मेनोपाज के ट्रीटमेंट के लिए असरदार नेचुरल नुस्खे

यह सामान्य है कि, वक्त बीतने के साथ हमारा शरीर कुछ खास तत्वों को बनाना बंद कर देता है। इस नुकसान की प्रतिक्रया बहुत से लक्षण दिखते हैं।
मेनोपाज के ट्रीटमेंट के लिए असरदार नेचुरल नुस्खे

आखिरी अपडेट: 02 जनवरी, 2019

मेनोपाज एक स्वाभाविक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो निश्चित उम्र में पहुंचने पर सभी महिलाों में होता है। इस पड़ाव के दौरान महिलाओं में अंडे का बनना बंद हो जाता है। लेकिन हम यह अनदेखा नहीं कर सकते कि इससे कुछ बहुत ही परेशान करने वाले लक्षण भी दिखाई देते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको इस स्थिति से जुड़ी हुई सभी बातों और मेनोपाज का इलाज करने के सबसे असरदार घरेलू नुस्खों के बारे में बताएँगे जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है।

मेनोपाज के लक्षण (Symptoms of menopause)

जैसे-जैसे मेनोपॉज़ की नाजुक उम्र या इससे जुड़ा जीवन में बदलाव आता है, अक्सर पीरियड की तारीख़ और मेन्स्ट्रल फ्लो में गड़बड़ी होने लगती है। जब तक वह पूरी तरह से बंद नहीं हो जाता कई पीरियड छूट जाते हैं।

मेन्स्ट्रूएशन में गड़बड़ी शुरू होने से पहले प्रजनन की क्षमता ख़त्म भी हो सकती है। हालाँकि, ऐसा अक्सर कम ही होता है, और यह भी हो सकता है कि ऊपर बताई गई क्षमता मेन्स्ट्रूऐशन के बंद होने के बाद भी बनी रहे।

इसके कुछ ऐसे लक्षण जो जिंदगी के इस दौर में कई महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशान करते हैं, यहाँ हैं:

  • ज्यादा ठंड या गर्मी महसूस करना
  • शरीर में गर्मी
  • वज़न का घटना और बढ़ना
  • ज्यादा भूख लगना
  • जी घबराना और उल्टी
  • दिल की धड़कन तेज़ होना
  • सिरदर्द और कमर दर्द
  • कमज़ोरी
  • डिप्रेशन
  • बेहोशी
  • चक्कर आना
  • कब्ज़ और डायरिया
  • स्तनों का सेंसिटिव होना
  • मिर्गी और घबराहट से जुड़े दूसरे लक्षण

ऐसे कोई भी लक्षण जिनसे कोई महिला पहले भी पीड़ित रही है, वे वापस आ जाते हैं या खासतौर पर मेनोपाज के दौरान बहुत ज्यादा दिखते हैं।

मेनोपाज का एक बहुत आम लक्षण शरीर में ज्यादा गर्मी महसूस करना ( हॉट फ्लैशेज़) है जो बहुत तकलीफदेह हो सकता है। ये किसी महिला को पीरियड के दौरान भी हो सकते हैं। इसे पीरियड के दौरान प्रीमेनोपाज (3-4 साल) भी कहा जाता है जो मासिक धर्म (menses) के पूरी तरह खत्म होने से पहले शुरू होता है और मेनोपाज के शुरू होने के बाद 5 साल से ज्यादा समय तक बना रह सकता है।

हीट वेव या हॉट फ्लैशेज़ दिन में किसी भी समय हो सकते हैं, लेकिन रात के समय ये ज्यादा परेशान करते हैं। शरीर के ऊपरी हिस्से में तापमान ज्यादा बढ़ा हुआ महसूस होता है, खासतौर पर चेहरे और गले में।

आम तौर पर यह 2 से 5 मिनट का होता है। इसके साथ पसीना आता है और दिल की धड़कनें भी तेज (palpitations) हो जाती हैं। यह अक्सर रात को सोने के समय होता है। इससे महिलायें रात में कई बार नींद से जाग जाती हैं। इस तरह यह थकान, नींद की कमी का कारण बनता है और महिलाओं के कपड़े और बिस्तर पसीने से भीग जाते हैं।

कारण

मेनोपाज उन शारीरिक बदलावों के कारण होता है जो उम्र बढ़ने की वजह से महिला के शरीर में होते हैं। ये बदलाव अक्सर 40 से 50 साल की उम्र के बीच दिखाई देते हैं। कई बार ये बदलाव कुछ जल्दी और कभी-कभी बहुत देर से भी होते हैं|

कुछ महिलाओं में ये कुछ परेशानी वाले लक्षणों के साथ जल्दी शुरू होकर जल्दी खत्म हो जाते हैं। एंग्जायटी और पीरियड की गड़बड़ियों के  पूरी तरह से खत्म होने में आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर 1 या 2 साल तक का समय लगता है।

क्या करना चाहिए?

