पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम सिर्फ आपके प्रजनन संबंधी सेहत पर ही असर नहीं डालता। इसके भावनात्मक असर भी हो सकते हैं और यह आपके कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में समस्याएं खड़ी कर सकता है। इस लेख में इसके बारे में ज्यादा जानकारी लें।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण

आखिरी अपडेट: 30 जून, 2019

कुछ अस्पष्ट कारणों से कोई महिला ऐसे हॉर्मोन संबंधी बदलावों का अनुभव कर सकती है, जो आखिरकार पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome, PCOS) के रूप में विकसित हो सकते है। इसलिए इसके लक्षणों को जान लेना हर महिला के लिए ज़रूरी है।

महिलाओं में यह रोग स्टीन-लेवेन्थल सिंड्रम (Stein-Leventhal syndrome) के नाम से भी जाना जाता है। 5-10% प्रजनन आयु की महिलाएंँ इससे पीड़ित होती हैं। इसके लक्षण आपके जीवन पर कई अलग-अलग तरीकों से असर डाल सकते हैं। सबसे जटिल और नाजुक समस्याओं में इसका गर्भधारण में मुश्किल पैदा करना है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जुड़ी हॉर्मोन समस्याओं पर काबू पाने के लिए ववेट लॉस प्रोग्राम का अनुसरण करना और गर्भनिरोधक गोलियाँ लेना सामान्य है।

आज हम इस विषय पर कुछ गहराई से खोज करना और इसके कुछ दूसरे दर्जे के लक्षणों पर फोकस करना चाहते हैं। हम उन संकेतों की बात करेंगे जो ज्यादा जाने-पहचाने नहीं हैं, पर जो इसका संकेत हो सकते हैं कि आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम है।   

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जुड़े लक्षण

यदि आपको डायबिटीज, मोटापा या अनियमित पीरियड आ रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं हैं कि आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने वाला है।

  • इनमें से कई लक्षणों की इकट्ठे उभरना जरूरी है।
  • आपको यह महसूस हो सकता है कि शरीर में “कुछ गड़बड़” है या कुछ बदल गया है।
  • आपको इनमें से हरेक लक्षण को अलग करके नहीं देखना चाहिए।
  • ये सभी संकेत हो सकते हैं कि आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम है।

पर याद रखिए, यदि आपको कोई भी प्रश्न हो तो गाइनेकोलॉजिस्ट से मिल कर एक आसान जाँच करा लेना आपके लिए सबसे अच्छा है

इन्सुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance)

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण-डायबिटीज़, हाइपरटेंशन

इन्सुलिन रेजिस्टेंस या हाइपरइन्सुलिनेमिया   (hyperinsulinemia) एक मेटाबोलिक गड़बड़ी के कारण होता है। यह आपके शरीर को इन्सुलिन का भरपूर इस्तेमाल करने में अक्षम बना देता है।

  • जब आपको हॉ्मोनल बदलाव महसूस होता है, तब इन्सुलिन और पैंक्रियाज़ से इसके उत्पादन में बदलाव होना भी सामान्य है
  • थोड़ा-थोड़ा करते हुए, आपके शरीर में ग्लूकोज़ का जरूरत से ज्यादा उत्पादन होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज़ की ओर ले जा सकता है।

शरीर में अत्यधिक बाल (Excessive body hair)

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के सबसे आम सेकेंडरी सिम्पटम में हर्सूटिज़म (Hirsutism) अर्थात अतिरोमता (शरीर पर ज्यादा बाल होना) भी एक है।

इन अंगों पर ज्यादा बाल हो सकते हैं :

  • चेहरा
  • गरदन
  • पीठ
  • सीना
  • नितम्ब

बालों की यह बढ़त उन जगहों पर होती है जहाँ परम्परागत रूप से पुरुषों के बाल निकलते हैं। इसका कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के दौरान महिलाओं में अतिरिक्त एंड्रोजेन हॉर्मोन का उत्पादन होना है।

पर इसके बहुत से अलग-अलग कारण हैं। यह डायग्नोसिस करने के लिए आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए कि यह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का लक्षण है या नहीं।

गंजा होना या असामान्य रूप से बालों का झड़ना (Balding, abnormal hair loss)

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम

एंड्रोजेनिक ऐलोपेशिया (Androgenic alopecia) पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के सबसे स्पष्ट संभव कारणों में से एक है। एक बार फिर, हॉर्मोन में बदलाव इसके कारण हैं। उचित मेडिकल इलाज से बालों का झड़ना रुक सकता है और आप बालों को स्वस्थ बना सकती हैं।

डिप्रेशन, एंग्जायटी, स्ट्रेस (Depression, anxiety, stress)

डिप्रेशन की डायग्नोसिस होने के बाद सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इसके असली कारण की जानकारी नहीं होती।

  • मत भूलिए कि आपकी कई भावनात्मक समस्याओं की जड़ हॉर्मोन में हो सकती है। इसका इलाज दवाइयों से आसानी से किया जा सकता है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जुड़ी हॉर्मोन समस्याओं के कारण शरीर के अंदर का कोई भी अंग ठीक से काम नहीं करता।
  • इन्सुलिन रेजिस्टेंस होने के कारण आपका शरीर बहुत ज्यादा कोर्टिसोल (cortisol) का उत्पादन करता है
  • कोर्टिसोल तनाव से जुड़ा हॉर्मोन है। आप पर एंग्जायटी छा जाती है और जीवन की क्वालिटी बदतर हो जाती है।
  • थोड़ा-थोड़ा करके इससे डिप्रेशन की स्थिति आती है।

इसलिए, याद रखिए, जब आप खुद को अपनी भावनाओं के काबू में महसूस करती हैं, किसी डॉक्टर से मदद लीजिए। अपने डॉक्टर से खून की जाँच कराएं और पता लगाइए कि यह कहीं हॉर्मोन में बदलाव से तो नहीं हो रहा है।

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ना

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के बारे में सबसे जटिल चीज यह है कि यह महिलाओं में, कभी-कभी छोटी उम्र से ही, बहुत गंभीर समस्याएँ खड़ी कर सकता है।

20 वर्ष से कुछ ही ऊपर की लड़कियाँ वजन की समस्या, डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से भुगत सकती हैं।

ये सभी लक्षण कम उम्र में हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरे बढ़ सकते हैं

हॉर्मोन विकारों से संबंधित मेटाबोलिक बदलाव कोलेस्ट्रॉल में बदलाव पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) कम हो सकता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ सकता है।

रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स (triglyceride) की मात्रा बढ़ जाना भी इसमें आम है। इससे रक्तवाहिकाएं अपना लचीलापन खो सकती हैं जिससे आर्टेरियोस्क्लेरोसिस (arteriosclerosis) हो सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS)

अंतिम चीज, जिसे हम बताना चाहते हैं, वह यह है कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के सबसे स्पष्ट लक्षण अनियमित मासिक स्राव (irregular periods), गर्भधारण में कठिनाई और अत्यधिक वजन बढ़ना (excess weight) हैं।

इसके लिए वक्त पर हमेशा सही डायग्नोसिस और सही इलाज की खोज करनी चाहिए।

हेल्दी डाइट, व्यायाम, तनाव कम करना और नियमित मेडिकल जाँच आपके जीवन की क्वालिटी वापस लाने में मदद कर सकते हैं।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।