क्या आप जानते हैं, ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आपकी नींद से जुड़ी समस्याओं और आराम की कमी के लिए…
क्या चीनी सचमुच मेंटल परफॉरमेंस बढ़ाती है?
हालांकि ग्लूकोज मस्तिष्क के लिए फ्यूल का मुख्य स्रोत है, लेकिन सही कामकाज और बेहतर मानसिक प्रदर्शन के लिए शुगर खाना ज़रूरी नहीं है। इस लेख में और जानें!

कुछ समय पहले तक कई लोग गलती से मानते थे कि चीनी मेंटल परफॉरमेंस बढ़ाती है। हालांकि कई नवीनतम स्टडी इस दावे पर सवाल उठाती हैं। अब वैज्ञानिकों को मालूम है कि शरीर में शुगर का इस्तेमाल किए बिना मस्तिष्क को ग्लूकोज की सप्लाई करने के लिए बहुत शानदार मेकेनिज्म है।
मस्तिष्क अपने सही कामकाज को बनाए रखने के लिए खून के प्रवाह से ग्लूकोज की लगातार सप्लाई पर निर्भर करता है। इसलिए जब इसका लेवल गिरता है तो यह ग्लूकोज के लिए शरीर के बाकी अंगों से प्रतिस्पर्धा करता है। इस मामले में निम्न मेकेनिज्म होता है:
- सबसे पहले खून से ग्लूकोज को निकाला जाता है।
- दूसरा शरीर की बाकी कोशिकाओं को मिलने वाले ग्लूकोज की मात्रा सीमित होती है।
दूसरी ओर अगर खाने की कमी के कारण ब्लड शुगर का लेवल कम हो, तो शरीर के पास इस न्यूट्रीशन को हासिल करने के दूसरे तरीके हैं। इसके लिए मुख्य मेकेनिज्म ग्लूकोनोजेनेसिस है। इसमें प्रोटीन और फैटी एसिड से ग्लूकोज बनाया जाता है।
कुल मिलाकर यह एक असरदार मेकेनिज्म है जो शरीर को उपवास की परिस्थितियों में या जब कोई व्यक्ति पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट का उपभोग नहीं कर रहा है, तो ब्लड शुगर के सेफ लेवल को बनाए रखने की सहूलियत देता है।
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चीनी खाना और मेमोरी
कुछ अध्ययन चीनी खाने को शार्ट टर्म मेमोरी में सुधार के साथ जोड़ते हैं। इस तरह के सेवन में आम तौर पर एक शुगर वाला ड्रिंक पीना शामिल होता है, और नतीजे बताते हैं कि ग्लूकोज लेने के बाद गहन मानसिक काम में अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है।
कुछ समय पहले तक एक्सपर्ट का तर्क था कि ब्लड सर्कुलेशन में 25 ग्राम ग्लूकोज होने पर मस्तिष्क अच्छी तरह काम करता है। शुगर की यह मात्रा एक केले में मौजूद शुगर के बराबर है। हालांकि हाल के लेख यह निष्कर्ष देते हैं कि बेहतर ग्लूकोज टॉलरेंस वाले लोगों में बेहतर मेमोरी स्कोर होता है।
यह स्थिति डायबिटीज वाले लोगों के मामले में ज़रूरी है, जिसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित होता है जो ग्लाइसेमिया को सही ढंग से सहन करने की सहूलियत नहीं देता है। इसलिए शरीर में ब्लड शुगर लेवल बनाए रखने के लिए प्रोटीन और फैटी एसिड से ग्लूकोज ग्रहण करने के बहुत असरदार मेकेनिज्म है। इससे मस्तिष्क को ग्लूकोज की सही मात्रा मिलती है, और मेंटल परफॉरमेंस दुरुस्त रहता है।
दूसरी ओर, अध्ययनों से पता चला है कि हाइड्रेशन मानसिक प्रदर्शन में बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए एक व्यक्ति जो थोड़ा सा भी डिहाइड्रेटेड है, उसे स्मृति, एकाग्रता, ध्यान आदि से संबंधित स्किल में कम अंक मिलेंगे।
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रीफाइन्ड शुगर : काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भी बदतर है?
कुछ लेखों का तर्क है कि रिफाइन्ड शुगर खाने से बाद शॉर्ट टर्म मेमोरी का नुकसान होता है। इसके अलावा स्टडी से पता चला है कि चीनी का सेवन कभी-कभी मानसिक कामों और जटिल बीमारियों के विकास का कारण भी बन सकता है।
दूसरी ओर स्वस्थ डाइट लेने वालों की तुलना में सेचुरेटेड फैट और रिफाइन्ड शुगर से भरपूर डाइट खाने वाले किशोरों में एडीएचडी के मामले ज्यादा पाए जाते हैं।
मेंटल परफॉरमेंस बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ
हालांकि सरल चीनी मानसिक कार्यों को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर सकती है, दूसरे पोषक तत्व ब्रेन फंशन में सुधार कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण सीमित मात्रा में कैफीन है, जो एक प्राकृतिक उत्तेजक के रूप में कार्य करता है और ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देने और उसे दुरुस्त रखने में मदद करता है।
साथ ही, चुकंदर या बीट जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद नाइट्राइट वासोडाइलेशन (vasodilation) बढ़ाते हैं और इसलिए मस्तिष्क में खून का प्रवाह होता है। इसका नतीज़ा ब्रेन में पोषक तत्वों का ज्यादा योगदान और मानसिक कामकाज में सुधार के रूप में दिखता है।
साथ ही विटामिन C जैसे कुछ विटामिन मेंटल परफॉरमेंस और उसकी सेहत पर पॉजिटिव असर डाल सकते हैं। ये विटामिन कॉगनिटिव लेवल में गिरावट को रोकने में मदद कर सकते हैं जैसा कि अल्जाइमर रोगियों में देखा जाता है।
तो क्या चीनी मेंटल परफॉरमेंस में सुधार करती है?
हालांकि ग्लूकोज मस्तिष्क के लिए फ्यूल का मुख्य स्रोत है, लेकिन सही कामकाज और बेहतर मानसिक प्रदर्शन के लिए शुगर खाना ज़रूरी नहीं है। शरीर में ऐसे कुशल तंत्र हैं जो यह निश्चित करते हैं कि मस्तिष्क के कामकाज बनाए रखने के लिए उसे पर्याप्त ग्लूकोज मिले।
दरअसल बहुत अधिक चीनी का सेवन संज्ञानात्मक कार्यों के बिगड़ने और जटिल बीमारियों के विकास का कारण बन सकता है। इस तरह अगर आप अपने मेंटल परफॉरमेंस और ब्रेन फंशन में सुधार करना चाहते हैं, तो स्वस्थ, संतुलित भोजन करना ही सबसे अच्छा उपाय है।
इसके अलावा अगर आपको क्विक बूस्ट की ज़रूरत है, तो उदाहरण के लिए, विटामिन C और नाइट्राइट से भरा खाना खा सकते हैं।