6 ऐसी गलतियां जो पारिवारिक रिश्ते को तबाह कर सकती हैं

हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि केवल हमारे माता-पिता और भाई-बहन ही हैं जो हमेशा साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाये। यही कारण है कि इन खास पारिवारिक रिश्तों को मजबूती देना बहुत ज़रूरी है।
6 ऐसी गलतियां जो पारिवारिक रिश्ते को तबाह कर सकती हैं

आखिरी अपडेट: 21 मई, 2018

पारिवारिक रिश्ते प्यार, समझ, स्वीकृति और समर्थन के पहले स्रोत होने चाहिए। 

दुर्भाग्य से, ऐसे कई परिवार हैं जहाँ रिश्ते बुरी तरह से ख़राब हो जाते हैं। यह स्थिति पारिवार को तबाह कर देती है और हर किसी को परेशानी में डाल देती है।

इसको समझने के लिए, सबसे पहले तो समस्या की जड़ को समझना होगा। तभी आप सही समाधान निकाल पायेंगे।

नीचे हम ऐसी 6 गलतियों के बारे में बात करेंगे जो कभी भी आपके पारिवारिक रिश्ते को खतरे में डाल सकती हैं।

1. बेइज्जती और बुराई करना

बहस करती हुयी जोड़ी

शब्दों में ताकत होती है। हालाँकि यह दिखाई नहीं देती है, मगर जिंदगी में कई बड़े नुकसान की वजह बनती है।

परिवार समर्थन और प्रोत्साहन का स्रोत होता है। यही कारण है कि पारिवारिक रिश्ते में नकारात्मक टिप्पणियां बहुत खतरनाक साबित हो सकती हैं।

कई बार बहस के दौरान,  बातें बिना सोचे-समझे बोल दी जाती हैं। वैसे तो इन्हें अनदेखा किया जा सकता है क्योंकि ये उत्तेजना में कही गयी बातें थी।

लेकिन फिर भी, नुकसान यह होता है कि ये बातें पारिवारिक रिश्ते में दरार पैदा कर देती हैं।

इन चीजों से बचना जरूरी है। इनकी भरपाई में लम्बा समय लगता है।

यहाँ एक पुरानी कहावत सही बैठती है, “यदि आपके पास कहने के लिए कुछ अच्छा नहीं है, तो कुछ कहो ही मत।”

अगर आपको कुछ कहना है, तो दूसरों पर आक्रामक होने के बजाय शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बात कहें, यह ज्यादा अच्छा होगा।

2. चुगली करना

चुगली करना हमेशा ही नुकसानदायक होता है।

हो सकता है चुगली करने से थोड़ी देर आपको कुछ अच्छा महसूस हो, लेकिन इससे समस्या का हल नहीं निकलता। उल्टा यह आपके चरित्र पर दाग लगा देती है। दूसरे लोगों का आप पर से भरोसा उठ जाता है।

चुगली करना परिवार के सदस्यों में पक्षपात का कारण बनता है। कुल मिलाकर यह आदत केवल पारिवारिक रिश्ते को तोड़ने का काम करती है। जिस भी व्यक्ति के साथ आपके मतभेद हैं आप उसके साथ चर्चा करें।

तनाव पैदा करने वाली समस्याओं के बारे में शांतिपूर्ण ढंग से बात करें और साथ मिलकर समस्याओं का कारण और समाधान ढूंढ़ें।

यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पारिवारिक रिश्ते के बंधनों को मजबूत कर सकेंगे।

3. वर्चस्व

परिवार में किसी एक व्यक्ति के वर्चस्व के बजाय हर किसी को सम्मान देना परिवार की एकता के लिए आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी निर्णय में आपके परिवार के सभी सदस्यों को शामिल किया जाए। इससे वे सम्मानित और जुड़ाव महसूस करेंगे और अपने को सही मायनों में परिवार का हिस्सा समझेंगे।

