7 प्राकृतिक नुस्खे: मुंह के छालों के उपचार के लिये
मुंह के छाले या अल्सर छोटे सफ़ेद क्षेत्र होते हैं जिनके किनारे लाली लिए होते हैं। वे आमतौर पर गाल, जीभ और तालु पकी म्यूकस मेम्ब्रेन पर उभरते हैं।
हालांकि, दिखने में वे मुंह में निकले छालों की तरह लग सकते हैं, पर मुंह के छाले पूरी तरह से अलग हैं।
दरअसल वे संक्रामक नहीं हैं और मुंह से बाहर नहीं उभरते।
फिर भी, मुंह के छालों का अचानक नजर आना कमजोर इम्यून सिस्टम, साथ ही स्ट्रेस, चोट या साफ़-सफाई की खराब आदतों का संकेत हो सकता है।
मुँह के छालों के लिए हमारे सबसे पसंदीदा प्राकृतिक नुस्खे
वे कुछ दिनों बाद खुद ही ग़ायब हो जायेंगे। फिर भी, उन्हें तेजी से ठीक करने और किसी भी इन्फेक्शन से बचने के लिए कुछ खास तरह के नुस्खों का प्रयोग करना एक अच्छा विचार है।
आज मुंह के छालों के लिए हमारे सबसे पसंदीदा प्राकृतिक नुस्खों में से सात की जानकारी आपसे शेयर करना चाहते हैं:
1. लहसुन (Garlic)
लहसुन एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टिरीयल गुणों से युक्त मसाला है। इसे सीधे प्रभावित स्थान पर लगाने पर यह मुंह के इन्फेक्शन को रोकने में मदद कर सकती है।
लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नाम का एक्टिव कम्पाउंड घावों की सूजन और जलन को कम करने और कोशिकाओं के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद करता है। इससे स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया में तेजी आती है।
प्रयोग-विधि
- लहसुन की एक कली को पीसें और पेस्ट को दो से तीन मिनट तक अपने मुंह के छालों पर रगड़ें।
- ढेर सारे पानी से कुल्ला करें और इस नुस्खे को दिन में दो बार दोहराएं।
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2. बेकिंग सोडा (Baking Soda)
बेकिंग सोडा उन समस्याओं के लिए एक पारंपरिक उपचार है जो आपके मुंह की सेहत पर सर डालते हैं।
इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व मौजूद होते हैं जो मुंह के छालों को जल्द से जल्द ठीक करने में अपना योगदान देते हैं।
इसका इस्तेमाल प्रभावित हिस्सों के आसपास इन्फेक्शन होने के खतरे को कम कर देता है। क्योंकि बेकिंग सोडा आपके pH लेवल को बनाये रखने में मददगार है, इसलिए यह आपकी स्किन को स्वस्थ बनाने में भी योगदान दे सकता है।
प्रयोग-विधि
- थोड़ा बेकिंग सोडा लेकर उसे पानी से गीला करें और पेस्ट को प्रभावित हिस्सों पर रगड़ें।
- ब्रश करने के बाद हर दिन इसे दोहराएं।
3. चकोतरा के बीजों का अर्क (Grapefruit Seed Extract)
चकोतरा के बीजों के नेचुरल अर्क में शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स होते हैं जो मुंह के इन्फेक्शन को बढ़ावा देने वाले कीटाणुओं को ख़त्म करने में मदद कर सकते हैं।
इसके एंटीऑक्सिडेंट और कीटाणुनाशक यौगिक सूजन को कम करने और दुर्गंध को रोकने के साथ-साथ घाव के आसपास की त्वचा की रक्षा करते हैं।
प्रयोग-विधि
- एक कप गर्म पानी में कुछ बूँद चकोतरा के बीजों का अर्क मिलाएं। अपने दाँतों पर ब्रश करने के बाद माउथवॉश के रूप में इसका उपयोग करें।
- इस प्राकृतिक उपाय को दिन में तीन बार तक करें।
4. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड (Hydrogen Peroxide)
हाइड्रोजन पेरॉक्साइड में मौजूद कीटाणुनाशक और स्वास्थ्यवर्धक गुण इसे मुंह के छालों से मुकाबले के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक नुस्खों में से एक बनाते हैं।
इसे सीधे प्रभावित स्थान पर लगाने से टिशू की सेहत में सुधार में तेजी आ सकती है और बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है।
प्रयोग-विधि
- एक स्टेराइल कॉटन ब्रश को हाइड्रोजन पेरॉक्साइड में डुबायें और इसे छालों के ऊपर रगड़ें।
- इस उपाय को दिन में तीन से चार बार दोहराएं।
विकल्प के तौर पर आप थोड़े पानी में एक बड़ा चम्मच हाइड्रोजन पेरॉक्साइड मिला सकते हैं और उसे एक माउथवॉश के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
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5. पेपरमिंट ऑयल (Peppermint Oil)
पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल (एक प्रकार के पुदीने का तेल) में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो मुंह के छालों से होने वाले इन्फेक्शन को रोकने में मदद कर सकते हैं।
प्रयोग-विधि
- एक स्टेराइल कॉटन ब्रश को पेपरमिंट ऑयल में भिगोयें और इसे सावधानीपूर्वक अपने छालों पर लगायें।
- अपनी आवश्यकता के अनुसार इस नुस्खे को दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
6. सादी दही (Plain Yogurt)
दही में मौजूद लैक्टिक एसिड आपके मुंह में म्यूकस के pH लेवल को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि यह एसिडिटी को कम करने और स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिये उपयोगी हो सकता है।
सादी दही को सीधे छालों पर लगाने से उनके द्वारा प्रभावित त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है और इन्फेक्शन को रोका जा सकता है।
प्रयोग-विधि
- दिन में कम से कम आधा कप सादी दही का सेवन करें। यह भी सुनिश्चित करें कि यह प्रभावित हिस्सों के संपर्क में आये।
7. हल्दी का पेस्ट (Turmeric Paste)
हल्दी से बना पेस्ट मुंह के छालों और मुँह से जुड़ी दूसरी समस्याओं के लिए सबसे असरदार प्राकृतिक नुस्खों में से एक हो सकता है।
इस जड़ में करक्यूमिन (curcumin) नाम का एक एक्टिव कम्पाउंड होता है। जो इसे एक खास रंग देने के साथ-साथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण भी प्रदान करता है।
प्रयोग-विधि
- थोड़ी मात्रा में पिसी हुई हल्दी लें, इसे पीने के पानी में गीला करें और पेस्ट को अपने छालों पर लगा दें।
- कुल्ला करने से पहले पेस्ट को दो से तीन मिनट के लिए छोड़ दें।
- रोज़ाना दिन में दो से तीन बार इस नुस्खे का प्रयोग करें।
अगर आप या आपका कोई परिचित मुंह के छालों से परेशान है, तो तेजी से स्वस्थ होने में मदद पाने के लिए इन प्राकृतिक नुस्खों को ज़रूर आजमायें।
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