ब्रोकली के अविश्वसनीय फायदे

फूलगोभी खाने के कई फायदों में से एक यह है कि उसमें मौजूद आयरन और पोटैशियम, एनीमिया और जोड़ों के दर्द से मुकाबला करने में हमारी मदद करते हैं।
ब्रोकली के अविश्वसनीय फायदे

आखिरी अपडेट: 07 नवंबर, 2018

कुछ लोगों की चहेती और कुछ लोगों की रातों के बुरे सपने जैसी फूलगोभी “पेड़” के आकार वाली एक हरी सब्ज़ी होती है। बंदगोभी ही की तरह, फूलगोभी भी क्रुसिफर जाति से ताल्लुक रखती है।

काफ़ी बड़ी मात्रा में उगाई जाने वाली इस सब्ज़ी का हरा रंग सबका ध्यान अपनी ओर खींचता है। वहीँ दूसरी तरफ़, इसकी लंबी डंडी खाने लायक नहीं होती।

इस लेख में हम पोषक तत्वों से युक्त फूलगोभी की सेहतमंद खूबियों के बारे में आपको बताएँगे।

फूलगोभी से हमें क्या-क्या फायदे होते हैं?

फूलगोभी से हमें क्या फायदा होता है?

फूलगोभी ठंडे मौसम में उगने और झुलसानेवाली गर्मियों में पनपने वाला एक पौधा होता है। आमतौर पर उसे उबाल कर खाया जाता है (हाँ, उसे कच्चा ही खा लेने वाले लोगों की संख्या में भी आजकल एक बढ़ोतरी आ रही है)। और तो और, इसका स्वाद भी गोभी जैसा ही होता है।

फूलगोभी के प्रमुख उत्पादकों में चीन, भारत, अमेरिका, स्पेन और इटली शामिल हैं।

स्वादिष्ट होने के साथ-साथ फूलगोभी कई पोषक तत्वों से युक्त भी होती है। उसमें सबसे ज़्यादा मात्रा में पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं: विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम।

फाइबर, सेलेनियम और ल्यूटिन की भी उसमें अच्छी-ख़ासी मात्रा होती है। वह फोलिक एसिड, आयरन और विटामिन ए से भी भरपूर होती है।

फूलगोभी: दवा या खाना?

हम जानते हैं कि ऐसे बहुत से फल और सब्ज़ियाँ हैं, जिनका अपने पोषक तत्वों की वजह से कई घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया जाता है।

बात जब फूलगोभी की आती है तो उसकी ख़ासियत उसकी अनेकों सेहतमंद खूबियों में होती है।

फाइटोकेमिकल्स  की बदौलत, फूलगोभी के इन फायदों की पुष्टि की जा चुकी है:

कैंसर से बचाव

कैंसर वाली कोशिकाओं से हमें बचाए रखने के ज़िम्मेदार ग्लुकोसिनोलेट्स  फूलगोभी में मौजूद होते हैं। कैंसर का खात्मा करने वाला सिनिग्रिन  नामक एक और तत्व भी इस सब्ज़ी में होता है। सिनिग्रिन, पेट और आँतों में मौजूद प्रीकैंसरस ट्यूमर कोशिकाओं को प्राकृतिक रूप से ख़त्म कर देता है

ग्लुकोसिनोलेट्स हमारे शरीर के इन हिस्सों को भी कैंसर से बचाए रखते हैं:

  • गला
  • धूम्रपान करते लोगों का मुंह या फेफड़े
  • महिलाओं के स्तन
  • पुरुषों का प्रॉस्टैट

इतना ही नहीं, यह हरी सब्ज़ी लीवर के कैंसर से भी हमारा बचाव करती है।

हमारे दिल का ख्याल रखती है

फूलगोभी में पाए जाने वाला फोलिक एसिड सिर्फ़ इसलिए ही बेहद ज़रूरी नहीं होता कि ठीक ढंग से आयरन को सोखकर वह भ्रूण को विकृत होने से बचाता है, बल्कि इसलिए भी कि वह हमें दिल की बीमारियों से दूर रखता है।

होमोसाइस्टीन  के स्तर को कम करके फूलगोभी में मौजूद फोलिक एसिड हमें दिल के दौरे, एरिथिमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे से बचाए रखता है। हाई ब्लड प्रेशर से परेशान लोगों को भी इसका सेवन करना चाहिए।

एनीमिया को कम करती है

फूलगोभी, एनीमिया से हमारा बचाव करती है

फूलगोभी उन गिनी-चुनी सब्ज़ियों में से एक है, जिनसे हमें सबसे ज़्यादा मात्रा में आयरन मिलता है। इसीलिए एनीमिया के मरीज़ों के लिए वह किसी अमृत से कम नहीं होती।

एनीमिया से हमारी रक्षा करने में भी यह सब्ज़ी कुछ कम कारगर नहीं होती। एनीमिया की चपेट में आ सकने वाले लोगों को फूलगोभी ज़रूर खानी चाहिए, जैसे कि:

  • गर्भवती महिलायें
  • लंबे-लंबे पीरियड्स से गुज़रने वाली महिलायें
  • लगातार नकसीर से जूझते लोग
  • स्तनपान करवाती महिलायें

पाचन-क्रिया में मददगार

फूलगोभी में मौजूद विटामिन बी कॉम्पलेक्स, एन्ज़ाइम्स बनाने में मददगार होता है। ऐसा ही एक एन्ज़ाइम है पेप्सिन, जो खान-पान को पचाने में हमारे पेट की सहायता करता है।

