प्राकृतिक नुस्खों से वेजाइनल कैंडिडिऑसिस का इलाज कैसे करें
वेजाइनल कैंडिडिऑसिस वह संक्रमण है जो फंगस की कई नस्लों के कारण होता है , खासतौर पर कैंडिडा एलबाइकंस (Candida albicans) से। यह संक्रमण सामान्य इम्यून सिस्टम वाले लोगों में आम है। फिर भी यह इंफेक्शन खासतौर पर सामान्य या लम्बे समय से डायबिटीज से पीड़ित लोगों, एड्स के रोगियों और प्रेगनेंट महिलाओं में होता है।
इस आर्टिकल में हम आपको इस बीमारी के बारे में, वेजाइनल कैंडिडिऑसिस का कारन, इसके लक्षण और इलाज के कुछ प्राकृतिक नुस्खों के बारे में बताएंगे। हम आपको इसे फिर होने से रोकने के लिए कुछ सावधानियां अपनाने की भी जानकारी देंगे।
वेजाइनल कैंडिडिऑसिस: एक आम इन्फेक्शन (Vaginal Candidiasis: A Common Infection)
यह संक्रमण सबसे आम बीमारियों के समूह का एक हिस्सा है। लगभग हर इंसान को जिंदगी में कभी ना कभी इसका सामना करना ही पड़ता है।
इंसानों में होने वाले यीस्ट इन्फेक्शन तीन तरह के होते हैं: बाहरी, बीच वाले (जैसे कैंडिडिऑसिस),और गंभीर।
वेजाइनल कैंडिडिऑसिस होने का कारण
ज्यादातर महिलाओं को उनके जीवन में कभी ना कभी वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन होता है। यह यीस्ट अक्सर थोड़ी-सी मात्रा में वेजाइना, मुंह, डाइजेस्टिव ट्रैक्ट और स्किन में मौजूद होता है। ज्यादातर समय यह इनफेक्शन या ऐसे किसी लक्षण का कारण नहीं बनता है।
कैंडिडा और दूसरे बहुत सारे माइक्रोऑर्गनिज्म जो आमतौर पर एक दूसरे के साथ संतुलन बनाते हुए वेजाइना में रहते हैं। फिर भी, कई बार कैंडिडा की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वेजाइनल कैंडिडिऑसिस होता है।
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वेजाइनल कैंडिडिऑसिस के लक्षण
योनि में खुजली होना (Vulvar itching) कैंडिडिऑसिस होने का आम लक्षण है, हालांकि किसी इंसान में ये लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:
- वेजाइना के आस-पास के हिस्से में दर्द या जलन होना
- पेशाब करते समय दर्द होना
- यौन सम्बन्ध बनाने के दौरान दर्द होना
रोकथाम
आदमी और औरत दोनों को ही अपनी जिंदगी में इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी, कुछ एहतियात बरतने से इसके होने के खतरे को कम करने में आपको मदद मिलेगी।
हमेशा अच्छी साफ़-सफाई को बनाए रखना वजाइनल कैंडिडिऑसिस होने से बचाता है। नहाने के बाद अपनी स्किन को अच्छे से सुखाना बहुत जरूरी है।
ओरल कैंडिडिऑसिस को होने से रोकने के लिए आपको दांतों को ब्रश करना होगा और माउथवॉश इस्तेमाल करना होगा। स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए।
- जननांगों वाले हिस्से में कैंडिडिऑसिस को होने से रोकने के लिए आपको कॉन्डोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को बायोएक्टिव दही खाना चाहिए जो वेजाइनल फ़्लोरा में एसिड को कम करने में मदद करती है।
कैंडिडिऑसिस के प्रकार (Types of candidiasis)
