पुदीने की चाय में हैं सेहत के चमत्कारी गुण
पुदीने की चाय के गुण कई सालों से ज्ञात हैं। आप मानें या न मानें, शरीर के कई अंगों को इस अद्भुत पेय से फायदा हो सकता है।
यह पौधा पूरी दुनिया में उगाया जाता है लेकिन यह भूमध्य क्षेत्र (Mediterranean ) का मूल निवासी है। वास्तव में, यह इसके विभिन्न प्रजातियों में से एक है। ये सभी जीनस मेन्था से संबंधित हैं।
इस विविधता के बावजूद, इनकी विभिन्न किस्मों में समान तत्वों को देखा जा सकता है, जैसे इनकी जोरदार सुगंध, पत्तियां जो आम तौर पर हरी होती हैं, इनके पीले बैंगनी फूल और आर्द्र मिट्टी में इनकी वृद्धि।
मुख्य बातें
यह पौधा कैसा है और समय के साथ पुदीने का कैसे उपयोग किया गया है, इसके बारे में जानिये।
- यह तेजी से बढ़ता और फैलता है। यह आधे मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है।
- इसके फूल बैंगनी या सफेद हो सकते हैं। ये पौधे के बड़े होने पर खिलते हैं।
- पुदीने के एक ही परिवार के भीतर पौधों की लगभग 25 उप-प्रजातियां हैं, जैसे रोज़मेरी, थाइम और ऑरेगेनो। इन सब को सुगंधित जड़ी बूटियों के रूप में जाना जाता है।
- इसके पत्तों का अर्क बनाने के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन हम इनके एसेंशियल ऑयल का लाभ भी उठा सकते हैं और इन्हें अपने शरीर पर लगा सकते हैं।
- यह अद्भुत पौधा विटामिन A और C, ओमेगा 3 फैटी एसिड और सभी प्रकार के मिनरल प्रदान करता है।
- आपको पुदीने के साथ सावधान रहना चाहिए। इसे बहुत ज्यादा धूप न लगने दें और पर्याप्त पानी दें। इसकी पत्तियों को पूरे साल एकत्र कर सकते हैं।
- इसका वैज्ञानिक नाम “मेन्था” है, जो ग्रीक अप्सरा, प्लूटो की प्रेमिका के नाम से है। उसे इतनी ईर्ष्या थी कि उसने अपनी प्रेमिका को एक पौधे में बदल दिया।
पुदीने के गुण (Properties of mint)
इस लेख में, आप इस पौधे की गजब की खूबियों के बारे में जानेंगे। आप पहले ही जानते हैं कि इसे लगाना और इसे पाना भी बहुत आसान है। इसे इस्तेमाल करने के लिए अपने पास रखें और हम जो आपको आगे बताएंगे उसका आनंद लें।
पुदीना पाचन तंत्र की मदद करता है (Mint and digestive system)
इसका उपयोग भोजन के बाद किया जाता है ताकि पेट “बैठे”। इसके अलावा यह पेट के फूलने से राहत दिलाने और भोजन को बेहतर तरीके से पचाने में भी मदद करता है। पेट दर्द के मामलों में इसकी सिफारिश की जाती है क्योंकि यह ऐन्टीस्पैज़्माडिक (antispasmodic) और वमनरोधी (antiemetic) है। यदि आप बहुत ज्यादा पेट भरा महसूस करते हैं तो पुदीने की पत्तियों के साथ एक पेय बनायें।
- पुदीना गैस्ट्रिक रसों के स्राव को बढ़ाता है और नॉजिया को कम करने में मदद करता है।
- लेकिन आप इसे लंबे समय तक न लें तो सबसे अच्छा है। आखिरकार यह गैसट्राइटिस या स्टमक वाल की तकलीफों का कारण बन सकता है।
पुदीना श्वसन प्रणाली की मदद करता है (Mint and the respiratory system)
इसमें मेन्थॉल होता है इसलिए यह एंटी-कनजस्टिव गुण प्रदान करता है। यह ज्यादा पसीना निकलने और नाक में मौजूद रुकावटों को दूर करने में मदद करता है। इसका उपयोग फ्लू और सर्दी के इलाज के लिए और बुखार को कम करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, इसके वायरल-रोधी गुण सभी प्रकार के श्वसन रोगों को दूर करने में मदद करते हैं।
