संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताएं : किसी कपल की सबसे बड़ी दुश्मन

सूक्ष्म आक्रामकताएं चाहे कितनी भी मीठी-मीठी बातों में क्यों न छिपी हों, आपको थका सकती हैं और आपके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को खोखला कर सकती हैं।
संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताएं : किसी कपल की सबसे बड़ी दुश्मन

आखिरी अपडेट: 27 जून, 2019

सूक्ष्म आक्रामकताएं (microaggressions) लगातार रोजाना की झिड़कियों पर आधारित एक छुपी हुई मनोवैज्ञानिक गाली है। यह एक तरह से अपमान है जहाँ दूसरा व्यक्ति आपका आत्मसम्मान कम करने के लिए मजाक और उपहास का इस्तेमाल करता है।

संबंधों में सूक्ष्म आक्रामकताएं और भी घातक हो सकती हैं।

इस तरह की गाली के बारे में आपने ज्यादा नहीं सुना होगा क्योंकि यह उतनी स्पष्ट नहीं होती। यह निशान नहीं छोड़ती और ज्यादातर समय न तो गाली देने वाले और न ही उसके शिकार को इस बात की जानकारी रहती है कि कोई विनाशकारी चीज हो रही है।

हम क्या कह रहे हैं, इसे समझाने के लिए यहाँ कुछ उदाहरण हैं।

पुरुष और महिला, दोनों के लिए एक-दूसरे को इस तरह की बातें कहना आम है : “तुम्हारा यह बेढंगापन मुझे बहुत भाता है, जिस तरह तुम चीजें तोड़कर मेरा दिन बना देते हो।”

“बेहतर होगा कि मैं बात करूँ, तुम करोगी तो गड़बड़ कर दोगी,”  “रुको, मत करो, मुझे करने दो, तुममें कोई  तरीका तो है नहीं, वह तुमसे टूट जाएगा।”

आप देख सकते हैं इन बातों में प्रेम और अंतरंगता है। पर असल में यह नियंत्रण एक व्यक्ति के हाथों में रख देता है और दूसरे को इसके लिए मना कर देता है

हम आपको इस विषय पर ज्यादा गहराई से जानने और इस तरह के मुँहजबानी अपशब्द के इस्तेमाल के बारे में ज्यादा जानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

सूक्ष्म आक्रामकताएं : इनके विशेष लक्षण

सूक्ष्म आक्रामकताएं

कोई जोड़ी इन बुनियादी खम्भोंं की श्रृंखला पर संबंध का निर्माण करती है : आदर, धीरज, हमदर्दी, अंतरंगता और आपसी समझ।

जब इन खम्भों में से कोई एक ढह जाता है, तो बाकी खम्भे कमजोर पड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए अच्छे संवाद के बिना सच्ची हमदर्दी होना असंभव है। हमदर्दी के बिना सच्ची आपसी समझदारी होना नामुमकिन है।

एक खुशहाल, हेल्दी संबंध आपस में फबते हुए अलग-अलग रंगों के एक मजबूत बुनावट के कपड़े की तरह हैं। ये अंतर ठीक हैं क्योंकि कपड़े को बुनने वाले सभी धागों  के बीच एक संतुलन है।

सूक्ष्म आक्रामकताएं हर दिन एक छोटे धागे को खींच कर निकालने की तरह हैं। यह उस समय यह असल में आपको दिखाई नहीं देता पर यह पूरी चीज को कमजोर कर देता है और छेद छोड़ देता है जिससे खुशहाली और तालमेल निकल भागते हैं।

आइए हम किसी संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताओं की अहम विशेषताओं का निरीक्षण करते हैं :

संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताएं

बेपरवाही और कम अहमियत देना

बेपरवाही और कम अहमियत देना बुनियादी तौर पर दूसरे व्यक्ति के लिए दिलचस्पी का अभाव है, जो स्पष्ट दिखाई देती है। इसका मतलब है कि यह संबंध की आक्रामकता  का एक रूप है जो दैनिक आधार पर चलाई जाती है।

यहाँ किसी जोड़ी के “सबसे बड़े दुश्मन” के छोटे-छोटे उदाहरण दिए गए हैं।

  • जो चीज दूसरे व्यक्ति को पसंद है उसका मजाक उड़ाना।
  • किसी संबंध को जारी रखने की परवाह न करना
  • जो काम करना दूसरे व्यक्ति को पसंद है उसे करने के लिए समय का अभाव (“अच्छा समय कभी भी नहीं आता”)।
  • जो चीज दूसरे व्यक्ति को पसंद है उसका दूसरे लोगों के सामने मजाक उड़ाना।

