इन 7 प्राकृतिक उपायों से करें सोरायसिस से मुकाबला और उसकी रोकथाम

इन घरेलू प्राकृतिक नुस्ख़ों को आजमाकर आप सोरायसिस पर नियंत्रण पा सकते हैं। इस दौरान आपको तनाव से दूर रहना होगा क्योंकि इससे सोरासयिस की समस्या और बढ़ सकती है।
इन 7 प्राकृतिक उपायों से करें सोरायसिस से मुकाबला और उसकी रोकथाम

आखिरी अपडेट: 25 जुलाई, 2018

छाल रोग यानी सोरायसिस एक बार-बार होने वाला चर्म रोग है। इसमें त्वचा पर लाल-सफ़ेद धब्बे या चकत्ते बन जाते हैं। इसका उपचार करना कठिन है और यह उम्र के साथ और बदतर होता जाता है। कोई भी चीज़ सोरायसिस की शुरुआत ट्रिगर कर सकती है या इसे बदतर बना सकती है जैसे कि खाने की चीज़ें, तनाव या मौसम में बदलाव।

इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे ऐसे 7 घरेलू नुस्ख़े जो सोरायसिस का मुकाबला करने के साथ-साथ इसकी रोकथाम में आपकी मदद करेंगे।

धैर्य रखते हुए लगातार प्रयास करने से आप रोग बढ़ने से रोकने में कामयाब रहेंगे या फिर इसमें उल्लेखनीय सुधार देखेंगे।

कंडीशनिंग फैक्टर

अगर आप सोरायसिस का प्राकृतिक उपचार आजमाना चाहते हैं तो कुछ प्रभावशाली कंडीशनिंग फैक्टरों को ध्यान में रखना होगा।

जैसा कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या में ज़रूरी होता है, आपको स्वस्थ आहार लेना चाहिए और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए।

आपको तंबाकू और शराब जैसी ख़तरनाक चीजों से परहेज करते हुए नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए।

अच्छी डाइट

सोरासयिस का मुक़ाबला करने के लिए अच्छी डाइट लेना बहुत ज़रूरी है क्योंकि सही आहार न लेना इसके होने की एक मुख्य वज़ह हो सकती है।

आप क्या भोजन खाते हैं और उन्हें किस तरह खाते हैं, यह वे आदतें हैं जिन्हें आपको लगातार सुधारना चाहिए। ऐसा करना इस रोग को शांत करने का अच्छा तरीका साबित हो सकता है।

  • प्राकृतिक चीज़ों का सेवन अधिक करें (फल, हरी सब्जियां, दालें, नट्स और बीज)
  • महीन आटे का सेवन करने से बचें।
  • चीनी के स्थान पर नेचुरल स्वीटनर्स (स्टीविया, कोकोनट शूगर, शहद,आदि) का इस्तेमाल करें।
  • बाहर का खाना, तला हुआ भोजन और डिब्बाबंद भोजन खाने से परहेज करें।
  • दूध से तैयार उत्पादों का सेवन न करें।

भावनाएं और तनाव

इंसान की भावनात्मक दशा जैसे कि चिंता में डूबे रहना या लगातार तनाव का प्रभाव भी सोरायसिस पर पड़ सकता है। इनसे अचानक सूजन बढ़ जाती है और खुजली होने लगती है।

इसलिए अपनी भावनाओं पर काबू रखना बहुत ज़रूरी है ताकि तंत्रिका तंत्र संतुलन में बना रहे। नीचे दी गई कुछ टिप्स मददगार साबित हो सकती हैंः

  • हर हफ्ते कम से कम दो या तीन बार कसरत करें।
  • रोज़ाना रात में गहरी नींद लें।
  • बैक फ्लावर नुस्ख़ों को आजमाएं
  • अगर ज़रूरी हो तो आराम पहुंचाने वाले औषधीय पौधों यानी रिलैक्सिंग मेडिसिनल प्लांट्स (लेमन बाम, पैशन फ्लावर, लाइम) का इस्तेमाल करें।

