हल्दी और शहद से बना जबरदस्त नेचुरल नुस्खा
हल्दी और शहद के इस नुस्ख़े में इस्तेमाल होने वाली हल्दी एक पारंपरिक मसाला है। यह ज़िंजीबरेसिया (zingiberaceae) फैमिली के पौधे से मिलती है। अदरक की जड़ भी इसी उद्भिज परिवार का हिस्सा है।
एशिया में यह बहुत आम है, खासतौर पर भारत में, जहां से दुनिया की ज्यादातर हल्दी निर्यात की जाती है।
इस पौधे की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक्टिव कंपाउंड होते हैं जिन्हें मसालों के साथ-साथ दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
असल में इसके तेज नारंगी रंग की वजह से कुछ कंपनियां इसे कपड़ों के लिये रंग बनाने के बेस के रूप में इतेमाल करती हैं।
हालांकि अगर बात करें इंसानी स्वास्थ्य की तो इसका इस्तेमाल नेचुरल एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक के रूप में किया जाता है।
इसमें ऊँची मात्रा में मौजूद करक्यूमिन (curcumin), साथ में अन्य एंटीऑक्सीडेंट, इसे तरह-तरह की बीमारियों से लड़ने और उनकी रोकथाम करने के लिए अद्भुत गुण प्रदान करती है।
इसे ध्यान में रखते हुए, एक बड़ी संख्या में परंपरागत दवायें मौजूद हैं जो सदियों से वैकल्पिक इलाज का हिस्सा रही हैं।
इनमें से एक में शहद भी मिलाया जाता है, एक ऐसा ऑर्गेनिक तत्व जो इसके असर को और ज्यादा ताकतवर बना देता है।
हल्दी और शहद का यह नुस्खा क्या-क्या फायदे देता है?
हल्दी और शहद (जिसे सुनहरी शहद कहा जाता है) का मिश्रण एक एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर प्राकृतिक नुस्खा है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
हल्दी और शहद के इस नुस्ख़े को ताकतवर नेचुरल एंटीबायोटिक भी माना जाता है। यह मिश्रण उन सभी अलग-अलग तरह के वायरस और बैक्टीरिया को ख़त्म कर देता है जो बीमरियों का कारण होते हैं।
सिंथेटिक दवाइयों के साथ इसे लेने से फायदा यह है कि इससे आंतों पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता। यहाँ तक कि, शरीर में स्वस्थ बैक्टीरिया की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए इसे भोजन में भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें भरपूर मात्रा में पॉलीफेनॉल, विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं। इसके 150 से ज्यादा औषधीय उपयोग हैं, जिनमें सूजन संबंधी परेशानियाँ और अलग-अलग प्रकार के कैंसर का इलाज शामिल है।
इसके अलावा, हल्दी और शहद के इस योग में मौजूद विटामिन C और E के कारण यह फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले नुकसान और समय से पहले उम्र बढ़ने की समस्याओं को ख़त्म करता है।
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आयुर्वेद में, भारत की प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली में हल्दी और शहद के इस नुस्खे का इस्तेमाल पाचन, लीवर और जहरीले संक्रमण से जुड़ी समस्याओं से लड़ने के लिए किया जाता है।
अपने एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण इसे गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों की सूजन जैसी बीमारियों वाले मरीजो के लिए भी असरदार देखा गया है।
इसके कुछ और महत्वपूर्ण फायदों में शामिल हैं:
- सरसीना (Sarcina), गफ्फक्या (Gaffkya), कोरीनेबैक्टीरियम (Corynebacterium) और क्लोस्ट्रिडियम (Clostridium) जैसे रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता।
- दिमाग को सुरक्षित रखता है और पागलपन के जोखिम को कम करता है।
- टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकाल फेंकता है।
- कुछ प्रकार के कैंसर ट्रीटमेंट से पड़ने वाले नुकसानदेह असर को कम करता है।
- फ्लू, सर्दी और साँसों से जुड़ी दूसरी परेशानियों को कम करता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट के इन्फेक्शन को रोकता है।
- छोटी आंत के अल्सर (duodenal ulcer) को कम करता है।
- कोलेस्ट्रॉल को घटाता है।
- फैट के मेटाबोलिज्म को बेहतर करने की क्षमता रखता है।
हल्दी और शहद का नुस्खा कैसे तैयार करें
अगर आप ऊपर बताई गयी किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इलाज में मदद पाने और तेजी से स्वस्थ होने के लिए आपको यह “सुनहरी शहद” अजमाना चाहिये।
लेकिन, साथ ही हम आपको यह भी बता देना चाहते हैं, इनके सभी फायदे पाने के लिए जरूरी है कि हल्दी और शहद 100% ऑर्गनिक हों।
जरूरी चीजें
- 4 बड़ा चम्मच शुद्ध शहद (100 ग्राम)
- 1 बड़ा चम्मच हल्दी (10 ग्राम)
नुस्खा तैयार करने की विधि
- चार चम्मच कच्चे शहद में एक चम्मच हल्दी मिलायें और मिश्रण को एक एयर-टाइड कांच के बर्तन में डाल दें।
- इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से घोल लें ताकि यह सुनिश्चित हो जाये कि दोनों चीजें आपस में पूरी तरह से मिल चुकी हैं।
हल्दी और शहद के इस नुस्ख़े को इस्तेमाल करने का तरीका
- हम एक प्रीवेन्टटिव दवा के रूप में आपको हर दिन नाश्ते से पहले 1 बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन करने की सलाह देते हैं।
- अगर आपको सर्दी है, तो आपको इसे दिन भर हर घंटे आधा चम्मच लेते रहना है। अगले दिन खुराक को आधा से कम कर दें और इसे हर दो घंटे में एक बार लें।
- इलाज लगभग तीन दिनों तक चल सकता है, या आपके लक्षणों के हिसाब से थोड़ा लंबा हो सकता है।
- ध्यान रहे! मिश्रण को पूरी तरह से घुलने तक अपने मुंह में रोककर रखें। अगर आपको लगता है, यह ज्यादा मीठा है, तो इसमें एक गिलास गर्म पानी मिला सकते हैं।
- पाचन के लिए हम आपको सलाह देना चाहेंगे कि आप हर बार खाना खाने से पहले इसका एक चम्मच पानी में घोलकर पी लें।
जरूरी जानकारी जो आपको पता होनी चाहिए …
- अगर आप पित्ताशय की समस्याओं पीड़ित हैं तो इस नुस्खे या हल्दी वाले दूसरे किसी नुस्खे का सेवन करने से बचें।
- अगर आप गर्भवती हैं या ब्रेस्ट्फीडिंग करती हैं, तो हल्दी और शहद के इस नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये।
- हल्दी खून को पतला करने वाली दवाओं के असर में हस्तक्षेप कर सकती है। अगर आप दिल और सर्कुलेशन के स्वास्थ्य के लिए दवाईयां ले रहे हैं तो किसी स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिये।
- अगर आपकी किसी भी तरह की सर्जरी होने वाली है, तो हल्दी और शहद के इस नुस्ख़े को लेने से बचें।
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