ऑलिव ऑयल और लहसुन से करें नसों की सूजन का नेचुरल ट्रीटमेंट

यदि आप प्राकृतिक तरीके से नसों की सूजन का इलाज करना चाहते हैं तो इस उपचार के साथ-साथ आपको एक अच्छी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज की भी जरूरत है।
ऑलिव ऑयल और लहसुन से करें नसों की सूजन का नेचुरल ट्रीटमेंट

आखिरी अपडेट: 26 मई, 2018

नसों की सूजन शरीर में रक्त संचार में आयी किसी गड़बड़ी की स्पष्ट संकेत है। इसे वैरिकोस विंस कहते हैं। वैरिकोस विंस देह के निचले हिस्से को प्रभावित कर सकती है।

ये तब होती हैं जब कैपिलरीज यानी  केशिकाएं और नसें फ़ैल जाती हैं। ऐसा तब भी होता है जब सूजन हो या फिर असामान्य तरीके से खून जमा हो जाये। इसका एक कारण शरीर की सर्कुलेटरी सिस्टम की दीवारों और वाल्व में कमजोरी आ जाना भी है।

इन नसों को उनके ललछौंह रंग के कारण बहुत अच्छी तरह जाना जाता है, और इनका होना महिलाओं के लिए सामान्यतः दोष माना जाता है (पुरुषों के लिए भी, हालांकि कुछ हद तक ही)।

ये नसें बहुत बड़ी होती हैं, और शरीर के कई हिस्सों में साफ़-साफ़ देखी जा सकती हैं, जैसे पिंडलियों और अंदर की जाँघों पर।

वैसे तो, ये ज्यादातर 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को ही प्रभावित करती हैं। लेकिन, कई बार कुछ विशेष कारणों से ये कम उम्र की महिलाओं में भी देखने को मिलती हैं।

किस्मत से, बहुत बड़ी संख्या में ऐसे ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट मौजूद हैं जो नसों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, ये रक्त संचार तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं

इन सभी विकल्पों में से एक 100% नेचुरल है। इसे बनाने में इस्तेमाल ख़ास सामग्रियों की वजह से यह बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के उपचार में मदद करता है।

यह एक नेचुरल मॉइस्चराइजर है जो ऑलिव ऑइल और लहसुन से तैयार किया गया है। यह त्वचा को वे जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है जो सूजन और रक्त संचार की समस्या को कम करने में मदद करते हैं

क्या आप तैयार हैं, इसे बनाने का तरीका सीखने के लिए?

ऑलिव ऑयल और लहसुन से नसों की सूजन का ईलाज

नसों की सूजन

लहसुन के साथ ऑलिव ऑइल मिलाने से एक तैलीय लोशन बनता है। इसे थोड़े से नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाने से यह नसों की सूजन को कम करने में मदद करता है।

इस मिश्रण में एंटी- इंफ्लेमेटरी, टोनिंग और फ्रिमिंग इफेक्ट्स होते हैं। यह केशिकाओं और नसों के फैलाव को कम करने में मदद करता है। इसके आलावा, यह नसों में रक्त प्रवाह को भी सही करता है।

गोल-गोल तरीके से घुमाते हुए लोशन लगाने से रक्त प्रवाह बढ़ता है और लिम्फटिक सिस्टम सक्रिय हो उठता है। इसके अलावा यह केशिकाओं में ऑक्सीजन फ्लो के बीच में आने वाले विषैले तत्व यानी टॉक्सिन को भी हटाता है।

और इससे भी अच्छी बात तो ये है कि, यह बहुत ही आरामदायक होता है। कई बार जब लोगों को अहसास होता है स्थिति बहुत बिगड़ चुकी  है तो उस समय होने वाली परेशानी और दर्द को कम करने के लिये यह बहुत ही मददगार होता  है।

हालाँकि, एक बात ध्यान रखें, हमेशा सलाह दी जाती है कि जैसे ही पहली बार नसों में सूजन दिखनी शुरू हो,  उसी समय जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू कर दें। जितनी जल्दी आप ट्रीटमेंट शुरू करेंगे उतनी ही जल्दी अच्छेपरिणाम आपको मिलेंगे।

एक और बात जो ध्यान रखना ज़रूरी है वो ये कि केवल एक बार में ही आपको रिजल्ट नहीं दिखाई देंगे। मनचाहा परिणाम पाने के लिए आपको लगातार ट्रीटमेंट करते रहना होगा

इस नेचुरल ट्रीटमेंट को कैसे बनायें

ऑलिव ऑयल और लहसुन-1

हम सुझाव देंगे कि हो सके तो आप इस ट्रीटमेंट को तैयार करने के लिए उत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री ही इस्तेमाल करें। सस्ते विकल्पों में अच्छे गुण मिल पाना मुश्किल है।

तैयार किये गए ट्रीटमेंट की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शुद्ध यानी एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल और साबुत लहसुन चुनें।

सामग्री

  • लहसुन की 12 कलियाँ
  • ½ कप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल (100 ग्राम)
  • 1 नींबू का रस
  • 1 कांच का जार

विधि

  • सबसे पहले लहसुन छीलें और उसे आधा काटकर उसे पीस कर पेस्ट बना लें।
  • अब पिसे हुए लहसुन को कांच के जार में डालकर उसमें ऑलिव ऑइल और नींबू का रस मिला लें।
  • डिब्बे को सुरक्षित रूप से बंद करके रात भर के लिए अँधेरी जगह में रख दें।
  • अगली सुबह लकड़ी के बर्तन की मदद से सामग्री को निकल लें, लहसुन के छोटे टुकड़े निकालने के लिए इसे छलनी से छान लें

लेप का तरीका

  • सबसे पहले, लोशन को हाथ में निकालें और देह के जिन हिस्सों में नसों में सूजन है वहां इसकी मालिश करें
  • उस जगह पर लगातार मालिश करें और उँगलियों के पोरों से दबाव डालते रहें जिससे सर्कुलेशन बढ़ने में मदद मिलेगी।
  • लगाने के बाद इसे एक घंटे तक छोड़ दें ताकि यह अपना कार्य कर सके
  • लगभग एक घंटे बाद इसे ठन्डे पानी से धोकर साफ़ कर लें।
  • हफ्ते में कम से कम तीन बार इसे लगायें, ख़ासतौर पर रात में

ध्यान रखें! तुरंत औत स्थायी नतीजे पाने के लिए, इस ट्रीटमेंट के साथ-साथ नियमित एक्सरसाइज और हैल्थी डाइट लेना भी ज़रूरी है

इन आदतों से न केवल आपके रक्त संचार तंत्र में सुधार होगा बल्कि बढ़ा हुआ वज़न और नसों की सूजन भी कम होगी। ये दो सबसे जरूरी बाते हैं जो आपके पैरों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।

इसे अभी शुरू करे, आप जानेंगे कि घर पर ही इन परेशानियों और समस्याओं का इलाज करना कितना सस्ता और आसान है



  • Salud, E. De. (2008). Insuficiencia venosa. Espacio de Salud. https://doi.org/10.1157/13061072
  • Moñux, G. (2009). Varices y trombosis venosa profunda. Libro de la salud cardiovascular.
  • Cilveti Gubía, S., & Idoate García, V. (2001). Posturas Forzadas. Ministerio de Sanidad y Consumo.

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।