सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट : सबकुछ जो आपको पता होना चाहिए
अब कई तरह की अलग-अलग कान्ट्रसेप्टिव तकनीक या गर्भनिरोधक मौजूद हैं जो आपको यह फैसला लेने में मदद करते हैं कि आप कब, कैसे और किसके साथ बच्चे को जन्म देबा चाहती हैं। सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट भी इनमें एक हैं।
हालाँकि अब समय बदल चुका है, लेकिन इसके बावजूद इन तरीकों से महिलाओं पर होने वाले असर को लेकर कई तरह की गलत फहमियां और मिथक आज भी फैले हुये हैं।
वैसे तो, इन सभी तकनीकों के बारे में लोगों को जागरूक करने की बहुत सारी कोशिशें की गयी है। फिर भी कई सवाल आज भी मौजूद हैं।
इस आर्टिकल में हम सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट ( Subdermal Contraceptive Implant) के बारे में बात करना चाहते हैं, क्योंकि यह ऐसी तकनीक है जिसके बारे में आमतौर पर लोग कम की जानते हैं और जिसका असर उन लोगों के लिये दुविधा पैदा करता है जो इसका इस्तेमाल करने की चाह रखते हैं।
हम आपको बताएंगे, सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट कैसे काम करते हैं, उनके साइड-इफेक्ट और उनके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं।
सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट क्या हैं?
हार्मोनल इम्प्लांट टूथपिक के आकार की लम्बे समय तक चलने वाली गर्भनिरोधक तकनीक है जिसे महिलायें अपनी बाँह की त्वचा के नीचे आसानी से डाल सकती है।
उनका असर आपके शरीर के वजन के हिसाब से अलग-अलग होता है, और उनमें एस्ट्रोजन नहीं होता है– केवल प्रोजेस्टिन ( progestin ) होता है।
स्किन के नीचे रखी यह पतली रॉड लगातार एक हार्मोन का स्राव करती है जो ओवेरी के सामान्य काम-काज में रुकावट पैदा करती है और स्पर्म को ब्लॉक करने वाले सर्विकल म्यूकस पैदा करती है।
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हार्मोनल इम्प्लांट कैसे लगाए जाते हैं?
रॉड को बहुत तेजी से डाला जाता है, इस दौरान किसी भी तरह की रुकावट नहीं होनी चाहिये। यह काम पीरियड के शुरुवाती दिनों के दौरान लोकल एनेस्थीसिया की मदद से किया जाता है।
इसे आपके स्वास्थ्य की रूटीन चेक-अप के बाद ही किसी ऑथराइज़्ड क्लिनिक में स्पेशलिस्ट द्वारा लगाया जाना चाहिए।
तीन साल के बाद इसे बदलकर इसकी जगह नया लगाना पड़ेगा, क्योंकि समय के साथ-साथ इनका असर कम होता जाता है।
यह कितना असरदार होता है?
इस कान्ट्रसेप्टिव तकनीक के असर के बारे में आंकड़े बहुत ही पॉजिटिव और उत्साह बढ़ाने वाले हैं।
फिर भी, आपको यह पता होना चाहिए कि यह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज यानी यौन संक्रमित बीमारियों को रोकने में कारगर नहीं है, इसलिए कंडोम का इस्तेमाल करना जरूरी है।
इसका इस्तेमाल कौन कर सकता है?
इसका इस्तेमाल किसी भी उम्र की महिलायें कर सकती हैं और इसका ब्रैस्ट-फीडिंग पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ता है।
सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट के फायदे क्या हैं?
पिछले कुछ सालों में सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट का इस्तेमाल बढ़ा है क्योंकि वे आपको कई तरह के फायदे पहुंचाते हैं:
- वे 99% तक सुरक्षित, सरल और सुविधाजनक होते हैं।
- वे दिखाई नहीं देते हैं और केवल महिला को ही पता होता है कि उसके पास ऐसा कुछ है।
- इसका इस्तेमाल बंद करते ही आप प्रेगनेंट होने की अपनी क्षमता को वापस पा लेती हैं।
- ब्रैस्ट-फीडिंग के दौरान भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- हर दिन एक गोली लेने जरूरत नहीं रह जाती।
- ये नसबंदी किए बिना गर्भनिरोधक की एक लम्बी और लगातार चलने वाली तकनीक मुहैया करवाते हैं।
सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट के नुकसान क्या हैं?
ज्यादातर महिलाओं में सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट कुछ साइड इफेक्ट्स का कारण बनता है।
हालांकि, ये समय के साथ धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं और आपके स्वास्थ्य के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं बनते हैं।
दूसरी तरफ कुछ महिलाओं को इसके अनचाहे साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं, जो इस बात का एक संकेत है कि यह तरीका आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है।
सबसे आम साइड-इफेक्ट में शामिल हैं:
- इस्तेमाल के पहले 6-12 महीनों के दौरान अनियमित ब्लीडिंग।
- लम्बे समय तक और बहुत ज्यादा दर्द वाले पीरियड।
- पीरियड के बीच में स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग।
- यौन इच्छा में बदलाव।
- डाली गयी जगह पर निशान पड़ने के साथ दर्द होना।
- सिर दर्द।
- नॉजिया और थकान।
- ब्रैस्ट का ढीलापन।
इम्प्लांट को कब और कैसे हटायें?
तीन साल बीतने के बाद सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट को हटा देना चाहिए। हालाँकि, अगर आप चाहें तो इसे तीन साल से पहले किसी भी समय हटा सकती हैं।
एक हेल्थ स्पेशलिस्ट किसी एनेस्थेटिक की मदद से आपके शरीर के उस हिस्से को सुन्न करेगा, एक छोटा सा चीरा बनायेगा और रॉड को बाहर निकाल लेगा।
इस काम में बस कुछ ही मिनट लगते हैं, हालांकि यह समय इसे डालने में लगे समय से थोड़ा लंबा होता है।
अगर आप चाहें, तो उसी समय इसे बदलकर एक नया इम्प्लांट भी लगाया जा सकता है; वरना प्रेगनेंट होने की संभावना रहेगी।
सबडर्मल कान्ट्रसेप्टिव इम्प्लांट कहां से लें?
गर्भनिरोधक की इस तकनीक को इस्तेमाल करने के लिए यह जरूरी है कि आप सबसे पहले अपने डॉक्टर से इसके फायदे और नुकसान के बारे में बात कर लें।
रॉड को लगाने का काम कड़ी देखभाल के साथ हमेशा एक लाइसेंसधारी क्लिनिक में किसी स्पेशलिस्ट के हाथों से ही किया जाना चाहिए।
क्या आपको इसमें दिलचस्पी है? किसी भरोसेमंद स्पेशलिस्ट से बात करें, अपने मन में कोई भी सवाल न रहने दें और अपने चेक-अप के नतीजों के आधार पर फैसला करें।
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