ये आदतें आपके पूरे स्वास्थ्य में सुधार करेंगी और इनकी वजह से मेनोपाज के लक्षण कम दिखाई देंगे:

  • कम से कम काम करें
  • आउटडोर एक्सरसाइज करें
  • भरपूर आराम और नींद लें
  • सेहतमंद खाना खाएं
  • हर रोज़ 15 मिनट का सनबाथ लें (सूरज की रोशनी में बैठे)

जहाँ तक सेक्सुअल हेल्थ का सवाल है, यौन संबंधों को दर्दनाक होने से बचाने के लिए लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही आपको पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज की मदद से वजाइना को सुडौल बनाना चाहिए जिससे असंयमिता कम की जा सके।

यह कपल गेम्स, कल्पनाशीलता, आपसी बातचीत या नये अनुभव हासिल करने का भी अच्छा समय है। इस उम्र में सेक्सुअलिटी पूरी तरह बनी रहती है, और प्रेगनेंसी का कोई खतरा नहीं होता।

मेनोपाज के लियेनेचुरल नुस्ख़े 

 लाल लौंग (Red cloves)

 लाल लौंग (Red cloves)

इसके कई प्राकृतिक गुणों में हम पाते हैं कि इसमें थोड़ी मात्रा में आइसोफ्लेवोन (isoflavones) भी मौजूद होते हैं जो मेनोपाज की वजह से होने वाली गर्मी (हॉट फ्लेशेज़) में कमी लाने में कारगर हैं।

जरूरी चीजें

  • 1 चम्मच लाल लौंग (5 ग्राम)
  • 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)

बनाने का तरीका

  • एक बर्तन में पानी उबालें और जब पानी उबलने लगे तो उसमें लौंग मिला दें।
  • 2 – 3 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और फिर आंच से हटा लें। फिर 10 मिनट इंतजार करने के बाद इसे छान लें।
  • आपको इसे हर बार दिन में खाने से 30 मिनट पहले पीना है।

अल्फाल्फा (Alfalfa)

अल्फाल्फा (Alfalfa)

इस पौधे में बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसमें एस्ट्रोजन लेवल को कम करने या पूरी तरह से खत्म करने की क्षमता होती है जिसके कारण मेनोपॉज के दौरान शरीर में गर्मी होती है।

जरूरी चीजें

  • 1 चम्मच अल्फाल्फा (10 ग्राम)
  • 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)

बनाने का तरीका

  • एक बर्तन में अल्फाल्फा को पानी के साथ गर्म कीजिए।
  • जब यह उबलने लगे तो इसे आंच से उतार लें।
  • थोड़ी देर ऐसे ही रहने दें, उसके बाद निचोड़ लें।
  • आपको इसे रात में सोने से पहले खाना होगा।

इलायची (Cardamom)

यह पौधा महिलाओं को मेनोपाज के लक्षणों को सहन करने में मदद करता है। यह अपने एस्ट्रोजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है, क्योंकि इसमें स्टिगमास्टरॉल (stigmasterol) और निरोल (nerol) पाए जाते हैं।

जरूरी चीजें

  • 1 चम्मच इलायची (15 ग्राम)
  • 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)

बनाने का तरीका

  • सबसे पहले आपको पानी को अच्छे से उबालना है।
  • इसके बाद, इसमें इलायची मिलाएं और 10 मिनट तक ढक कर छोड़ दें।
  • आपको इसे सुबह और रात में पीना है।

ऊपर बताये गये प्राकृतिक नुस्खे मेनोपाज का इलाज करने में बहुत ही फायदेमंद है। हमारा सुझाव है, बताये गये नुस्खों को आजमायें और उनका फायदा उठाते हुये मेनोपॉज के लक्षणों से निपटना सीखें।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।