पांच जड़ी-बूटियां जिनसे आप हाइपरटेंशन का इलाज कर सकते हैं
हाइपरटेंशन (Hypertension) या हाई ब्लडप्रेशर तब होता है जब रक्तचाप का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाए। विज्ञान ने भले ही इसके कुछ ट्रिगर का निर्धारण किया है, लेकिन मेडिकल ग्रंथों में इसके किसी ज्ञात कारणं के बारे में नहीं कहा गया है। उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए लाइफस्टाइल को बदलना ज़रूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हाइपरटेंशन दुनिया में करीब एक अरब लोगों को प्रभावित करता है। यह एक गैर-संक्रामक घातक बीमारी है, जो सालाना 90 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल देती है और इससे ज्यादा संख्या में लोगों को अक्षम कर देती है।
उच्च रक्तचाप नियंत्रित न होने पर दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी रोग हो सकता है। हालांकि, दवाओं से ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करना पर्याप्त नहीं है। आपको भोजन और व्यायाम से संबंधित अन्य उपाय करने होंगे।
जब हाइपरटेंशन का मुकाबला करना हो
हाइपरटेंशन खून में ज्यादा इंसुलिन, लेप्टिन और यूरिक एसिड से जुड़ा हुआ है। भोजन में शुगर और प्रोसेस्ड फ़ूड की मात्रा ज्यादा होने पर इनका स्तर बढ़ जाता है। यदि कोई व्यक्ति मोटापेका का शिकार है, धमनियों के सख्त होने (arteriosclerosis) और स्ट्रेस से दबा हुआ हो, तो हाई ब्लडप्रेशर उनकी सेहत को खोखला करने लगता है।
हाइपरटेंशन के इलाज में ताजे खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार की ज़रूरत होती है, नमक और पोटैशियम के सेवन को संतुलित करने और मैग्नीशियम व स्वस्थ फैट का सेवन बढ़ाने की ज़रूरत होती है। एक्सरसाइज के साथ शांतिपूर्ण ज़िन्दगी जीने की सिफारिश की जाती है।
किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर 120 से 139 के बीच और डायस्टोलिक प्रेशर 80 से 89 के बीच होने पर उसे प्रीहाइपरटेंसिव माना जाता है। प्रीहाइपरटेंशन का इलाज दवाओं से नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय व्यक्ति को अपने खानपान में बदलाव करना चाहिए और स्वस्थ आदतें अपनानी चाहिए।
ब्लडप्रेशर 140/90 और 159/99 के बीच होने पर इसे अनिवार्य रूप से हाइपरटेंशन माना जाता है। 90 या 95% ब्लड प्रेशर के शिकार लोग इससे पीड़ित होते हैं, और यह कई कारकों से जुड़ी है। ऐसे में डॉक्टर दवाओं के उपयोग की सिफारिश करते हैं, लेकिन हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि बैलेंस डाइट और शांतिपूर्ण जीवन जीना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हाइपरटेंशन का इलाज करने के लिए जड़ी-बूटी और पौधे
हालांकि, कुछ जड़ी-बूटियों के शक्तिशाली गुणों से शरीर को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करना संभव है। यदि आप पहले से ही हाइपरटेंशन या प्रीहाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, तो नीचे दिए गए अर्क या रेसिपी से हाई ब्लडप्रेशर का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
1. ऑलिव ऑयल की चाय (Olive leaf tea)
ऑलिव पेड़ केवल जैतून के तेल का स्रोत नहीं है, यह हेल्दी फैट से भरपूर है, जिसका सेवन धमनियों की कठोरता (Olive leaf tea) के शिकार हर व्यक्ति को जिसका सेवन करना चाहिए। जैतून की पत्तियां भी उच्च रक्तचाप के इलाज में मदद कर सकती हैं।
ऑलिव लीफ टी ऐसे बनायें :
सामग्री
- 1 चम्मच ऑलिव के पत्ते (5 ग्राम)
- 2 कप पानी (500 मिली.)
