5 सफाई की आदतें जो आपके घर को रखेंगी खुशनुमा
क्या आपको लगता है कि आपका घर कभी भी साफ़-सुथरा नहीं होता? या सफ़ाई करने के बाद पलक झपकते ही उस पर धूल-मिट्टी और यहाँ-वहाँ बिखरी चीज़ों का कब्ज़ा हो जाता है? इसकी जिम्मेदार आपकी सफाई की आदतें भी हो सकती हैं।
अकेले रहने वालों के लिए भले ही यह इतनी आम बात न हो लेकिन जो लोग माता-पिता हैं, उनके लिए तो यह रोज़ की कहानी होगी।
अपने घर को साफ़-सुथरा रखना कई परिवारों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। रोज़मर्रा की भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में धूल-मिट्टी और घर के अलग-अलग कमरों में इधर-उधर पड़ी चीज़ों से बच पाना लगभग नामुमकिन-सा है। लेकिन कुछ उपायों की मदद से आप अपने घर को ज़्यादा देर तक साफ़ ज़रूर रख सकते हैं।
ऐसे कई लोग हैं जो देर-सवेर अपने घर की गंदगी के साथ रहने के आदी हो जाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी ज़िन्दगी की इस सच्चाई को बदलने की फिराक में रहते हैं।
आपका काम आसान करने के लिए आज हम आपको सफाई की पांच आदतों के बारे में बताने जो रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने घर को साफ़-सुथरा रख सकेंगे।
साफ़-सुथरे घर में रहने के फायदे
सबसे पहले तो हमें यह समझ लेना चाहिए कि किसी साफ़-सुथरे घर में रहना बेहतर क्यों होता है। आप माने या न माने, इससे हमारे मूड पर एक गहरा असर पड़ता है।
इसके तीन प्रमुख लाभ हैं:
- बीमारी का कम खतरा: धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया के जमा हो जाने से कई तरह की एलर्जी और अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- बेहतर मूड: हर किसी को साफ़-सुथरे और सुगंधित परिवेश में रहना अच्छा लगता है। अनजाने में ही इसका आपके मूड और घर में आपकी गतिविधियों पर गहरा असर पड़ता है।
- एक तरह की एक्सरसाइज: सफाई करने में आपकी अच्छी-खासी ऊर्जा खर्च हो जाती है, जो आपके शरीर के लिए एक अच्छी बात है। काम खत्म हो जाने पर आपको एक अधूरे काम को निपटा देने की राहत और संतुष्टि की अनुभूति होगी।
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अपने घर को साफ़-सुथरा रखने वाली सफाई की आदतें
आइए अब काम की बात पर एक नज़र डालते हैं।
अपने घर को साफ़-सुथरा बनाए रखने के लिए आप अपनी आदतों में कौन-कौन से बदलाव ला सकते हैं?
ये सफाई की आदतें अपनाने के बाद आप देखेंगे, रोज़ की छोटी-छोटी कोशिशों से आपकी ज़िन्दगी कितनी आसान हो जाती है।
1. फर्श को साफ़ रखें
अगर आप रोज़ाना पांच मिनट के लिए अपने घर के फर्श की सफाई करें तो आप देखेंगे कि उसका रखरखाव बहुत आसान हो जाएगा। धूल-मिट्टी या कचरे को जमा होने से रोकने के लिए रोज़ पोछा लगाएं।
अगर उसे पोछे की ज़रूरत न हो तो आप झाड़ू लगाकर भी धूल-मिट्टी से छुटकारा पा सकते हैं। ऐसा रोज़ाना लंच के बाद कर सकते हैं।
2. बिस्तर तैयार करें
हाँ, यह बात हमें अच्छी तरह पता है कि कई लोगों को इस काम से नफरत होती है। लेकिन अपने बिस्तर को बनाए रखने से आपको निरंतर यह एहसास होगा कि आपके कमरे में हमेशा सफाई रहती है।
सुबह उठने पर ऐसा करना सबसे अच्छा होता है। अगर संभव हो तो अपने कमरे की वेंटिलेशन के लिए खिड़कियों को भी खुली छोड़ दें। आपको अपने बिस्तर की चादर हफ्ते में एक बार गरम पानी से धोनी चाहिए।
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3. कपड़ों को तह करें या हैंगर में टांग दें
अगर घर में गंदगी की कोई सबसे बड़ी पहचान है, तो वह है घर में इधर-उधर बिखरे कपड़े। इससे बचने के लिए कपड़ों को उनकी जगह के अलावा कहीं और रखने की आदत से बचें।
घर पहुंचकर अपने कोट को हैंगर में टांग दें। नहाने के बाद अपने मैले कपड़ों को धोने वाली बाल्टी में डाल दें। अगर बाहर जाने या सोने के लिए आपने अपने कपड़े बदले हैं तो अगले दिन के अपने कपड़ों को किसी कुर्सी या अपनी अलमारी में रख छोड़ें। इन छोटी-छोटी चीज़ों से आपका घर देखते ही बनता है।
4. रोज़ाना एक बार अपने शावर व बाथरूम की सफाई करें
नहाने के बाद शावर की सफाई करना बेतुका भले ही लगे, लेकिन यह एक बहुत ही कारगर तरीका होता है।
किसी गंदे कपड़े पर थोड़ा-सा कीटाणुनाशक छिड़ककर दीवारों पर साबुन या फफूंद को जमने से रोक सकते हैं। नहाने से कुछ मिनट पहले अपने टॉयलेट और वॉश बेसिन की भी फटाफट सफाई कर सकते हैं।
ज़रा-सी कोशिश से आप अपने बाथरूम की कायापलट कर देंगे।
5. घरवालों के साथ मिलकर रोज़ाना सफाई का एक समय तय कर लें
घर के हर एक सदस्य को एक काम सौंप दें: बर्तन मांजना, कूड़ा फेंककर आना, पालतू जानवरों को खाना खिलाना या फर्श की सफाई करना। अगर आप अकेले भी रहते हैं तो भी थोड़ा वक़्त निकालकर ये सभी काम निपटाने की कोशिश करें।
इन छोटी-छोटी जिम्मेदारियों से बहुत बड़ा फर्क पड़ सकता है। बच्चों को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाकर ये काम उन्हें ख़ुशी-ख़ुशी एक-साथ रहना सिखा सकते हैं।
अंत में, यह कहना बहुत ज़रूरी है, यहाँ हमारा मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आप सफाई के लिए ही जीना शुरू कर दें… किसी भी चीज़ की अति किए बगैर भी आप अपने घर में संतुलन और तंदुरस्ती ला सकते हैं।
एक दिनचर्या बनाकर आप अपने घर में एक स्वस्थ और खुशहाल माहौल बना सकते हैं। इसे कोई जुनून न बनाकर बस एक आदत मात्र बना लें।
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