दूसरे व्यक्ति को खारिज करते हुए उसे बेवकूफ महसूस कराना

सूक्ष्म आक्रामकताएं

यह निश्चित रूप से किसी संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताओं की सबसे सामान्य विशेषताओं में से एक है।

इसका जटिल हिस्सा यह है कि यह एक तरह से दूसरे व्यक्ति को लाड़-प्यार से बिगाड़ने के एक उपाय की तरह शुरू होता है। दूसरे शब्दों में आप इसे यह सोचते हुए कर सकते हैं कि यह मासूमियत है, सिर्फ प्यार और स्नेह दिखाने का एक दूसरा उपाय।

आपको एक आइडिया देने के लिए यहाँ कुछ उदाहरण हैं :

दूसरा व्यक्ति यह दावा करते हुए अधिकार अपने हाथों में लेना शुरू करता है , “ वे इसे तुमसे बेहतर कर सकते हैं, और इस तरह तुम कुछ काम से भी बच जाओगी।”

वह मित्रों और परिवार के सामने आपकी कल्पित त्रुटियों के बारे में बातें कर सकता है, “यह खाना बनाना बिल्कुल नहीं जानती, जो चीज छूती है  उसे ही तोड़ देती है, इसने कम्प्यूटर के साथ क्या किया, तुम्हें देखना चाहिए था…….. “

ये सभी हानिकारक हैं और आपकी पहचान बोध और आत्मसम्मान को नष्ट करते हैं।

दूसरे व्यक्ति में भरोसे का अभाव

सूक्ष्म आक्रामकताएं

जैसे-जैसे सूक्ष्म आक्रामकताएं आपको आहत करती रहती हैं, आप व्यक्तिगत बदलावों से होकर गुजरना शुरू कर सकते हैं।

यह देख लेने के अलावा कि सूक्ष्म आक्रामकताएं आपके आत्मसम्मान का विनाश कर रही हैं, आप यह भी महसूस कर सकते हैं कि आप दूसरे व्यक्ति पर अब और भरोसा नहीं कर सकते।

आप कुछ चीजों को करने से बचने लगते हैं क्याोंकि आपको अनुशासित होने और आलोचना किए जाने से डर लगता है।

आप उनसे सहजता के साथ बातचीत करने में सक्षम होना भी बंद करते हैं क्योंकि उनकी भाषा हमेशा हानिकारक तानों से भरी होती है। 

इस तरह की सूक्ष्म आक्रामकताओं की प्रतिक्रिया देने में धीमापन, अपशब्दों के शिकार के लिए बहुत सामान्य है। आप यह विचार आत्मसात कर लेते हैं कि सूक्ष्म आक्रामक अपने हाथों से मारता है, अपनी आवाज ऊँची करता है और आपकी स्वतंत्रता में बाधा डालता है, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

सूक्ष्म आक्रामकताएं बहुत छोटे हमलों के समान हैं, आप उन्हें मुश्किल से देख सकते हैं। पर वे हमले ही हैं।

  • उनकी बुनियाद दूसरे व्यक्ति को गलत ठहराने पर खड़ी है
  • मजबूती हासिल करने के लिए वे दूसरे व्यक्ति को खारिज कर देते हैं।
  • वे दूसरे व्यक्ति को अपने आपेमें नहीं रहने देते। उन्हें संपूर्णता का अनुभव नहीं करने देते। दूसरे व्यक्ति जो हैं वही बने रहने और जिस चीज को पसंद करते हैं उसे पसंद करने नहीं देते।

सूक्ष्म आक्रामकताएं आपको ऐसा बना देती हैं कि आपकी अच्छाइयों, मजबूतियों और उपलब्धियों के अब और कोई मायने नहीं रह जाते। दूसरा व्यक्ति इन्हें उन चीजों को धूमिल करने के लिए इस्तेमाल करता है।

संबंध में सूक्ष्म आक्रामकताएं पहचानना सीखिए। मजबूत बने रहिए और उनका सामना करने का साहस रखिए।



  • Bourdieu, P., y Passeron, J. C. (2001). “Fundamentos de una teoría de la violencia simbólica”. En La reproducción. Elementos para una teoría del sistema de enseñanza. Madrid: Popular, pp. 15-85.
  • Hirigoyen, M. F. (1999). El acoso moral: el maltrato psicológico en la vida cotidiana. Buenos Aires: Paidós.
  • Velazquez, S. (1996). “Extraños en la noche”. En Burin, M., y Dio Bleichmar, E. Género, psicoanálisis, subjetividad. Buenos Aires: Paidós.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।