सोरायसिस के लिए घरेलू नुस्ख़े

1. क्ले और खीरा की पुल्टिस

क्ले यानी चिकनी मिट्टी एक स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक उत्पाद है जो तीन तरह से सोरायसिस के उपचार में मददगार हैः

  • सूजन घटाती है।
  • त्वचा के टॉक्सिन सोखकर उन्हें बाहर निकाल देती है।
  • ज़रूरी खनिज पदार्थ प्रदान करती है।

हालांकि एक बात ध्यान रखें, क्ले से त्वचा सूख भी जाती है जो कि सोरायसिस के लिए लाभकारी नहीं है।

इसीलिए, हमारी आपको सलाह है कि इसे पानी के स्थान पर खीरा के जूस के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें। इस तरीके से पुल्टिस त्वचा को मॉइस्चराइज करने करने के साथ-साथ तरोताज़ा रखते हुए आपको राहत पहुंचाएगी।

2. लिकोरिस बाथ

लिकोरिस का प्रभाव बिल्कुल कार्टिसोन की तरह होता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं।

इसीलिए, आरामदायक स्नान के लिए यह एक बेहतरीन प्राकृतिक नुस्ख़ा है, विशेष तौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें सोरायसिस की समस्या है

3. समुद्र का पानी

समुद्र का पानी सबसे आसान और किफायती प्राकृतिक नुस्ख़ा है जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं। ज़रूरी खनिज प्रदान की क्षमता के साथ-साथ अपने एंटीसेप्टिक और एल्केनाइज़िंग गुणों के कारण यह त्वचा पर इस्तेमाल के लिए बहुत उपयोगी है।

  • इसका सबसे अच्छा विकल्प बीच पर तैरना हो सकता है। अगर ऐसा न कर पाएं तो आप समुद्री पानी को स्प्रे के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. गाजर की पुल्टिस

गाजर में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये हर तरह की त्वचा समस्याओं में बहुत लाभकारी होती हैं।

  • इन गुणों के कारण आप इन्हें कद्दूकस करने के बाद किसी कपड़े में बांधकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।
  • फ़ायदे नज़र आएं, इसके लिए आपको लगातार रोज़ाना इसका इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा।

5. एलोय वेरा का दोहरा इस्तेमाल

एलोय वेरा एक बहुउपयोगी पौधा है। आप इसका जूस पीकर अपनी आंतों की कार्यप्रणाली दुरुस्त कर सकते हैं। सोरायसिस का आंतों से गहरा संबंध बताया जाता है। इसलिए हमेशा सुनिश्चत करें कि आपका पेट साफ़ रहे।

एलोय वेरा शरीर पर बाहर से इस्तेमाल (टॉपिकल ट्रीटमेंट) के लिए भी आदर्श है। यह त्वचा को ठंडक पहुंचाने के साथ-साथ उसे हाइड्रेट भी करता है। साथ ही, नई त्वचा के विकास में भी मददगार है।

6. अलसी का तेल (फ्लेक्स ऑयल)

अलसी का तेल यानी फ्लेक्स ऑयल में आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो कि त्वचा, विशेषकर सोराससिस के लिए बहुत मददगार साबित होता है। यह त्वचा को अंदरूनी पोषण देता है और उसे सूखेपन और खुजली से बचाता है।

  • आप इसका सेवन गोलियों के रूप में या फिर बीजों को पीसकर कर सकते हैं। बस एक बात ध्यान रखें कि इसका ऑक्सीकरण या क्षरण बहुत तेज़ी से होता है।

7. नारियल और जिरेनियम का तेल

वर्जिन कोकोनट ऑयल (नारियल के पानी से तैयार तेल) में मौजूद फैटी एसिड की मात्रा के कारण यह सोरायसिस पर काबू पाने में बहुत कारगर है।

अगर आप इसे एसेंशियल जिरेनियम ऑयल के साथ मिला लें तो आपको एक ऐसा प्राकृतिक उत्पाद मिलेगा जो त्वचा का पोषण करने के साथ-साथ नई त्वचा बनाने और सूजन घटाने में मददगार है



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