5 तरीके शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों से छुटकारा पाने के लिए
क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों यानी फ्लूइड से मुक्ति पाने के कई तरीके हैं?
हमारा शरीर कई आपस में जुड़ी हुई प्रणालियों से मिलकर जटिल रूप में बना होता है जिन्हें एक-दूसरे के साथ अच्छे तालमेल के बीच काम करते रहने की ज़रूरत होती है। इसके लिए सही ट्रीटमेंट और रखरखाव की ज़रूरत पड़ती है। यदि हम अपने शरीर की देखभाल नहीं करेंगे तो हम निश्चित ही समस्याओं की ओर बढ़ते जायेंगे।
शरीर में तरल पदार्थों के रुक जाने पर यही होता है। यह बहुत ही आम लेकिन बुरी बीमारी है।
तरल पदार्थों का जमा होना पीड़ित व्यक्ति को लम्बे समय तक प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह अन्य बीमारियों का संकेत भी है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है की जल्द-से-जल्द इस बारे में डॉक्टर की सलाह ली जाए।
तरल पदार्थों का जमा होना है क्या ?
इसके नाम से ही पता चलता है कि फ्लूईड रिटेंशन, जिसे एडीमा भी कहा जाता है – शरीर के विभिन्न हिस्सों में तरल पदार्थ जमा होने को कहते हैं।
सामान्यत: यह हमारे शरीर के टिश्यू से तरल पदार्थों की पर्याप्त निकासी न होने के कारण होता है।
टांगें और पेट शरीर के ऐसे हिस्से हैं जो इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
जब हमारे शरीर में सबकुछ वैसा काम कर रहा होता है जैसा सामान्यत: होना चाहिए, तो लिम्फैटिक सिस्टम यानि लसीका प्रणाली हमारे ऊतकों से तरल को बाहर निकालने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले लेती है, और यह सुनिश्चित करती है कि वह जमा न हो। हालाँकि, यदि लसीका प्रणाली किसी कारणवश सही ढंग से काम नहीं कर रही है, तो वह ऊतकों में जमा हुए तरल की मात्रा को संभाल नहीं पाती ।
शरीर में क्यों जमते हैं तरल पदार्थ
शरीर में जमे हुए तरल की समस्या यानी एडीमा के उभरने के साथ कई कारण जुड़े हैं। सबसे सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए कारणों में से कुछ का ब्यौरा ये है:
- लीवर के रोग
- गुर्दे की अक्षमता
- उच्च रक्तचाप
- हृदय रोग
- गर्भावस्था
- रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज
इन बीमारियों के सामान्यत: कई विशिष्ट लक्षण होते हैं। हालांकि, अंगों में भारीपन का अहसास और दर्द, साथ ही सूजन भी इसके सामान्य लक्षण हैं।
शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों से छुटकारा
ऐसी कुछ आदतें हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं। इनसे शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों की समस्या से राहत मिल सकती है। इनमें से कुछ सबसे उपुक्त तरीकों पर एक नज़र डालेंगे।
यदि आप अपने आप को फ्लुईड रिटेंशन के लक्षणों से ग्रसित पाते हैं, तो चुपचाप इससे लड़ते न रहें – इस समस्या को हल करने के लिए तुरंत ही इस सलाह को प्रयोग में लाना आरम्भ कर दें!
