मैं अपने पार्टनर को प्यार करता हूँ, लेकिन उसे पहले की तरह नहीं चाहता
मैं अपने पार्टनर से प्यार करता हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि पैशन क्यों ख़त्म हो गया है, और मैं उसे वैसे नहीं चाहता जैसे पहले करता था। मैं क्या करूँ? क्या यह मेरे रिश्ते का अंत है?
मुझे यकीन है, आपने इस असमंजस में पहले खुद को पाया है। आप कुछ समय से अपने पार्टनर के साथ रहे हैं और उसके बारे में क्रेजी हैं, लेकिन सब बदल गया है।
हैबिट और रूटीन का सेक्स लाइफ पर ऐसा असर पड़ता है। नॉवेल्टी कम हो गई है, स्पार्क कम हो गया है, और इससे आप सोचने लगते हैं कि शायद संबंध ख़त्म होने वाला है।
इससे परेशान नहीं होना चाहिए। यौन इच्छा में कमी एक ऐसी चीज है जो पूरी तरह से नेचुरल है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपका रिश्ता बुरा चल रहा है।
अगर आप पार्टनर को पहले की तरह नहीं चाहते हैं, तो घबराएं नहीं!
जब आप पहले की तरह अपने पार्टनर की चाहत नहीं रखते हैं, तो हो सकता है आपका जेहन आपको हताश महसूस करा रहा है, और शुरुआत में वापस लौट जाने के तरीकों के बारे में सोच रहा है। हालांकि, जैसा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं, अतीत में वापस जाना असंभव है।
कभी-कभी, हम अतीत की यादों का इस्तेमाल करते हैं और उससे अपने साथी के चेहरे को रोशन करते हैं। हम उसके उन कार्यों के बारे में बताते हैं जो वह अब नहीं कर रहा है। हालाँकि, ऐसा करने से बिल्कुल भी मदद नहीं मिलती है।
समाज हमें सिखाता है कि जब चीजें बदल जाएँ तो “ड्रामा मोड” में जाने का वक्त आ गया है। यह चीजों को बदलने का एक नकारात्मक तरीका है।
हम जानते हैं, बदलाव महेशा खराब नहीं होता हैं। दरअसल इच्छा में कमी हमें एक नया गोल स्थापित करने की सहूलियत देती है। यह एक साथ रहने या बच्चे होने की तरह ही एडजस्ट करना है।
समस्या यह है कि हमने एक रिलेशनशिप में सेक्स के अर्थ को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर देखा है। इस वजह से हम कोई बहुत अच्छा आचरण नहीं कर पाते हैं। इस तरह हम दूसरे व्यक्ति को दोषी ठहराते हैं और ज्यादा स्ट्रेस पैदा कर बैठते हैं।
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क्यों अब आप अपने पार्टनर की इच्छा नहीं रखते?
“ड्रामा मोड” में आने से पहले यौन संबंधों में ऐसी बड़ी गिरावट आने के संभावित कारणों का विश्लेषण करना अहम है।
बहुत से कारण हो सकते हैं। खुद के प्रति ईमानदार होने से इस रिश्ते को नुकसान पहुंचाने से बचेंगे। साथ ही खुद को और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से भी।
यहां कुछ मसले दिए गए हैं जिनकी आप पहचान कर सकते हैं:
- मैं उसकी पहले जैसी चाहत नहीं रखता था क्योंकि मैं कुछ हैबिट और रूटीन को बनाए रखने में ही सुरक्षित महसूस करता हूं। इन सबके पीछे किसी भी बदलाव के प्रति खौफ़ है।
- अपने साथी से छोटी-छोटी मीठी बातें करना बंद कर दिया है या उसे उन छोटे-छोटे तरीकों से यह दिखाना बंद कर दिया है कि मैं उससे कितना प्यार करता हूँ।
- जीवन में काम और अर्थव्यवस्था का बहुत ज्यादा दबाव है जो मुझे हरदम खराब मूड में रखता है। मेरा साथी मेरी सारी हताशा से बेखबर है।
- ऐसी समस्याएं हैं जिनका मैंने सामना नहीं करने का फैसला किया है। इसमें साथी के साथ बहुत कम या पूरा कम्युनिकेशन न होना भी शामिल है। वह हमेशा काम कर रहा है, और बेवफा है।
- दरअसल, मैं अब उससे प्यार नहीं करता, लेकिन मैं अपने साथी के साथ ही रहना चाहता हूं क्योंकि मैं उसके साथ सहज महसूस करता हूं और मुझे किसी और की तलाश करने में डर लगता है।
रिश्तों से जुड़ी समस्याओं में अस्वीकृति पहली प्रतिक्रिया होती है। फिर भी यह मददगार नहीं है, और यह समस्या को हल नहीं करती है।
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थेरेपी
पिछले सुझावों के बावजूद भी अगर कपल अपने पैशन की कमी से जुड़ी समस्या को हल न कर पाये तो थेरेपिस्ट से सलाह लेना अहम हो सकता है। हालाँकि, इस मामले में सही वक्त पर अमल करना ज़रूरी है।
हम किस बात का जिक्र कर रहे हैं? हमें इस स्थिति के लिए दूसरे व्यक्ति को दोषी ठहराना बंद करना होगा। हमें जो करना चाहिए, वह है, अपनी आँखें खोलना और अपने विचारों के पीछे खुद को नहीं छिपाना चाहिए। हममें दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण के लिए खुलापन होना चाहिए। जैसा कि हमने बताया है, हमें इनकार का रवैया नहीं अपनाना चाहिए।
क्या हमें रूटीन के कम्फर्ट को छोड़ना शुरू करना चाहिए और बदलाव लाने चाहिए? क्यों न उन नई चीजों को आजमाया जाए जो रिश्ते को नई ज़िन्दगी दें? क्या हमें रिलैक्स करना चाहिए और उम्मीद करनी चाहिए कि स्पार्क अपने आप कहीं से लौट आये?
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