जानिये, क्यों फायदेमंद है रोना (सही तरीके से)
साइकनेट (PsycNet) मैगजीन में छपे एक अध्ययन के मुताबिक, आँसू इस बात का संकेत हैं कि आपकी जिंदगी में कुछ खास चल रहा है।रोना न केवल एक साहसी और राहत देने वाला काम है, बल्कि यह अपनी भावनाओं को जाहिर करने का तरीका भी है।
इमोशनल साइकोलॉजी के एक्सपर्ट हमेशा सलाह देते हैं, लोगों को दुःख या मुसीबत के समय रोने का मौका ढूंढ़ना चाहिये। लेकिन कई लोग रोने के फायदों को नहीं समझते हैं।
भावनाओं को जाहिर करना एक “जरूरी” काम है, जो रोकने, छिपाने या मुट्ठी में जकड़ने और सँभाले रखने के लायक नहीं है।
यह एक आरामदायक और मानसिक परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाला काम है, जो आपको उन चीजों को निकाल फेंकने में मदद करता है जो आपके दिमाग में परेशानी पैदा कर रहे हैं और आपके दिल को ठेस पहुंचा रहे हैं।
इस पोस्ट में, हम आपको आंसुओं और रोने के कुछ ऐसे पहलुओं पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, जिनके बारे में शायद आप जानते ही न हों। साथ ही, हम आपको यह सुझाव देना चाहेंगे, आपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये, कभी भी इस प्राकृतिक क्रिया को रोकने की कोशिश न करें, जो हमें हमारे पुरखों से विरासत में मिली है।
हर बार मैं गलत तरीके से रोता था
यह सच है। इसे मानें या न मानें, रोना गलत तरीके से भी हो सकता है। अगर यह छोटी सी जानकारी आपको परेशान करती है या चौंका देती है, तो परेशान न हों। सच तो यह है, कोई भी आपको ऐसे इमोशनल मामलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देता है, जो हर दिन आपकी मदद कर सके।
एक इंसान होने के लिये रोने के फायदों को समझने के लिये, नीचे बताये दिलचस्प तथ्यों पर गौर कीजिये।
जापान के क्राइंग होटल (The crying hotels of Japan)
जापान में आप मित्सुई गार्डन या टोक्यो में यॉत्सुया जैसे होटल पा सकते हैं जहां लोग केवल रोने और चीखने-चिल्लाने के लिए एक रात या ज्यादा के लिए कमरे बुक कर सकते हैं।
- हम ऐसे समाज में रहते हैं जहां अक्सर भावनाओं को दबाकर रखा जाता है, जहां बहुत ज्यादा खुशी या गम को जाहिर करना सही नहीं माना जाता।
- जब वर्क एथिक्स की बात आती है, तो जापानी लोग अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के लिए जाने जाते हैं। वे बहुत सख्त पारिवारिक और सामाजिक नियमों का पालन करते हैं।
- ये चीजें बहुत ज्यादा एंग्जायटी और स्ट्रेस पैदा कर सकती हैं जिसके बारे में शायद वे नहीं जानते कि उसे कैसे संभालना है या छुटकारा पाना है।
- इन क्राइंग होटलों का धन्यवाद, कोई भी यहाँ कमरा बुक करवा सकता है और उसका इस्तेमाल कर सकता है।
- यहाँ आरामदायक बिस्तर, रूमाल, रिलैक्सिंग बाथ, म्यूजिक और फिल्में होती हैं जिन्हें गेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। यहाँ उन्हें जितनी मर्जी रोने और चीखने-चिल्लाने की छूट होती है। कमरे साउंडप्रूफ होते हैं।
- रो लेने के बाद वे सोने के लिए जा सकते हैं और अगले दिन ज्यादा एनर्जी के साथ जागते हैं और ज्यादा राहत महसूस करते हैं। इस सोच के साथ कि जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिये जरूरी बदलाव करने या फिर से सजाने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं।
सही तरीके से रोना (How to cry the right way)
जापान की यह दिलचस्प तकनीक कैथर्टिक हो सकती है, लेकिन यह हमेशा कारगर नहीं होती है। हम इंसानों की कई तरह की जन्मजात आदतें होती हैं जो हमें हमारे आस-पास के लोगों से जोड़ती है।
हमेशा किसी अन्य के साथ मिलकर रोना ज्यादा बेहतर होता है।
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कुछ सामान्य सी क्रियायें जैसे “रोना” और यहां तक कि “जम्हाई लेना” एक गहरी सहृदयता से भरी होती हैं।
यहाँ एक उदाहरण लीजिये: आप अपने दोस्तों के साथ बाहर गये हैं और उनमें से एक जम्हाई लेने लगता है। तुरंत ही बाकी लोग भी वैसा ही करने लग जाते हैं, यहां तक कि वजह जाने बिना ही।
- जम्हाई लेने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलती है, लेकिन यह एक सहृदयता दिखाने वाला व्यवहार भी है जो नजदीकी रिश्ते रखने वाले लोगों के बीच शेयर किया जाता है।
- रोना एक ऐसा काम है जो लोगों को एकजूट करता है और उन्हें सतर्क करता है।
हालांकि, कई लोग अकेले में रोते हैं। क्योंकि वे शर्म महसूस करते हैं या दूसरों की नजर में आने से बचने की कोशिश करते हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि किसी न किसी के साथ मिलकर रोयें।
- तभी आप इन आरामदायक फिजिकल फीलिंग्स को महसूस कर पायेंगे। दूसरी तरफ, आपको इससे एक और फायदा यह होता है कि आपका करीबी इंसान आपको गले से लगता है और सांत्वना दे सकता है।
फिर भी, यह हमेशा आसान नहीं होता है। कभी-कभी आप डर सकते हैं। आपके आस-पास कोई सही आदमी मौजूद नहीं होता है जो आपको गलत समझे बिना आपको सांत्वना दे सके।
रोना एक ऐसा काम है जिसे समय-समय पर किया जाना जरूरी है। यह इंसान को एक जिन्दा प्राणी के रूप में दर्शाता है। शरीर की हर एक क्रिया के पीछे कोई न कोई कारण होता है। इसलिये आपके आंसुओं का बहना भी एक नेचुरल क्रिया है।
अगर आप हमेशा अपने आंसुओं को छिपाने की कोशिश करते हैं, तो इससे केवल नकारात्मक भावनायें पैदा होती रहेंगी।
अपने आंसुओं और उनसे मिलने वाली राहत का फायदा उठायें। अपने दर्द के बारे में सोचें, आंसुओं को बहने दें, अपनी आवाज़ को टूटने दें और फिर एक लंबी सांस लें।
उसके बाद, आपकी जिंदगी में एक अलग सी रौनक आ जायेगी। आपका दिमाग ज्यादा शांत रहेगा। आप अधिक स्पष्ट रूप से फैसले ले पायेंगे।
- Gračanin A, Bylsma LM, Vingerhoets AJ. Is crying a self-soothing behavior?. Front Psychol. 2014;5:502. Published 2014 May 28. https://www.frontiersin.org/articles/10.3389/fpsyg.2014.00502/full
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Arnault, D. S. (2002). Help-seeking and social support in Japanese sojourners. Western Journal of Nursing Research, 24(3), 295-306.