कैंडीडल इंटरट्रिगो (Candidal intertrigo)
यह सबसे आम किस्म की समस्या है। यह शरीर के बड़े फोल्ड बल जैसेआर्मपिट, ग्रोइन,इंटरग्लूटल क्लेफ्ट, इन्फ्रामैमेरी फोल्ड, गर्दन, और छोटे फोल्ड जैसे हाथ-पैर की उँगलियों में हो सकती है।
इस इंफेक्शन के कारण आदमी की त्वचा लाल हो जाती है और उसमें सूजन आ जाती है। इसके आलावा, इन हिस्सों में चकत्ते और सेटेलाईट लीशन (satellite lesions) दिखाई देते हैं। जिस आदमी को इन्फेक्शन होता है वह जलन और खुजली महसूस करता है।
पाचन तंत्र में कैंडिडिऑसिस
- ईसोफेगेल (Esophageal) : सूजन होती है, जो खाना निगलने में परेशानी, सीने में जलन और सीने में दर्द होता है।
- गैस्ट्रिककैंडिडिऑसिस : यह खासतौर पर उन रोगियों में दिखायी देता है जो गैस्ट्रिक अल्सर से पीड़ित हैं।
- कैंडीडा एंटेराइटिस (Candida enteritis): इसमें लगातार पेट दर्द और बार-बार टॉयलेट लगने की समस्या होती है। मल में खून आ सकता है, डायरिया की वजह से डिहाइड्रेशन हो सकता है।
- एनो–रेक्टल कैंडीडाइसिस (Ano-rectal candidiasis): इसकी वजह से मलद्वार में खुजली, जलन और दर्द होता है।
प्रजनन अंग में कैंडिडिऑसिस
अगर नीचे बताये गए लक्षणों में से कोई भी आपको दिखाई देता है, तो आपको इस पर खास ध्यान देना होगा :
- वल्वो वेजाइनल कैंडिडिऑसिस (Vulvovaginal candidiasis): यह वेजाइनल pH लेवल में बदलाव के कारण होता है, खासतौर पर प्रेगनेंट महिलाओं को। इसमें वेजाइना में खुजली और जलन होती है।
- बेलेनाइटिस (Balanitis):इसमें ग्लांस और पेनिस की ऊपरी त्वचा में इंफेक्शन होता है,जिसकी वजह से खुजली वाले दाने हो जाते हैं।
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कैंडिडिऑसिस के इलाज के लिए कारगर प्राकृतिक नुस्खे
सादी दही (Plain yogurt)
सबसे पहले, महिलाओं में होने वाले यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय वेजाइना में सादी दही लगाना है। दही से वेजाइना की एसिडिटी कम होगी , जिससे फंगस की बढ़त कम हो जायेगी। यह इसलिए क्योंकि फंगस को बढ़ने के लिए एसिडिक वातावरण की जरूरत होती है।
जरूरी चीजें
- 2 चम्मच सादी दही (30 मिलीग्राम)
इस्तेमाल करने का तरीका
- सबसे पहले, वेजाइना के अंदर और उसके आसपास सादी दही लगाएं।
- अब इसे 1 से 2 घंटे के लिए रहने दे।
कैंडिडिऑसिस का इलाज करने के लिए माउथवॉश
सेब का सिरका और नींबू के रस दोनों में ही एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। इसके साथ ही, टी ट्री ऑयल में प्राकृतिक रीजेनरेटिव गुण होते हैं। इन तीनों चीजों को मिलाने पर इस बीमारी को ठीक करने के लिए एक शक्तिशाली प्राकृतिक नुस्खा बनता है।
जरूरी चीजें
- 1 कप सेब का सिरका (250 मिलीलीटर)
- 1 चम्मच नींबू का रस (15 मिलीलीटर)
- 2 बूंद टी ट्री ऑयल (चाय के पौधे का तेल)
बनाने का तरीका
- सबसे पहले, इन तीनों चीजों को अच्छे से मिलाकर एक घोल तैयार कर लें।
- कैंडिडा फंगस को जल्दी खत्म करने के लिए इस घोल से दिन में दो बार कुल्ला करें।