उन बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलेगी जो गैस्ट्राइटिस की समस्या बढ़ाते हैं।
अंत में, याद रखें कि केवल उचित डाइट अपनाना ही काफी नहीं है, विशेषकर गंभीर गैस्ट्राइटिस के मामलों में। हो सकता है लक्षणों से आपको कुछ राहत मिल जाए लेकिन किसी डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है। हां, विशेषज्ञ डॉक्टर के बताए उपचार को यह डाइट और असरदार बनाती है।
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