यदि परिवार के किसी सदस्य को छोड़ दिया जाये, तो इससे हीनता और असंतोष की भावना बढ़ जाती है।

यदि आप कोई पार्टी या ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो परिवार के सभी लोगों को शामिल करें। बाकी यह उन पर निर्भर करता है कि वे इसमें भाग लेते हैं या नहीं।

हर किसी की मदद करके उन्हें खास होने का अहसास करवाना पारिवारिक संबंधों में बहुत अच्छा होता है।

आख़िरकार, किसी भी सदस्य के बिना एक परिवार सम्पूर्ण परिवार नहीं होता है।

4. धोखा और झूठ

बेवफाई -1

धोखा हर रिश्ते में घातक होता है। कभी-कभी तो इसकी भरपाई करने में सालों-साल लग जाते हैं।

याद रखें, अंत में जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है

यदि आप अपने परिवार के लिए ईमानदार नहीं हो सकते, तो आप किसके लिए ईमानदार हो सकते हैं? परिवार में झूठ बोलना या छोटी-छोटी बातें छिपाना आपके पारिवारिक रिश्ते के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे विश्वास टूट जाता है।

बड़ा झूठ, बड़ा नुकसान। याद रखें, आपके कर्मों का फल आप और आपके लोग दोनों को भुगतना पड़ता है।

सबसे अच्छा है कि अपनी गलतियाँ पहचानें और परिवार के साथ मिलकर उनका हल निकालें।

अपने परिवार के प्रति आपकी ईमानदारी ही उन्हें बताती है कि आप उनका कितना सम्मान करते हैं।

5. असमानता और असहिष्णुता

बचपन से आप अपने माता-पिता के नियमों और संस्कारों के अनुसार पलते हैं। आपके भाई-बहन भी समान शिक्षा प्राप्त करते हैं। लेकिन फिर भी, इसका यह मतलब नहीं कि आप पूरी तरह से एक-दूसरे के समान हैं।

एक ही छत के नीचे रहने का मतलब यह नहीं होता कि आप एक जैसी सोच, राजनीतिक दृष्टिकोण, या फिर धार्मिक आस्था रखते हैं।

हमें परिवार के अन्य सदस्यों की राय और उनकी पसंद को भी स्वीकार करना चाहिए।

जब भी आप दूसरे लोगों के साथ वैचारिक मतभेद महसूस करें, आपको उसी समय अपने पारिवारिक रिश्ते को सुधारने का प्रयास करना चाहिए।

लोगों को स्वीकार कीजिये। वे जो भी हैं, जैसे भी हैं, प्यार के अलग-अलग रूपों में से एक हैं।

6. माफ न करना या माफ़ी न मांगना

माफ़ करना

सच्चे दिल से माफी माँगना पारिवारिक रिश्तों में एक शक्तिशाली गोंद का काम करता है। कोई भी इंसान एकदम सही नहीं होता है और सबसे अच्छे परिवारों में भी तर्क-वितर्क होते हैं।

“मुझे बहुत दुःख है …” जैसे साधारण शब्द भी पारिवारिक रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।

माफी मांगकर, आप सामने वाले को मैसेज देते हैं कि आप उनकी और उनके साथ आपके रिश्ते की परवाह करते हैं।

परिवार के सदस्यों को भी ये समझना जरूरी है कि उन सभी को एक-दूसरे की ज़रूरत है।

इसके अलावा, इर्ष्या रखने से किसी को भी कुछ नहीं मिलता है, ज्यादा से ज्यादा नुकसान ही होता है। पारिवारिक रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए माफ करना और माफ़ी मांगना, दोनों आना चाहिए।



  • Villaluenga, L. (2012). COMO RESOLVER LOS CONFLICTOS FAMILIARES. LA SUMA DE TODOS, 11-62.
  • Aquilino, W. S. (2006). Family relationships and support systems in emerging adulthood.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।