अगर आप गैस से परेशान हैं या आपके पेट में मौजूद सूक्ष्मजीव अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे तो आपको पोषक तत्वों से युक्त इस सब्ज़ी को हफ़्ते में कम से कम एक बार तो ज़रूर खाना चाहिए।

फाइबर की अपनी मात्रा की बदौलत यह हरी सब्ज़ी शौच करने में आपकी मदद करती है, बचे-खुचे मल को आपके शरीर से निकाल बाहर कर उसे टॉक्सिन्स से मुक्त करती है, और आपको भरा-भरा महसूस करवाती है।

इसीलिए खाने-पीने को लेकर परेशान रहने वाले या डाइटिंग कर अपना वज़न कम करने को इच्छुक लोगों के लिए यह एकदम सही होती है।

डिप्रेशन और घबराहट का इलाज

फूलगोभी खाकर न सिर्फ़ हमारा पेट भरा-भरा सा लगता है, बल्कि हमारा मूड और सेहत भी अच्छे बने रहते हैं। इसके पीछे कारण यह होता है कि फूलगोभी डोपामाइन के बनने में एक अहम भूमिका निभाती है। इससे हमारी घबराहट, तनाव और डिप्रेशन में भी कमी आ जाती है।

दूसरी तरफ़, इस सब्ज़ी में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम:

  • हमारी नींद को नियंत्रित कर हमें इनसोम्निया (अनिद्रा) से बचाते हैं।
  • हमारी नसों और मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं।
  • हमारे दिल की धड़कनों को काबू में रखते हैं।
  • हमारी ऊर्जा को बढ़ा देते हैं।

फूलगोभी खाने का मतलब सेहत और ख़ुशी को दावत देना होता है।

तरल के अवरोधन (फ्लूइड रिटेंशन) को रोकती है

ज़रूरत से ज़्यादा नमक खा लेने से हमारे शरीर में जमा हो जाने वाले सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने का ज़िम्मा फूलगोभी में मौजूद पोटैशियम पर होता है। अगर आप एडीमा, हाई ब्लड प्रेशर या मोटापे से परेशान हैं तो फूलगोभी को बेझिझक अपने आहार में शामिल कर लें।

जोड़ों के दर्द को कम करती है

फूलगोभी के शानदार फायदे

पोटैशियम और गुल्टैथियोन की अपनी मात्रा की वजह से फूलगोभी हमारे जोड़ों में तरल (सीरमी) के जमाव को कम कर सकती है। आर्थराइटिस और आर्थरोसिस की मरीज़ों के लिए यह एकदम सही सब्ज़ी होती है।

हमारे रूप-रंग में निखार लाती है

इस क्रुसिफर सब्ज़ी के एंटीऑक्सीडेंट गुण हमारे शरीर को डीटॉक्सिफाई कर उसे और भी खूबसूरत और जवान बना देते हैं।

हमारे लीवर के कामकाज में सुधार लाकर हमारे खून की सफाई करने की क्षमता इसमें होती है (जिसका फायदा हमारे साफ़ रंग के तौर पर सामने आता है)। फूलगोभी हमारे बालों को झड़ने से भी रोक सकती है और त्वचा की समस्याओं (कील-मुहांसे, सूखापन, दाग-धब्बे, झुर्रियां) से हमारी रक्षा भी कर सकती है।

आपकी थाईरॉइड ग्रंथि को काबू में रखती है

फूलगोभी हमारी थाईरॉइड ग्रंथि को नियंत्रित रखती है

फूलगोभी समेत ब्रैसिकाके  परिवार की सारी की सारी सब्ज़ियाँ थाईरॉइड हॉर्मोन के उत्पादन में कमी ला सकती हैं। इसीलिए हाइपरथाईरॉइडिज़्म के रोगियों को इसे खाने का सुझाव दिया जाता है।

अगर आप हाइपोथाईरॉइड के मरीज़ हैं तो इस सब्ज़ी का सेवन थोड़ा संभलकर करें क्योंकि आपके थाईरॉइड के स्तर को कुछ ज़्यादा ही नीचे लाकर यह आपके लिए परेशानियाँ भी खड़ी कर सकती है।

फूलगोभी का पूरा फायदा उठाने के लिए उसे सिर्फ़ 3-5 मिनट तक ही उबालें ताकि उसके फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व गायब न हो जाएँ (उच्च तापमान पर उसके कई पोषक तत्व भाप बनकर उड़ जाते हैं)। फिर जैतून के तेल और लहसुन का इस्तेमाल कर उसे और स्वादिष्ट बना लें।

आपकी सेहत के लिए यह सब्ज़ी एक बेहद लजीज़ और लाभकारी विकल्प साबित होती है!



  • Ke, J., & Ford-Jones, E. L. (2015). Food insecurity and hunger: A review of the effects on children’s health and behaviour. Paediatrics and Child Health (Canada). https://doi.org/10.1093/pch/20.2.89
  • Zamora, E. (2016). EL cultivo del brócoli. Departamento de Agricultura y Ganadería de La Universidad de Sonora-Hermosillo. Campo.
  • Tano, K., Kamenan, A., & Arul, A. J. (2005). RESPIRATION AND TRANSPIRATION CHARACTERISTICS OF SELECTED FRESH FRUITS AND VEGETABLES. Agronomie Africaine. https://doi.org/10.4314/aga.v17i2.1662

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।