8 लक्षण जो बताते हैं, आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं
अपने शरीर के सही स्थिति में बने रहने व स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रहने के लिए आपको रोज़ाना 6 से 8 कप तक पानी पीना चाहिए। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताएँगे, जो पानी की कमी की वजह से आपके शरीर में पैदा हो सकते हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। अच्छी गुणवत्ता भरी ज़िन्दगी के लिए आपके शरीर का पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी होता है।
ख़ासकर लंबे समय तक पानी न पीने से आपके शरीर की प्रणालियाँ एक-एक कर बंद पड़ने लग सकती हैं। पानी की यह कमी आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाली प्रतिक्रियाओं का एक अनवरत सिलसिला शुरू कर देती है।
आप मानें या न मानें, पर आपके शरीर का 75-80% हिस्सा इस आवश्यक तरल से बना होता है। हमारे दिमाग और सर्कुलेटरी सिस्टम के स्वास्थ्य समेत हमारे शरीर की कई अन्य प्रणालियों का गुज़ारा पानी के बगैर चल ही नहीं सकता।
खुशकिस्मती से, यह प्राकृतिक संसाधन हम सभी के लिए आसानी से उपलब्ध होता है। दरअसल अपने शरीर में पानी की भरपाई हम कई तरह के फल-मूल और सब्ज़ियाँ खाकर भी कर सकते हैं।
लेकिन परेशानी तो यह है कि ज़्यादातर लोग रोज़मर्रा के उनके उपभोग के शारीरिक और मानसिक फायदों से बेखबर रहते हैं।
और देर-सवेर डिहाइड्रेशन के लक्षणों के हानिकारक प्रभाव उन्हें अपनी चपेट में ले ही लेते हैं।
1. मुंह सूखना (Dry mouth)
मुंह में एक चिपचिपे-से, असहज एहसास के पीछे डिहाइड्रेशन की वजह से हमारे मुंह में बनती थूक की कम मात्रा का हाथ होता है।
पानी पीने से हमारे मुंह और गले के म्यूकस मेम्ब्रेन चिकने हो जाते हैं। उन्हें सेहतमंद और संक्रमण-मुक्त रखने के लिए यह बेहद ज़रूरी होता है।
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2. प्यास लगना (Feeling thirsty)
जी हाँ, यह तो पानी की कमी का सबसे स्पष्ट नतीजा होता ही है। हमें प्यास लगना हमारे शरीर में तरल की कम मात्रा का सबसे पहला संकेत जो होता है।
अक्सर यह हैंगओवर का भी एक लक्षण होता है, क्योंकि शराब आदि हमारे शरीर को डिहाइड्रेट कर उसके ऊर्जा-स्तर को कम कर देते हैं।
सुचारू रूप से काम करते रहने और तरल की ज़रूरी मात्रा पाने के लिए आपका दिमाग चेतावनी वाले ये संकेत आपको भेजने लगता है।
3. आँखों का सूखापन (Dry eyes)
रोज़ाना पानी पीने से सिर्फ़ आपका मुंह और गला ही नहीं, बल्कि आपकी आँखें व शरीर के बाकी ज़रूरी अंग भी नम हो जाते हैं।
हमारे शरीर में पानी की कमी की वजह से होने वाली ऑक्सीजन की कमी आंसू की हमारी नलिकाओं को सुखा देती है।
4. जोड़ों का दर्द (Joint pain)
हमारे जोड़ों की रक्षा करने वाले कार्टिलेज और स्पाइनल डिस्क का 80% हिस्सा पानी से बना होता है।
इसीलिए हड्डियों को घिसने से रोकने और जोड़ों को चोट से बचाने के लिए आपके शरीर को रोज़ाना पानी की अच्छी-खासी मात्रा चाहिए।
जब आपका शरीर हाइड्रेटेड होता है तब आपके जोड़े नम रहते हैं व रोज़मर्रा के झटकों को सहन कर पाते हैं।
पानी की कमी से चोट लगने, वक़्त से पहले ही उनके खराब हो जाने व आर्थराइटिस जैसे स्थायी रोगों की चपेट में आ जाने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
5. मसल मास कम हो जाता है (Muscle mass decreases)
आपकी मांसपेशियों का भी ज़्यादातर हिस्सा पानी नाम के इसी अमृत से बना होता है। इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि आपके शरीर में पानी जितना कम होगा, आपकी मांसपेशियों का मास भी उतना ही कम हो जाएगा।
डिहाइड्रेशन से बचने और अपनी मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कसरत से पहले, कसरत के दौरान और कसरत के बाद पानी पीना बेहद ज़रूरी होता है।
ऐसा करके आप अपने शरीर में रक्तसंचार को बनाए रखते हैं व मांसपेशियों की खिंचाव से होने वाली सूजन से बचे रह पाते हैं।
6. अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे तो आपके बीमार होने का जोखिम बढ़ जाता है
हमारे शरीर से टॉक्सिन को निकाल बाहर करने वाली सफ़ाई प्रक्रियाओं को बरक़रार रखने के लिए भी हमें पानी पीते रहना चाहिए।
शरीर में पानी की कमी हो जाने पर हमारे अंग ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। इम्यून सिस्टम काफ़ी कमज़ोर हो जाता है।
नतीजतन गंभीर बीमारियाँ फैलाने वाले बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं के प्रति शरीर अतिसंवेदनशील हो जाता है।
7. थकान महसूस होना (Feeling of tiredness)
हमारे शरीर के कोने-कोने तक खून और कोशिकाओं तक ठीक से ऑक्सीजन के पहुँचने के लिए भी पानी की ज़रूरत होती है।
डिहाइड्रेशन से सिर्फ़ हमारी धमनियों में बहता खून ही प्रभावित नहीं होता। वह ऑक्सीजन को भी हमारे दिमाग में जाने से रोकती है।
इसके फलस्वरूप होने वाली थकान, मानसिक कमज़ोरी और अन्य लक्षण आपके रोज़मर्रा के काम में बाधा डालने लगते हैं।
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8. पाचन तंत्र के रोग (Digestive disorders)
दिनभर में पर्याप्त मात्रा में तरल न मिलने पर हमारे पाचन तंत्र में गड़बड़ होने लगती है।
नियमित रूप से मल को निकाल बाहर करने के लिए हमारी आँतों की आवश्यक हरकतों को पानी से मदद मिलती है।
पानी हमारे पेट में मौजूद खाने के लिए मॉइस्चराइज़र का काम करता है। इस तरह यह शरीर के लिए बेकार भोजन के बचे हुए अवशेष को मल के रूप में बाहर निकाल देता है।
सही हाइड्रेशन के बिना हमारे पेट में मौजूद म्यूकस की परत पतली होती जाती है। ऐसे में हार्ट बर्न, रिफ्लक्स और गैसट्राइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
जैसाकि आप देख सकते हैं, हमारे शरीर में पानी की एक अहम भूमिका होती है। पानी को पर्याप्त मात्रा में पीना इन सभी समस्याओं से खुद को बचाए रखने का एक सेहतमंद उपाय होता है।
आमतौर पर आपको दिन में 6 से 8 कप पानी पीना, या फ़िर स्मूदी, चाय और जैविक खाद्य उत्पादों का सेवन करना चाहिए।
Murray, B. (2007). Hydration and Physical Performance. Journal of the American College of Nutrition. http://doi.org/10.1080/07315724.2007.10719656