घर पर बनायें ऐसा मरहम जिससे कम होंगे स्पाइडर वेंस
त्वचा पर ऊपर से प्रतीत होती पतली नीली, लाल या बैगनी रंग की नसों को स्पाइडर वेंस कहा जाता है। ये हल्का सा हरा रंग लिए होती हैं और रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स का ही एक प्रकार होती हैं।
- वाल्वस हमारे शरीर में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
- लेकिन जब ये वाल्वस कमज़ोर पड़ने लग जाते हैं, तो स्पाइडर नसों का उभरना शुरू हो जाता है।
- ये ज़्यादातर शरीर के निचले हिस्से में दिखाई देती हैं, और वैरिकाज़ नसों से पहले दिखाई देना शुरू हो जाती हैं।
- कई बार ये फैलती नहीं हैं और इनका दिखना ऐसे ही खत्म हो जाता है, लेकिन कई बार ये बिना कोई दिक्कत दिए सालों तक आपकी त्वचा पर ज्यों की त्यों प्रतीत होती रहती हैं।
- स्पाइडर वेंस ज़्यादातर मोटे लोगों के शरीर पर दिखाई देती है।
लेकिन ये बात भी उतनी ही सच है कि ये हार्मोनल बदलाव, शारीरिक तापमान और यहाँ तक की कुछ विशेष प्रकार के फुटवियर तक से जुड़ी होती हैं और किसी को भी हो सकती हैं।
अच्छी खबर ये है कि कुछ प्राकृतिक उपचारों से इनके उभरने और प्रतीत होने पर कण्ट्रोल पाया जा सकता है।
कुछ विशेष सामग्री के उपयोग से शरीर का रक्त प्रवाह बेहतर बन सकता है और जलन से निजात मिल सकती है।
आपको इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए हमने एक ऐसा मरहम ढूंढ निकाला है जिसे पैरों, हाथों और शरीर के अन्य सभी हिस्सों पर लगाया जा सकता है।
इस मरहम का इस्तेमाल करने से न चूकें!
इस घरेलू उपचार से स्पाइडर वेंस पर काबू पाएं
स्पाइडर वेंस के उभरने पर नियंत्रण करने वाला ये मरहम लहसुन, नीबू और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के मेल से तैयार करा जाता है।
इस मरहम की एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और वासोडिलेटरी खूबियाँ केवल जलन और रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स के चौड़ेपन पर ही रोक नहीं लगाती हैं, बल्कि ये हमारे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में इस प्रकार सुधार लाती हैं जिससे ये समस्या काबू में आ सके।
- इसे बाहरी रूप से लगाने से कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इस से हम वैरिकाज़ वेंस जैसी जटिल समस्याओं से भी बच सकते हैं।
- साथ ही में इसकी टोनिंग खूबियाँ रक्त संचार को बेहतर बनाती हैं। इसके चलते शरीर के निचले हिस्से में थ्रोम्बी (एक प्रकार का फ़िब्रोनौस क्लॉट जो रक्त कोशिकाओं में बाधा बन सकता है) जैसी परेशानियाँ होने का डर नहीं बना रहता है।
- ये लिम्फैटिक सिस्टम की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाता है, जिसके कारण शरीर में सूजन नहीं होती है और टोक्सिन नहीं जमा होते हैं।
- साथ ही में ये सूजे हुए पैरों को भी आराम पहुँचाता है। यदि आप दिन भर के काम से या फिर व्यायाम करने के बाद लौट रहें हैं और आपके पैरों में सूजन है, तो ये मरहम बेहद मददगार साबित हो सकता है।
- इस मरहम में ऐसे मिनरल्स पाए जाते हैं जो त्वचा के जरिये शरीर में समा कर टिश्यू में मौजूद तरल पदार्थ को शरीर के बाहर निकालने में सक्षम होते हैं।
- ये कोई जादुई उपचार तो नहीं है, लेकिन ये स्पष्ट है कि इसके नियमित इस्तेमाल से स्पाइडर वेंस के दिखने में कमी ज़रूर आ सकती है।
स्पाइडर वेंस कम करने वाले मरहम को घर पर कैसे बनाएँ?
लहसुन, ऑलिव ऑयल और नींबू से घर पर तैयार करा गया ये मरहम त्वचा के सौन्दर्य से जुडी इस समस्या की रोकथाम के लिए तो इस्तेमाल किया जा ही सकता है। इसके अलावा इसे वैकल्पिक उपचार के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
हम आपको सलाह देंगे कि आप इसे हफ्ते में एक से दो बार उपयोग में ज़रूर लाएं।
बस इतना ध्यान रखें कि इस्तेमाल में लाया जाने वाला ऑलिव ऑयल 100% एक्स्ट्रा वर्जिन ही हो। ऐसा इसलिए ज़रूरी है क्योंकि अन्य इस्तेमाल में लाए जाने वाले ऑलिव ऑयल में सभी गुण नहीं पाए जा सकते हैं।
सामग्री
- 2 गाँठ लहसुन
- ½ कप ऑलिव ऑयल (100ग्राम)
- एक नीबू का रस
इस्तेमाल में लाए जाने वाले बर्तन
- ढक्कन लगा एक काँच का जार
- लकड़ी से बना चमच्च
बनाने का तरीका
- लहसुन की फाँकें छील लें।
- अब इन्हें अच्छे से बारीक कर लें।
- अब इन्हें काँच के जार में डालकर, ऊपर से तेल और नीबू का रस मिला दें।
- अब इस मिश्रण को लकड़ी के चमच्च से अच्छे से मिला लें।
- जार का ढक्कन बंद कर उसे 48 घंटों के लिए एक ठंडी जगह पर रख दें।
- इसके बाद अपनी ज़रुरत अनुसार मरहम निकालें और प्रभावित जगह पर लगाएँ।
इस्तेमाल करने का तरीका
- शरीर का जो हिस्सा स्पाइडर वेंस से प्रभावित है, वहां पर इस मरहम की 5 से 8 मिनट तक मालिश करें।
- बराबर मालिश करते रहें, पर बहुत ज़्यादा जोर न डालें, ताकि ठीक से रक्त संचार शुरू हो पाए।
- जब आपको मालिश के बाद की गर्मी महसूस होने लगे तो इसे 30 मिनट के लिए ऐसे ही लगा रहने दें।
- अब उस जगह को गुनगुने पानी से धोकर साफ़ कपडे से पोछ लें।
- इस प्रक्रिया को हफ्ते में 3 बार दोहराएँ। बेहतर होगा आप इसे सोने से पहले करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि अच्छे नतीजे पाने के लिए आपको इस उपचार को नियमित रूप से करना होगा।
- कई बार के इस्तेमाल के बाद ही अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।
क्या आपको अपने पैरों पर छोटी छोटी नसें दिखाई देती हैं? क्या आप चिंतित हैं कि कहीं ये वैरिकाज़ वेंस तो नहीं हैं?
अगर इन सब सवालों का उत्तर हाँ है, तो इस मरहम के नियमित उपचार से इस परेशानी से छुटकारा पाएं।
इसके साथ साथ आपके सर्कुलेशन में भी सुधार आएगा।
अपने खान पान की ओर भी ध्यान दें और इस समस्या के उपचार के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं।
आपको चौंका देने वाले नतीजे हासिल होंगे।