1. डाईयुरेटिक यानी मूत्रवर्धक आहार का अत्यधिक सेवन करें
डाईयुरेटिक खाद्य पदार्थ शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों से छुटकारा पाने में सहायक होते हैं। इसलिए ये तरल पदार्थों के जमा होने के विरुद्ध लड़ने में काफी कारगर साबित होते हैं। ये अन्य जहरीले पदार्थों को भी बाहर निकालते हैं।
मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थ ऐसी डाइट का भी एक विशेष भाग होते हैं जिन्हें एक स्वस्थ और नियंत्रित तरीके से वजन घटाने के लिए तैयार किया जाता है।
मूत्रवर्धक आहार को आरम्भ करने के लिए केवल इन पदार्थों के सेवन को बढ़ा दें:
- टमाटर
- शतावरी यानि ऐस्पैरागस
- अनन्नास
- हाथी चक यानि आर्टिचोक
2. एक स्वस्थ डाइट अपनाएं
हालाँकि, यह सिर्फ मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे में नहीं है। वास्तव में तरल के जमा होने का कारगर इलाज करने का मतलब है खाद्य पदार्थों और उनके उपयोग के बारे में हमारी धारणा को पूरी तरह से बदल देना।
अपने लिए एक संतुलित आहार विकसित करना और उसे निभाना, निश्चित रूप से पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। आदर्श रूप से हमारा आहार फल, सब्जियों, मछली और कुछ साबुत अनाज के सेवन पर आधारित होना चाहिए ।
हम क्या खाते हैं सिर्फ यही महत्वपूर्ण नहीं है, हम किस तरह से खाते हैं, यह भी अहम है। डायटीशियन यह सुझाते हैं कि हमें अपने आहार को दिन भर में 6 भागों में बाँट देना चाहिए। इससे हम ज्यादा निश्चिन्त रूप से खा पाएंगे और मरभूखों की तरह बिना नियंत्रण ठूंस-ठूंस कर खाने की इच्छा से ग्रस्त नहीं होंगे।
3. सोडियम की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों से बचें
खाने की आदतों से सम्बंधित एक अन्य शानदार सुझाव जो तरल पदार्थो के जमा होने को ख़त्म करने या कम करने में आपका सहायक होगा, यह है कि अपने आहार में सोडियम वाले प्रचुर सामग्रियों के इस्तेमाल से बचें।
जब हम सोडियम से समृद्ध सामग्रियों की बात करते हैं, तो सबसे पहले नमक आयेगा। दुर्भाग्यवश, नमक अक्सर ही खाने में स्वाद लाने के लिए ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है, और बने-बनाये प्रोसेस्ड फ़ूड में तो और भी भारी मात्रा में रहता है।
इसलिए हम जितना भी चाहें कई बार अत्यधिक सोडियम के सेवन से बचना काफी कठिन हो जाता है।
यदि ऐसी ही स्थिति आपके साथ है, तो क्यों न अपने व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए कुछ अलग तरीके अपनाया जाए।
यह भी संभव नहीं है, तो अपने शरीर के सामान्य स्वास्थय को बनाये रखने और साथ ही तरल पदार्थों के जमा होने के लक्षणों में कमी लाने के लिए नमक के सेवन में कमी लाने का प्रयास करना ठीक रहेगा।
4. पानी पियें
हो सकता है, यह सुनने में सहज ज्ञान से थोड़ा विपरीत लगे। हम शरीर में जमे हुए तरल से छुटकारा पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में पानी पीना इस प्रक्रिया में सहायक होता है।
खूब सारा पानी पीना मूत्र प्रणाली और किडनी को प्रेरित करता है। साथ ही हमारे शरीर से जहरीले और दूसरे नुकसानदायक पदार्थों को बाहर निकालने में भी सहायक होता है।
सुनिश्चित करें की आप दिन भर में पांच से छः गिलास पानी अवश्य पियें।
5. व्यायाम करें
आपको पता होगा कि फिजिकल एक्सरसाइज शरीर की तंदुरुस्ती में सहायक होती है। इसके अलावा शरीर में जमे हुए तरल पदार्थों के मामले में यह न केवल मांसपेशियों को सुडौल बनाता और लगातार सुस्त होती जीवनशैली से लड़ता है, बल्कि पसीने के साथ हर किस्म के हानिकारक तत्वों को बाहर निकाल देता है।
- इस मामले में सबसे श्रेष्ठ व्यायाम वे हैं जो एरोबिक एक्सरसाइज पर आधारित हों। इनसे ज्यादा पसीना आता है, जो ऊतकों में एकत्रित तरल को धीरे-धीरे निकलने में सहायता करता है।
क्यों न किसी खेल-कूद की क्रिया में शामिल होने के बारे में सोचा जाए? ऐसे अधिकाँश खेलों में टेनिस, फुटबॉल या ज़ुम्बा जैसे एरोबिक व्यायाम शामिल हैं।
इनमें सबसे असरदार है साइकिल चलाना, तैरना और एथलिटिक्स। ये हमें स्वस्थ रूप से और थोड़ा जल्दी वज़न घटाने में सहायता कर सकते हैं।