कुछ लोग ब्रोंकाइटिस, फेरींगजाइटिस (pharyngitis) और अस्थमा के इलाज के लिए पुदीने की खूबियों का लाभ उठाते हैं। जिन लोगों ने धूम्रपान छोड़ दिया है या जिनको सिगरेट के कारण बहुत खांसी आती है, वे इसका उपयोग करके अपने गले की खराश को कम कर सकते हैं।
पुदीना लिवर और आंतों की मदद करता है (Mint and the liver, intestines)
लिवर के कार्य को सरल बनाने और पित्त के स्राव को बढ़ाने के लिए पुदीने का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, इसका उपयोग पेट की ऐंठन के इलाज के लिए और जब लिवर काम नहीं करता है तो पाचन में सुधार के लिए किया जाता है।
यह दस्त, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम और क्रोन्स रोग का इलाज करता है। इसके अलावा, यह आंतों से गैस को बाहर निकालने में भी मदद करता है और अपशिष्ट को सड़ने या जमा होने से रोकता है।
पुदीना रक्त परिसंचरण में मदद करता है (Mint and blood circulation)
पुदीने में मौजूद यूजीनॉल और रोस्मारिनिक एसिड के लिए धन्यवाद इसमें थक्कारोधी गुण होते हैं। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और कुछ संबंधित विकारों का इलाज करता है, उदाहरण के लिए, सिरदर्द।
इसका उपयोग ऊंचाई से खौफ़ की बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि यह कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन सप्लाई करने सहूलियत देता है, साथ ही साथ विषाक्त पदार्थों की अधिक सफाई करता है।
इसे भी पढ़ें: ख़राब लेग सर्कुलेशन की रोकथाम और उसका इलाज कैसे करें
बाहरी उपयोग
हमने जो कुछ भी आपको पहले बताया है उसके अलावा पुदीना इनके लिए भी मददगार है:
- सांसों की बदबू
- रयूमेटिक दर्द के लिए मरहम
- त्वचा को कसावट देनें
- किचन में सहयोगी
चमत्कारी पुदीने की चाय कैसे तैयार करें?
पुदीने की चाय तैयार करें और ऐसे लक्षणों से छुटकारा पाएं। यह बहुत ही सरल है।
सामग्री
- 6 पुदीने की पत्तियां
- ½ कप पानी (125 मिलीलीटर)
तैयारी
- सबसे पहले, एक बर्तन में आधा कप पानी गर्म करें और पुदीने की पत्तियां डालें।
- फिर जब यह उबल जाये तो इसे हटायें और रखा रहने दें।
- जब यह गुनगुना हो तो इसे पीना सबसे अच्छा होता है।
पुदीने की चाय के माध्यम से मिंट की सारी खूबियों का लाभ जरूर उठायें। घर पर इसके पौधे लगाएं। समय-समय पर पुदीने की चाय पीकर सार्थक तरीके से अपने स्वास्थ्य में सुधार करें।
- Taneja, S. C., & Chandra, S. (2012). Mint. In Handbook of Herbs and Spices: Second Edition. https://doi.org/10.1533/9780857095671.366
- Kanatt, S. R., Chander, R., & Sharma, A. (2007). Antioxidant potential of mint (Mentha spicata L.) in radiation-processed lamb meat. Food Chemistry. https://doi.org/10.1016/j.foodchem.2005.09.066
- Sadowska, U., Żabiński, A., Szumny, A., & Dziadek, K. (2016). An effect of peppermint herb (Mentha piperita L.) pressing on physico-chemical parameters of the resulting product. Industrial Crops and Products. https://doi.org/10.1016/j.indcrop.2016.10.002
- Prakash, O., Chandra, M., Pant, A. K., & Rawat, D. S. (2015). Mint (Mentha spicata L.) oils. In Essential Oils in Food Preservation, Flavor and Safety. https://doi.org/10.1016/B978-0-12-416641-7.00064-X