पीठ के निचले हिस्से में दर्द के 4 कारण, कैसे करें इसका मुकाबला

क्या आप पीठ के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित हैं? इसके कुछ संभव कारणों और इलाज के बारे में जानिए। आप अपने मेरुदंड की सेहत के लिए जो कुछ भी करेंगे, वह आपके बढ़िया स्वास्थ्य और आरोग्य के पक्ष में होगा।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द के 4 कारण, कैसे करें इसका मुकाबला

आखिरी अपडेट: 26 मार्च, 2019

क्या आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारणों के बारे में जानकारी है? आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल में पीठ के निचले हिस्से में दर्द या कमर दर्द सबसे आम शिकायतों में से एक है

गलत पॉस्चर, सोने की मुद्रा में गलती या सिर्फ एक गलत तरीके की चाल में से कोई भी अक्सर रीढ़ मेरुदंड के निचले भाग में जलन महसूस होने का कारण बन जाती है जिसकी व्याख्या करना कठिन होता है।

ध्यान देना चाहिए कि मांसपेशियों और हड्डियों की यह अवस्था युवाओं पर जितना असर करती है, वृद्धों पर भी उतना ही करती है। इसमें निष्क्रिय जीवनशैली जीने वाले लोग और खिलाड़ी दोनों ही  शामिल हैं। पीठ के निचले हिस्से में दर्द इनमें से किसी में भेदभाव नहीं बरतता है।

हम अक्सर भूल जाते हैं कि मेरुदंड का हमारा शानदार ढाँचा कितना नाजुक है। वर्टिब्रा, डिस्क, नर्व, लिगामेंट और जोड़ों का यह समूह, जो साथ मिलकर हमारी चाल-ढाल का आधार स्तम्भ बनते हैं, हमारे शरीर के अत्यंत जटिल अंगों में से एक है।

यदि आपको कभी भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हुआ हो, तो आप निश्चित तौर पर जानते होंगे कि हम किस बारे में बातें कर रहे हैं। आइए हम पीठ के निचले हिस्से में दर्द के सबसे सामान्य कारणों के बारे में जान लें और यह भी कि हम इनसे कैसे लड़ सकते हैं।

पीठ के निचले हिस्से में दर्द के सबसे सामान्य कारण

पीठ के निचले हिस्से में दर्द के सबसे सामान्य कारण

1. मांसपेशियों में खिंचाव (Pulled muscle)

मान लीजिए के आप अपनी मेज पर बैठे हैं। अचानक पीठ और धड़ हो घुमाते हुए तेजी से पीछे की ओर मुड़ते हैं।

आप इसे इतना अचानक करते हैं, कि तुरंत आपको अपनी पीठ के निचले हिस्से में एक गर्म, फैलता हुआ दर्द महसूस होता है। बाद में जब आप उठकर खड़े होते हैं, तो दर्द इतना तीव्र हो जाता है कि यह आपके पैर और कमर के आसपास फैल जाता है।

मांसपेशी में खिंचाव अचानक हिलते-डुलते हुए या चोट के बाद आराम करते या चलते समय हो सकता है।

इसके लक्षणों में ऐंठन से लेकर हिलने-डुलने में पूरी तरह अक्षमता जैसा कुछ भी हो सकता है। मांसपेशी का यह खिंचाव सूजे हुए क्षेत्रों के टेडन (tendons) और लिगामेंट पर भी असर कर सकता है।

मांसपेशियों में खिंचाव का इलाज कैसे करें

  • जब आप “खिंचाव” महसूस करते हैं, तो तुरंत बर्फ लगाएँ। इसके बाद बारी-बारी से ताप और बर्फ की सेंक दें।
  • 24 घंटों के लिए विश्राम लें। इसके बाद सामान्य मूवमेंट वापस पाने के लिए अलग-अलग हल्के व्यायाम करना शुरू कर सकते हैं। 
  • जेल और अर्निका का प्राकृतिक इलाज इन मामलों में हैरंतअंगेज हो सकता है, क्योंकि ये बहुत उम्दा एंटीइन्फ्लेमेटरी हैं।

2. प्रोलैप्स्ड या हर्निएटेड डिस्क (Prolapsed or herniated disc)

पीठ के निचले हिस्से में दर्द : प्रोलैप्स्ड या हर्निएटेड डिस्क (Prolapsed or herniated disc)

इंटरवर्टिब्रल डिस्क्स,  (intervertebral discs) तरल से भरी थैलियाँ हैं जो वर्टिब्रा के बीच “कुशन” का काम करती हैं और इस तरह आपकी गतिशीलता को कोमल बनाती हैं।

यदि आपको किसी चोट या गलत गतिशीलता के कारण प्रोलैप्स्ड (prolapsed) डिस्क है, तो आपको सिर्फ दर्द ही नहीं होगा, बल्कि सिहरन और मरोड़ होगी और  पीठ प र एक छोटा गुमड़ भी निकल आएगा। सुबह दर्द ज्यादा प्रबल होगा।

