दालचीनी का तेल : इसके अद्भुत औषधीय लाभ और बनाने का तरीका

एसेंशियल और औषधीय तेल के प्रशंसक ध्यान दें, यह आपके लिए है! दालचीनी के एसेंशियल तेल के आश्चर्यजनक लाभों के बारे में जानें और इसे घर पर बनाने का तरीका सीखें। पैसे बचाएं और दालचीनी के सेहतमंद गुणों का फायदा उठाएं।
दालचीनी का तेल : इसके अद्भुत औषधीय लाभ और बनाने का तरीका

आखिरी अपडेट: 28 जनवरी, 2019

दालचीनी दुनिया के सबसे मशहूर मसालों में आती है। यह अपने औषधीय , पाकशास्त्रीय और कॉस्मेटिक उपयोगों के लिए बहुत ही मूल्यवान है। दालचीनी का तेल बहुत उपयोगी होता है।

दालचीनी वैज्ञानिक नाम सिनामोमम वेरम (Cinnamomum verum) वाले पेड़ से मिलती है। इसे कई किस्म के पेय और मिठाइयाँ बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। कई घरेलू ट्रीटमेंट में इसे मुख्य सामग्री के रूप में भी शामिल किया जा सकता है।

दालचीनी का तेल कैसे बनायें

दालचीनी अपने सुगंधित गुणों के लिए खास तौर से जानी जाती है। इसलिए इसका उपयोग परफ्यूम, एयर फ्रेशनर और घर की सफाई करने वाले प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है।

इसके अलावा, इसके कई आंतरिक और बाहरी उपयोग हैं। यह कई बीमारियों का इलाज कर सकती है क्योंकि यह जीवाणुरोधी पदार्थों और एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध है।

सबसे अच्छी बात यह है कि यह सस्ती है और इसे अपने आहार में शामिल करना आसान है। वास्तव में, इसे आसानी से कई अन्य घटकों के साथ मिलाया जा सकता है। हालांकि बहुत से लोग आम तौर पर इसे शेक और अर्क बनाने में शामिल करते हैं, पर इसके सारे गुणों का फायदा उठाने के लिए ज्यादा अच्छे तरीके भी हैं।

ऐसा ही एक तरीका इसका औषधीय तेल बनाना है। इसके अलावा, यह त्वचा की समस्याओं, बीमारियों और प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं में राहत देने के लिए आदर्श है।

आज की पोस्ट में, हम आपको यह औषधीय तेल बनाने का तरीका दिखाना चाहते हैं। हम इसका इस्तेमाल करने के सभी लाभों के बारे में भी बताएंगे।

औषधीय दालचीनी का तेल कैसे तैयार करें

औषधीय दालचीनी का तेल कैसे तैयार करें

औषधीय दालचीनी का तेल (Cinnamon Oil) तैयार करना बहुत आसान है। यदि आप किसी विशेष स्थिति से पीड़ित नहीं हैं तब भी आप इसे बना सकते हैं।

यह लंबे समय तक सुरक्षित रहती है इसलिए आप अपनी दवाओं की अलमारी में रखने के लिए थोड़ा दालचीनी का तेल बना ही सकते हैं।

हालांकि कुछ हर्बल और हेल्थ फूड की दुकानों में बना-बनाया दालचीनी का तेल बिकता है, खुद इसे बना लेने का विकल्प जहाँ ज्यादा सस्ता है वहीं इसकी अच्छी क्वालिटी की गारंटी भी देता है।

इन्ग्रेडिएंट

  • 12 दालचीनी की डंडियाँ (cinnamon sticks)
  • 1 कप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (extra virgin olive oil) (200 ग्राम)
  • 1 एयरटाइट ग्लास जार

तरीका

  • सबसे पहले, ग्लास जार में दालचीनी की डंडियाँ डालें और फिर एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल डालें।
  • सुनिश्चित करें कि डंडियाँ अच्छी तरह से तेल से ढकी हुई हैं। जार को सील करें और एक गर्म स्थान में स्टोर करें।
  • इसे दो से तीन हफ्ते के लिए गाढ़ा होने दें।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात, इसे रोज ज़रूर हिलाएं ताकि दालचीनी का अर्क तेल के साथ अच्छी तरह मिल जाए।
  • यह समय बीतने के बाद जाली (gauze) या इसी तरह के मटेरियल से बनी हुई छलनी का उपयोग करके दालचीनी के बचे हुए टुकड़ों को अलग करें।
  • अंत में, प्रोडक्ट को एक घरे रंग वाली बोतल में डालें और एक ठंडे स्थान में स्टोर करें।

दालचीनी के तेल के क्या फायदे हैं?

