एक्सरसाइज और रिलैक्सेशन के लिए वाकिंग मेडिटेशन सीखिए
जब आप टहलते हैं तो मानो सब-कुछ चलता है। इससे आप सिर्फ अपना फालतू वजन ही कम नहीं करते, बल्कि रोजाना जमा होने वाले बोझों को भी हल्का करते हैं जो आपको अपने स्ट्रेस का बंदी बना लेते हैं। गहरा रिलैक्सेशन पाने और भावनात्मक शुद्धि (catharsis) के लिए हम आपको सलाह देते हैं कि टहलते समय मेडिटेट करना सीखिए।
यह “ब्रीदवॉक” (breath-walk) के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा अभ्यास है जो समकालिक श्वसन या सिंक्रोनाइज्ड ब्रीदिंग (synchronized breathing) और हल्के शारीरिक व्यायाम को माइंडफुलनेस के साथ जोड़ता है।
ज्यादातर लोगों के लिए, यह सचेतनता का एक तरीका है जिसका प्रयोग दैनिक जीवन पर किया जा सकता है। यह उस समय किया जाता है जब गहन मेडिटेशन से शरीर को व्यायाम और मन को रिलैक्सेशन मिलता है।
टहलते समय मेडिटेट करना, पहली बार यह विचार कुछ भ्रामक लग सकता है। फिर भी, हम आपको आश्वासन देते हैं, कि इसके फायदे हैरतअंगेज हैं। कई खिलाड़ी अपने दैनिक रूटीन में इसका पहले से ही प्रयोग करते हैं।
वाकिंग मेडिटेशन : टहलते समय अपने मन को प्रशिक्षित कीजिये
बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो मेडिटेशन का अभ्यास करना शुरू करते हैं पर वैसे परिणाम नहीं पाते जिनकी उन्हें खोज है। जैसा कि आप जानते हैं, माइंडफुलनेस रिलैक्सेशन का साधन होने के अलावा भी बहुत कुछ है।
टहलते समय मेडिटेट करना आपको माइंडफुलनेस के एक अलग धरातल का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता है। इसके दौरान आप अपने वजूद को साबित करते हुए दिलोदिमाग को रिलैक्स करते हैं और जटिल परिवेश में अपनी मौजूदगी और ग्रहणशीलता बढ़ाना सीखते हैं।
हालांकि यह लक्ष्य बहुत संतोषजनक है और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देता है। फिर भी, हर कोई अपने जीवन में इसका प्रयोग करने में सक्षम नहीं हो पाता।
फिर भी, यदि आप इसके साथ एक्सरसाइज करने का दिलचस्प पहलू जोड़ देते हैं तो आप बिल्कुल सही कदम उठाएंगे। इससे बहुत से लोग पहले ही फायदा उठा चुके हैं : टहलना और मेडिटेशन साथ-साथ चलाए जा सकते हैं।
वाकिंग मेडिटेशन : एक प्राचीन विरासत
इस आधुनिक और तनाव व दबाव भरी दुनिया में परंपरागत उपाय से मेडिटेशन करना लगभग नामुमकिन है। जब करने के लिए इतना कुछ रहता है तो आप बैठ कैसे सकते हैं?
- यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में शायद बहुत से लोगों ने सोचा है। पर कभी-कभी आप इन दो चीजों के बारे में बहुत ही जागरूक हो उठते हैं।
- आपको अपना तनाव संभालने की जरूरत है।
- आप यह भी जानते हैं कि आपको किसी तरह का व्यायाम करने की जरूरत है। निष्क्रिय जीवनशैली जीना आपके स्वास्थ्य का सर्वनाश कर सकता है।
इसलिए क्यों नहीं इन दोनों को जोड़ दिया जाए? ब्रीदवॉक को इतनी शानदार सफलता क्यों मिली है, इस बारे में ये दोनों बातें आपको कुछ अवधारणा देंगी।
- वाकिंग मेडिटेशन की जड़ें जेनिथ जेन बुद्धिज्म की प्रथा में हैं।
- उदाहरण के लिए जापान में कई लोगों को दल में एक साथ टहलते हुए देखना बहुत ही आम बात है। वहीं, दूसरे व्यक्ति बीच-बीच में घंटी बजाते हुए उनका मार्गदर्शन करते हैं।
- यह अभ्यास अपनी रेगुलर कदमताल को सिंक्रोनाइज्ड करते हुए ब्रीदिंग पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके साथ-साथ जब आप खुद व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो यह आपको वर्तमान के पल में जीने के लिए प्रशिक्षित करता है।
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार खुद बुद्ध रिलैक्स करने के लिए वन में टहलते थे।
सबसे पहले वे कुछ मिनटों के लिए बैठ कर मेडिटेट करते। तब वे टहलना शुरू करते। उन्होंने इसकी व्याख्या इस तरह की, उनके बैठने के दौरान जिस चीज की शुरुआत हुई, उसका प्रयोग उनके टहलते समय किया गया।
धरती पर एक पैर के आगे दूसरा पैर रखते हुए टहलने की आसान क्रिया और जब आपका ध्यान केंद्रित रहता है तो अपने पैरों को धरती के संपर्क में आते हुए अनुभव करना आपको खुद मेडिटेट करने के लिए आमंत्रित करता है।
इसे ठीक तरीके से करने के लिए यह सीखना जरूरी है कि सांस कैसे लें।
इसे भी आजमायें : वज़न घटाने के लिए कितना पैदल चलें?
वाकिंग मेडिटेशन एक बहुत आसान अभ्यास है जो रोज करने लायक है
यह सच है कि इस दृष्टिकोण में एक आध्यात्मिक अंश मौजूद है। फिर भी, आप इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकते कि भले ही आप इन धारणाओं पर विश्वास करें या नहीं, जब मन शांत करने की बात आती है तो यह बहुत फायदेमंद होता है।
उदाहरण के लिए, आज तक माइंडफुलनेस को कई मनोवैज्ञानिक तकनीकों में एकीकृत किया गया है। ये किसी व्यक्ति को अपनी भावनात्मक दुनिया को संभालने के लिए और भी ज्यादा सचेतन होने में मदद करती हैं।
दूसरी ओर, यदि आप अपने तनावों का बेहतर प्रबंधन करते हुए अच्छे शारीरिक व्यायाम का आनंद लेना चाहते हैं, तो इन आसान “ब्रीदवॉक” मेडिटेशन तकनीकों का प्रयोग करने से बेहतर और कुछ भी नहीं है।
नीचे हम सबसे अहम भागों की व्याख्या करेंगे :
- आपको आरामदायक कपड़े और पैरों को सुरक्षित रखने के लिए बंद टो वाले जूते पहनना चाहिए।
- इससे पहले कि आप टहलना शुरू करें, पाँच मिनट के लिए बैठिए। अपने हाथों को अपने सीने पर रखिए और गहरी सांस लीजिए।
- महसूस कीजिए कि आपका सीना कैसे फैलता है। 10 सेकंड के लिए सांस रोक कर रखिए और तब गहराई से सांस छोड़िए।
- इस व्यायाम को कई बार दोहराइए। अब आप टहलना शुरू करने के लिए तैयार हैं।
- थोड़ा-थोड़ा करते हुए टहलना शुरू कीजिए। आपको यह महसूस करने की जरूरत है कि आपके पाँव धरती के संपर्क में आ गए हैं। तब अपने पैरों और अपने दिल के प्रति सचेत हो जाइए। आपका दिल धड़कना शुरू करता है जैसे कि किसी अंदरूनी संगीत का अनुसरण कर रहा हो जो आपके लिए शांति लाता है।
- यह अहम है कि आप अपनी सांस को महसूस करें, जिससे आप सुन सकें कि यह आपको उन्मुक्त कर रहा है। सांस अंदर लें, महसूस करें कि दबाव आपके पेट को फैला रहा है और इसे गहराई से छोड़ें।
- हर 10 मिनट के बाद विश्राम करें और फिर से टहलना शुरू करें।
खुद को अपने शरीर से जोड़ें जिससे आपका मन यहाँ और अब से जागरूक हो जाए। यही एकमात्र चीज है जो अहमियत रखती है और यही वह जगह है जहाँ सच्ची शांति रहती है।
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