एयर कंडीशनिंग में रहते हुए ध्यान रखें, आपकी सेहत पर डालता है यह नुकसानदेह असर

हो सकता है गर्मियों में एयर कंडीशनिंग आपके सबसे अच्छे दोस्त की तरह हो। लेकिन अगर आप सावधानी न बरतें तो यह आपके स्वास्थ्य पर कुछ हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है।
एयर कंडीशनिंग में रहते हुए ध्यान रखें, आपकी सेहत पर डालता है यह नुकसानदेह असर

आखिरी अपडेट: 19 मार्च, 2019

आजकल गर्म क्षेत्रों में आपको ऑफ़िस, कार और यहां तक कि लोगों के घरों में भी एयर कंडीशनिंग देखने को मिल सकता है। मगर इसके कई नुकसान हैं। इस आर्टिकल में हम आपके स्वास्थ्य पर एयर कंडीशनिंग से होने वाले नेगेटिव इफेक्ट पर एक नज़र डालेंगे।

सामान्य गले का दर्द और जुकाम के साथ-साथ एयर कंडीशनिंग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। यह खासतौर पर इसलिए क्योंकि अति शुष्क एनवायरनमेंट (over dry environment) में रहना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए आपको इसे अपनी जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल करना चाहिये ताकि यह गर्मियों में आपका अच्छा दोस्त बना रहे।

एयर कंडीशनिंग से आपके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले 6 प्रभाव (6 Effects of Air Conditioning On Your Health)

आगे हम आपके स्वास्थ्य पर एयर कंडीशनिंग के कुछ खास बुरे प्रभावों पर एक नज़र डालेंगे।

1. सांस की तकलीफ (Respiratory Problems)

यह जानना ज़रूरी है कि तापमान में कोई भी भारी बदलाव (drastic change) आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए बाहर के गर्म तापमान से अचानक ऑफिस या सुपरमार्केट के ठंडे तापमान में जाना कई गंभीर किस्म की समस्यायें पैदा कर सकता है।

हवा के सर्कुलेशन के कारण यह आपको रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के प्रति और ज्यादा संवेदनशील बनाता है। इससे फैरिन्जाइटिस या गले का इन्फेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

असल में यह सुझाव देने के लिए प्रमाण है कि जो लोग एयर-कंडिशन्ड वातावरण में ज्यादा समय बिताते हैं उनमें गले और नाक की समस्याएं होने का ख़तरा ज्यादा होता है। इसलिए उनमें रायनाइटिस (rhinitis) जैसी नाक की समस्याएं होने की अधिक संभावना रहती है।

2. वायरल इन्फेक्शन

माइक्रोस्कोपिक वायरस

एयर कंडीशनिंग के कुछ बहुत ही आम प्रभावों में से एक कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण वायरल इन्फेक्शन का फैलना है।

एयर-कंडिशन्ड वातावरण में ताजी हवा को अंदर आने से रोक दिया जाता है और पुरानी हवा को ही लगातार सर्कुलेट किया जाता है। नतीजतन पुरानी हवा सर्दी और जुकाम के कीटाणुओं, साथ ही दूसरे बैक्टीरिया को एक आदमी से दूसरे तक पहुँचाती है।

इसलिए बिना एयर कंडीशनिंग वाले कमरे की तुलना में एयर-कंडिशन्ड वातावरण में वायरल इन्फेक्शन से प्रभावित होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

3. डिहाइड्रेशन (Dehydration)

जो लोग लंबे समय तक वातानुकूलित कमरों में रहते हैं, वे निश्चित रूप डिहाइड्रेशन की समस्या से पीड़ित होते हैं। क्योंकि एयर कंडीशनिंग बहुत ज्यादा नमी को सोखता है। अक्सर लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते और डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं।

हो सकता है, तापमान ठंडा हो और शरीर को गर्मी महसूस न हो इसलिए प्यास भी न लगे। इसके अलावा एक ठंडे वातावरण में रहने का मतलब है कि शरीर को हिलने-डुलने की ज्यादा जरूरत महसूस नहीं होती है।

4. सिरदर्द (Headaches)

इसमें कोई शक नहीं है कि, सिरदर्द एयर कंडीशनिंग के सबसे आम साइड इफेक्ट्स में से एक है। निश्चित रूप से अगर आप एयर कंडीशनिंग का गलत इस्तेमाल करते हैं तो आसानी से सिरदर्द या यहां तक कि माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं।

डिहाइड्रेशन का जोखिम भी सिरदर्द होने की संभावना को बढ़ाता है। कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ होने के बावजूद भी अक्सर डिहाइड्रेशन को अनदेखा किया जाता है।

5. ड्राई-आई (Dry Eyes)

आँखों में दवा डालती महिला

एयर कंडीशनिंग ड्राई आई की समस्या पैदा कर सकता है जो परिणामस्वरूप दर्द और खुजली पैदा करता है। बेशक, एयर कंडीशनिंग सीधे-सीधे आपकी आंखों के ड्राई होने का कारण नहीं बनता है, लेकिन यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिये किसी तरह का मददगार नहीं है जिन्हें पहले से ही यह समस्या है।

यह सिर्फ चीजों को और ज्यादा बदतर बनाता है। इसलिए अगर आप ड्राई-आई की समस्या से पीड़ित हैं, तो बेहतर होगा कि आप एयर-कंडिशन्ड वातावरण से बाहर रहें।

6. गर्मी सहने की क्षमता को घटाता है

अगर आप बहुत ज्यादा समय एयर-कंडिशन्ड कमरे में बिताते हैं, तो इससे आपकी गर्मी को सहन करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। गर्मियों में यह बहुत आम है।

जब आप ऑफ़िस के ठंडे वातावरण से अचानक बाहर की तेज़ गर्मी में निकलते हैं तो आपका शरीर प्रभावित हो सकता है। तापमान में होने वाले इस अचानक परिवर्तन का आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

कुल मिलाकर कहें तो, एयर कंडीशनिंग आपके स्वास्थ्य पर कई बुरे प्रभाव डाल सकती है। इसलिए यह यह ज़रूरी है कि इसका इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही किया जाये।



  • American Society of Heating Refrigerating and Air Conditioning Engineers. (2009). Indoor environmental health. In ASHRAE Applications Handbook.
  • Garcia, G. J. M., Bailie, N., Martins, D. A., & Kimbell, J. S. (2007). Atrophic rhinitis: A CFD study of air conditioning in the nasal cavity. Journal of Applied Physiology103(3), 1082–1092.
  • Jones, A. P. (1999). Indoor air quality and health. Atmospheric Environment.
  • Yu, B. F., Hu, Z. B., Liu, M., Yang, H. L., Kong, Q. X., & Liu, Y. H. (2009). Review of research on air-conditioning systems and indoor air quality control for human health. International Journal of Refrigeration.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।