टेनिस बॉल की मदद से एड़ी के दर्द से छुटकारा पाएं
एड़ी की हड्डी को पैरों की उँगलियों से जोड़कर पैर में एक आर्क बनाने वाले मोटे टिशू को प्लान्टर फ़ेशिया के नाम से जाना जाता है।
उसका मुख्य काम पैर के तले को तानकर शरीर की तमाम हरकतों के प्रभाव को कम करना होता है।
प्लान्टर फ़ेशियाइटिस, जिसे बोलचाल की भाषा में एड़ी का दर्द भी कहा जाता है, अत्यधिक इस्तेमाल, ज़रूरत से ज़्यादा खींचातानी या फ़िर पैरों को पर्याप्त सहारा न देने वाले जूते पहनने की वजह से फेशिया (पैर की पट्टी) में होने वाली सूजन के कारण होता है।
मोटापे से ग्रस्त लोगों को अक्सर यह शिकायत रहती है, क्योंकि उनके वज़न को ढोने में लगने वाला अतिरिक्त बल टिशू में छोटे-छोटे ज़ख्म पैदा कर देता है।
हालांकि इस समस्या के ज़्यादातर मामले 40 से 70 साल की उम्र के लोगों में देखे जाते हैं, युवा खिलाड़ियों में भी ये आम ही होते हैं।
इसका प्रमुख लक्षण पैर या एड़ी में उठने वाला दर्द होता है, जो कभी-कभी टखने और पैरों की उँगलियों में भी फ़ैल जाता है।
एनाल्जेसिक्स और सूजनरोधी दवाओं पर आधारित इसके इलाज के पूरक के तौर पर कुछ स्ट्रेचिंग वाली कसरतें भी की जा सकती हैं।
इसके लिए अपनी ज़ख़्मी मांसपेशियों को आराम देकर उनमें मज़बूती लाने वाली किसी टेनिस बॉल का हम इस्तेमाल कर सकते हैं।
अब इन एक्सरसाइज़ के बारे में हम आपको खुलकर बताने जा रहे हैं, ताकि अपनी एड़ी में कभी भी, किसी भी तरह का दर्द होने पर आप उन्हें आज़माकर देख सकें।
एड़ी के दर्द को कम करने वाला रोलिंग मसाज
टेनिस की गेंद पर अपने पैरों को घुमाना, उन्हें भला-चंगा करके दर्द से राहत पाने के सबसे कारगर इलाजों में से एक होता है।
इस कसरत के माध्यम से आप खुद थोड़ा ज़ोर लगाकर अपने पाँव की मालिश और स्ट्रेचिंग करके अपनी एड़ी में तनाव को कम कर सकते हैं।
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करने की विधि
- कुर्सी पर बैठकर अपनी पीठ सीधी रखते हुए अपने पाँव के तलवे के नीचे एक टेनिस बॉल रख दें।
- पाँव को ज़मीन की तरफ़ धकेलते व धीरे-धीरे आगे-पीछे ले जाते हुए गेंद पर हल्का दबाव डालें। ऐसा करने से गेंद आपके पैरों की उँगलियों और एड़ी के बीच घूमती रहेगी।
- गेंद पर अपने पैर को 30 सेकंड तक रोल करें। फिर अपने दूसरे पाँव के साथ भी ऐसा ही करें।
- इस एक्सरसाइज को तीन-चार दिन तक रोज़ाना दो बार करके दर्द से राहत पाएं।
बेंडिंग
पैरों को मज़बूत कर उनसे शरीर को मिलने वाले सपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए ऐसे व्यायाम करना अच्छा रहता है, जो आपकी मांसपेशियों और नसों को और भी लचीला बना सकें।
इस एक्सरसाइज को करने से आपको एड़ी के दर्द से तो राहत मिलेगी ही, पाँव के तलवे, टखने और टांगों में मज़बूती भी आ जाएगी।
करने की विधि
- टेनिस की गेंद को दीवार के साथ लगाकर अपने पाँव को मोड़ लें।
- गेंद को पैर के ऊपरी भाग के नीचे रखकर एड़ी को फर्श पर टिका लें।
- शरीर के ऊपरी भाग को दीवार की तरफ़ खींचकर स्ट्रेचिंग करें।
- तीन धीमी व लंबी-लंबी सांसें लेकर कुछ पल की ब्रेक लें व फ़िर इस प्रक्रिया को 8 बार दोहराएं।
रिलैक्सेशन स्ट्रेच
रिलैक्सेशन स्ट्रेच नाम की इस एक्सरसाइज के दौरान आपको गहरी सांस लेते हुए अपने पाँव की तनी हुई जगहों पर दबाव डालना होता है।
ऐसा करने से शरीर का रक्तसंचार एक बार फिर से सक्रिय होकर सूजन को कम कर देता है।
गेंद पर डाले जाने वाले दबाव से आपके पाँव की नरम जगहों की हल्की-फुलकी मालिश हो जाएगी। फलस्वरूप आपको अपने दर्द से राहत मिलेगी।
करने की विधि
- नंगे पैर खड़े होकर अपने एक पाँव को आगे की तरफ़ व दूसरे पाँव को गेंद पर टिका दें।
- गेंद को अपने पाँव के चाप और उँगलियों के बीच रखें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका वज़न आपके पाँव के पिछले हिस्से पर भी बराबर मात्रा में पड़े।
- इस मुद्रा में खड़े रहकर सांस को अंदर-बाहर करें। धीरे-धीरे अपने वज़न को अपने पाँव के आगे वाले हिस्से में ले आएं।
- घुटने को थोड़ा मोड़कर उस मुद्रा को पांच सेकंड तक बनाए रखें। फिर अपने वज़न को दुबारा अपने पाँव के पिछले हिस्से में ले जाएँ।
- इस प्रक्रिया को पांच-पांच बार दोनों पैरों पर दोहराएं।
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प्रेशर पॉइंट
प्रेशर पॉइंट वाले व्यायाम एड़ी के दर्द से सबसे ज़्यादा प्रभावित पाँव के पिछले हिस्से को आराम देते हैं।
इस एक्सरसाइज के दौरान आप गेंद को अपने पैर की उस जगह के ठीक नीचे रखते हैं, जहाँ आप दर्द को जमा होता महसूस कर सकते हैं।
करने की विधि
- टेनिस गेंद को अपने पैर के पिण्ड के नीचे रखकर 10 सेकंड तक ज़ोर से दबाएँ।
- गेंद को पाँव के अगले या पिछले हिस्से में ले जाकर उसे दुबारा दबाएँ।
- अपनी उँगलियों के तले के पास से शुरू करते हुए धीरे-धीरे उसे अपनी एड़ी की तरफ़ जाएँ।
आप देख सकते हैं, एक छोटी-सी टेनिस वाली बॉल अपने पैरों की कसरत कर उन्हें मज़बूत बनाने में आपका सबसे अच्छा उपकरण बन सकती है।
अगर आपके पाँव में चोट लगी है या फिर आप पैरों की सूजन या घट्टों से परेशान हैं तो इलाज करवाने के साथ-साथ इन कसरतों से आपको काफ़ी राहत मिल सकती है।
समस्या को बद से बदतर होने से रोकने के लिए सभी निर्देशों का ठीक से पालन करना न भूलें।
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