तैयारी
- पानी को उबालें और उसमें ऑलिव के पत्ते डालें।
- इसे आँच से उतारें और लगभग दस मिनट तक छोड़ दें। इसके तैयार होने पर पानी एम्बर की तरह हो जाएगा।
- सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले इसे छानकर पियें।
- आप ओलिव का फ्रेश लीफ एक्सट्रेक्ट भी प्राप्त कर सकते हैं।
2. कैमोमाइल और हॉर्सटेल टी (Chamomile and horsetail tea)
यह कैमोमाइल और हॉर्सटेल टी हाइपरटेंशन के लिए उत्कृष्ट है। कैमोमाइल व्यापक रूप से अपने सुखदायक गुणों के लिए पहचाना जाता है। इसी तरह हार्सटेल में मौजू मूत्रवर्धक गुण रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल (15 ग्राम)
- 1 बड़ा चम्मच अश्व पुच्छा के पत्ते (15 ग्राम)
- 2 कप पानी (500 मिली.)
तैयारी
- पानी गर्म करें और जब उबाल आ जाए तो जड़ी-बूटियाँ डालें।
- अर्क को तीन मिनट तक छोड़ दें, छानें और पी लें।
- अपने दिन की शुरुआत या उसे समाप्त करने के लिए यह बेहतरीन चाय है।
3. गुलमेंहदी और लहसुन (Rosemary and garlic)
रोज़मेरी में शानदार हाइपोटेंशन और मूत्रवर्धक गुण हैं। यह फ्लेवोनोइड्स से भी समृद्ध है, जो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने और धमनी की कठोरता के जोखिम को कम करने में मदद करता है। यदि आप इसमें प्रकृति के उत्कृष्ट हाइपोटेंसिव उपहार लहसुन को मिला दें तो इसके गुणों को बढ़ा सकते हैं।
सामग्री
- 4 कप पानी (1 लीटर)
- 1 बड़ा चम्मच सूखे मेंहदी के पत्ते (15 ग्राम)
- 5 लहसुन की कलियाँ
तैयारी
- पानी को उबाल आने तक गर्म करें। रोज़मेरी के पत्ते और लहसुन की कलियाँ डालें और 5 मिनट तक उबालें।
- आँच से उतारें और 15 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर छान लें।
- दिन भर पीते रहें।
- आप अपना खाना तैयार करने में भी लहसुन और रोजमेरी का उपयोग कर सकते हैं।
4. अनार (Pomegranate)
यह फल तकनीकी रूप से एक बेर है। अनार का रस एंटीऑक्सिडेंट और पोटैशियम में समृद्ध है। यही वजह है कि यह उच्च रक्तचाप, धमनीकाठिन्य और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) से लड़ने में मदद कर सकता है। आप इसके लाभ पाने के लिए एक स्मूदी बना सकते हैं।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच अनार के दाने (15 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिली.)
तैयारी
- एक गिलास पानी के साथ अनार के बीज को ब्लेंड करें। स्मूदी को छानना नहीं है।
- एक अन्य विकल्प यह है कि ऑरेंज जूसर में अनार का जूस निकालें।
5. तेजपत्ते की चाय (Bay leaf tea)
तेज पत्ता महज एक मेडिटरेनियन मसाला भर नहीं हैं। यह पोटैशियम और मैग्नीशियम से समृद्ध है। ये दोनों ही उच्च रक्तचाप और धमनियों की कठोरता के इलाज में अहम मिनरल हैं। उनके फायदों को पाने के लिए आप इसकी चाय बना सकते हैं।
सामग्री
- 2 तेज पत्ते
- 1 कप पानी (250 मिली.)
तैयारी
- एक कप उबलते पानी में तेजपत्ते डालें और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर छानकर पियें।
- एक कप तेज पत्ता की चाय दिन में चार बार पिएं।
- Gómez Alarcón E, Olivo Madera L, Guevara Soláez A. Sobrepeso y obesidad, diabetes e hipertensión como factor de riesgo de alteraciones cardiovasculares. Bogotá: Universidad Cooperativa de Colombia, 2020.
- Mateo-Rivera I, Jiménez-Corona A. Plantas medicinales usadas en la terapéutica de pacientes con hipertensión y diabetes mellitus tipo II, de la región indígena Tepehuana. Boletín Científico de la Escuela Superior de Huejutla. 2019; 13(7): 30-36.
- Muñiz Guille Magalis, Romero Muñiz Yilian. Control de hipertensos con fitoterapia y auriculoterapia. Rev Cubana Enfermer. 2004; 20(1): 1-1.
- Pacheco-Romero J. Hipertensión arterial en diferentes edades de la mujer. An. Fac. med. 2010; 71(4): 257-264.