स्लिप डिस्क खिलाड़ियों में ज्यादा सामान्य है।

हर्निएटेड डिस्क का इलाज कैसे करें

हर्निएटेड (herniated) डिस्क का इलाज करने के लिए आपको उचित मेडिकल निदान की जरूरत पड़ेगी। कभी-कभी जख्म गंभीर होने पर सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

इस हालत में किसी अच्छे फिजिकल थेरापिस्ट की मदद लेना अनिवार्य होगा।

3. बार-बार होने वाले तनाव का जख्म

निचली पीठ में दर्द - लचीला मेरुदंड

हमेशा एक ही मुद्रा में काम करने और ऐसा कठोर शारीरिक श्रम का जिसमें पीठ की गतिशीलता जरूरी हो, कीमत चुकानी पड़ती है।

बार-बार एक ही मुद्रा में शरीर हिलाने-डुलाने, जैसे धड़ को बार-बार दायीं ओर मोड़ने जैसी किसी भी दोहराए जाने वाली गतिशीलता के कारण मेरुदंड के ढांचे पर दबाव पड़ सकता है, इसमें सूजन हो सकती है। 

इसका परिणाम कमजोर कर देने वाले जख्म के रूप में हो सकता है।

बार-बार दोहराने वाले स्ट्रेस के जख्म का इलाज कैसे करें

इन जख्मों का इलाज करने के कई उपाय हैं। इनमें शामिल हैं :

  • मालिश
  • योग या तैरना
  • करेक्टिव या कम्प्रेसन बेल्ट
  • अपने पॉस्चर का ध्यान रखना

4. जोड़ों के डिजेनेरेटिव रोग (Degenerative joint diseases)

पीठ के निचले हिस्से में दर्द : जोड़ों के डिजेनेरेटिव रोग (Degenerative joint diseases)

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपके इंटरवर्टिब्रल डिस्क ज्यादा पतले हो जाते हैं और जॉइंट्स दब जाते हैं।

कार्टिलेज अपना लचीलापन खोने लगता है, यह सख्त हो जाता है और अंत में डरावने  ऑस्टियोअर्थराइटिस का आगमन हो जाता है।

जेनेटिक कारण, मोटापा या पुरानी चोटों के परिणाम के रूप में धीरे-धीरे यह रोग बढ़ता जाता है।

डिजेनेरेटिव रोगों का इलाज कैसे करें

सबसे पहले हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए, कि इस तरह के डिजेनेरेटिव रोग का इलाज नहीं किया जा सकता : इसे पहले जैसा ठीक नहीं किया जा सकता।

दर्द कम करने और जीवन की बेहतर क्वालिटी का आनंद लेने के लिए आप सिर्फ लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं।  

हमारे इन अहम सुझावों पर अमल करें :

  • सक्रिय रहिए। निष्क्रियता से जोड़ ज्यादा सख्त हो जाते हैं। लम्बे समय तक बैठे रहना आपके इंटरवर्टिब्रल डिस्क को ज्यादा दबा सकता है। प्रतिदिन टहलिए या व्यायाम कीजिए। पीठदर्द से राहत पाने के लिए कुछ बहुत बढ़िया व्यायाम हैं, जैसे किकौंग (Qigong)।  यह एक चीनी एक्सरसाइज है जो कुछ शारीरिक मुद्राओं और सांस लेने की तकनीकों का मेल करता है।
  • एंटीइन्फलेमेटरी खाद्य खाइए। जैसे वे खाद्य जो ओमेगा 3 फैटी ऐसिड से भरपूर हैं।
  • हर रोज सुबह जब आप नींद से जगते हैं, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कीजिए
  • अपने डॉक्टर से सलाह लीजिए, विटामिन D और मैग्नीशियम सप्लिमेंट से मदद मिल सकती है। ये आपकी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए बहुत बढ़िया हैं।


  • Casado Morales, M.ª Isabel, Moix Queraltó, Jenny, & Vidal Fernández, Julia. (2008). Etiología, cronificación y tratamiento del dolor lumbar. Clínica y Salud19(3), 379-392. Recuperado en 22 de febrero de 2019, de http://scielo.isciii.es/scielo.php?script=sci_arttext&pid=S1130-52742008000300007&lng=es&tlng=es.
  • Cruz-Sánchez, E. de la, Torres-Bonete, M.D., García-Pallarés, J., Gascón-Cánovas, J.J., Valero-Valenzuela, A., & Pereñíguez-Barranco, J.E.. (2012). Dolor de espalda y limitación de la actividad física cotidiana en la población adulta española. Anales del Sistema Sanitario de Navarra35(2), 241-249. https://dx.doi.org/10.4321/S1137-66272012000200006
  • Maradei García, F., Quintana Jiménez, L., & Barrero, L. H. (2016). Relación entre el dolor lumbar y los movimientos realizados en postura sedente prolongada. Revisión de la literatura. Salud Uninorte32(1).

यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।