दालचीनी का तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्वों से समृद्ध है जो हमारे स्वास्थ्य पर असर डालने वाले बहुत तरह के रोगजनक कीटाणुओं से कारगर रूप से लड़ता है।

इतना ही नहीं, इसके इन्ग्रेडिएंट का संयोजन सूजन से राहत देता है, फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली कोशिकाओं की क्षति को रोकता है और बदले में, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

दालचीनी के तेल के तमाम लाभों में से कुछ हैं:

1. सर्दी-जुकाम को रोकता है

दालचीनी का तेल सर्दी-जुकाम को रोकता है

दालचीनी का तेल लगाना और इसका सेवन करना फ्लू और जुकाम के असुविधाजनक लक्षणों को रोकने और कम करने का एक सरल तरीका है।

दूसरे शब्दों में, इसके कम्पाउंड अवरुद्ध श्वसन मार्ग को खोलते हैं, कफ के जमाव से राहत देते हैं   और इनके जिम्मेदार वायरस और बैक्टीरिया को ख़त्म करने में मदद करते हैं।

2. डायबिटीज का मुकाबला करता है

यह साबित हो चुका है कि अनियंत्रित रक्त शर्करा से निपटने के लिए दालचीनी सबसे अच्छे मसालों में से है।

इसलिए, यदि आप इस तेल की दो या तीन बूंदों को अपने रेगुलर डाइट में शामिल करें तो आपको इसके डायबिटीज का मुकाबला करने वाले गुणों के लाभ मिलेंगे।

3. आर्थराइटिस से राहत देता है

दालचीनी का तेल आर्थराइटिस से राहत देता है

इस नेचुरल प्रोडक्ट को प्रभावित स्थान पर सीधे लगाकर आर्थराइटिस और हड्डी की बीमारी वाले मरीजों को कुछ राहत मिल सकती है।

दालचीनी का तेल इस समस्या के कारण होने वाले दर्द और मूवमेंट की परेशानी को घटाने के लिए रक्त प्रवाह को बढाता है और सूजन को कम करता है।

4. त्वचा के संक्रमण से निपटता है

दालचीनी का तेल रोमछिद्रों के माध्यम से आसानी से शरीर द्वारा सोख लिया जाता है। यह जीवाणुरोधी है इसलिए इसका नियमित रूप से उपयोग करने से हर प्रकार के त्वचा के संक्रमण घट जाते हैं।

इसके अलावा, यह एथलीट फुट (athlete’s foot), सोरायसिस (psoriasis) और त्वचा को प्रभावित करने वाले अन्य विकारों से पीड़ित लोगों के लिए आदर्श है।

5. थकान कम करता है

दालचीनी का तेल थकान कम करता है

दालचीनी के तेल की मालिश शारीरिक और मानसिक थकान के लक्षणों से राहत दिलाने में सहायक है।

इसके यौगिक ब्लड सर्कुलेशन को सुधारते हैं, मस्तिष्क को ऑक्सीजन पहुंचाने की क्रिया को बढ़ावा देते हैं और एनर्जी के उपयोग को ऑप्टिमाइज़ करते हैं।

6. योनि के संक्रमण से लड़ता है

शावर के पानी में थोड़ा दालचीनी का तेल डाल दें तो संक्रमण से निपटने के लिए योनि के पीएच को संतुलित करने में मदद मिल सकती है।

इसके अलावा, कम मात्रा में इसका उपयोग करने से बैक्टीरिया और यीस्ट की उपस्थिति कम हो जाती है। यह खुजली , डिस्चार्ज और खराब गंध जैसे लक्षणों को भी नियंत्रित करता है।

क्या आपने कभी खुद अपने लिए दालचीनी का तेल तैयार किया है? अब तो आप जानते हैं कि इसे घर पर कैसे बनाया जाता है। तो देर किस बात की?  इन आसान स्टेप्स में यह लाजवाब औषधि बनाकर भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए तैयार रखें!



  • Landero Valenzuela, Nadia, Lara Viveros, Francisco Marcelo, Aguado Rodríguez, Graciano Javier, Hoyos Petra, Andrade, Encarnación Apolonio, Dalia, & Pérez Rivera, Yazmín. (2016). Aceite escencial de Cynnamomum zeylanicum: alternativa de control para Penicillium expansum sobre pera en poscosecha. Revista mexicana de ciencias agrícolas7(5), 1017-1028. Recuperado en 10 de febrero de 2019, de http://www.scielo.org.mx/scielo.php?script=sci_arttext&;pid=S2007-09342016000501017&lng=es&tlng=es.
  • Lee, S. C., Wang, S. Y., Li, C. C., & Liu, C. T. (2018). Anti-inflammatory effect of cinnamaldehyde and linalool from the leaf essential oil of Cinnamomum osmophloeum Kanehira in endotoxin-induced mice. Journal of food and drug analysis26(1), 211-220.
  • Montero-Recalde, Mayra, Revelo I, Jessica, Avilés-Esquivel, Diana, Valle V, Edgar, & Guevara-Freire, Deysi. (2017). Efecto Antimicrobiano del Aceite Esencial de Canela (Cinnamomum zeylanicum) sobre Cepas de Salmonella. Revista de Investigaciones Veterinarias del Perú28(4), 987-993. https://dx.doi.org/10.15381/rivep.v28i4.13890
  • Polin Raygoza, Laura Alicia, Muro Reyes, Alberto, & Díaz García, Luis Humberto. (2014). Aceites esenciales modificadores de perfiles de fermentación ruminal y mitigación de metano en rumiantes: Revisión. Revista mexicana de ciencias pecuarias5(1), 25-47. Recuperado en 10 de febrero de 2019, de http://www.scielo.org.mx/scielo.php?script=sci_arttext&;pid=S2007-11242014000100003&lng=es&tlng=es.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।