हाई ट्राइग्लिसराइड पर लगाम लगाने वाले 8 खाद्य पदार्थ
ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपरट्राइग्लिसरीडीमिया भी कहा जाता है, एक अस्वस्थ मेडिकल अवस्था होती है। दिल की सेहत के विशेषज्ञ उसे 150 मिलीग्राम/डी.एल. की सामान्य सीमा से नीचे रखने की सलाह देते हैं। इससे ऊपर का स्तर दिल की बीमारी और पैंक्रियाटिस की चपेट में आ जाने के आपके खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर पर नकेल कसना इसीलिए इतना ज़रूरी हो जाता है।
हमारा शरीर इन लिपिडों का इस्तेमाल किसी ऊर्जा स्रोत के तौर पर करता है। लेकिन आपको सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें से कई लिपिड, कोरोनरी आर्टरी रोग के प्रमुख कारणों में से एक होते हैं।
जैसे-जैसे “फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल” के नाम से जाने जाने वाले हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन्स (एच.डी.एल.) का स्तर कम होता जाता है, ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता जाता है। एच.डी.एल. आपकी आर्टरीज़ (धमनियों) की सफाई करता है। इसीलिए उसके स्तरों में आई गिरावट आपकी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती।
खुशकिस्मती से, फैट और कैलोरीज़ की उचित मात्रा वाले आहार का सेवन करके आप ट्राइग्लिसराइड के अपने स्तरों पर लगाम लगाकर उन्हें अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करने से रोक सकते हैं।
साथ ही, ऐसे भी कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें खाकर आप ट्राइग्लिसराइड के अपने स्तर पर काबू पा सकते हैं। आइए उन पर एक नज़र डालते हैं।
ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तरों को नियंत्रित करने वाले खाद्य पदार्थ
1. जैतून का तेल
इस सूची में सबसे पहला नाम आता है एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल (जैतून के तेल) का, जिसके मोनोसैचुरेटेड फैट्स आपकी धमनियों में मौजूद फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल के स्तरों में बढ़ोतरी ला सकते हैं।
नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करने से आप ट्राइग्लिसराइड के अपने उच्च स्तर पर काबू पा सकते हैं, अपनी धमनियों की सफाई कर सकते हैं व अपने शरीर की सूजन को कम कर सकते हैं।
ज़िन्दगी की लंबी दौड़ में वह कोरोनरी आर्टरी रोग, थ्रोम्बोसिस और आर्टरियोस्क्लेरोसिस जैसी दिल की गंभीर बीमारियों से भी आपको बचाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।
2. फलियाँ
आवश्यक पोषक तत्वों की अपनी मात्रा की बदौलत बीन्स (जो कि फलियों के परिवार का एक सदस्य होती हैं) एक कमाल का खाद्य पदार्थ होती हैं। दिल की अच्छी सेहत के लिए वे एक शानदार विकल्प होती हैं।
घुलनशील फाइबर के उनके उच्च स्तर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तरों को कम कर देते हैं। उन दोनों ही को हमारी धमनियों की दीवारों पर जमने से भी वे रोकती हैं।
और तो और, कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन्स का वे एक सेहतमंद स्रोत होती हैं। उनका इस्तेमाल कर आपका शरीर आपके ऊर्जा-स्रोत को बरक़रार रख सकता है।
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3. ऑयली फिश
आपके दिल और दिमाग की सेहत का ख्याल रखने वाले खान-पान की वस्तुओं में ऑयली फिश सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक होती है।
इसे और भी कमाल का बनाती है ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की इसका अच्छी-ख़ासी मात्रा। यह एक सेहतमंद फैट होता है, जो ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में आपकी मदद करता है।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और सूजनरोधी कंपाउंड्स मुक्त कणों के नकारात्मक प्रभावों को कम करते हैं। मुक्त कण वे हानिकारक मॉलिक्यूल्स होते हैं, जो आपकी कोशिकाओं के बिगड़ने की गति में तेज़ी ले आते हैं।
ऑयली फिश के कुछ सबसे शानदार उदहारण हैं:
- मैकरल
- सामन
- ट्यूना
- सार्डीन
- हेरिंग
- कॉड
4. ओट्स
हमारे शरीर के सबसे प्रमुख ऊर्जा स्रोतों के रूप में जाने जाने वाले ओट्स, हमारी धमनियों में इन लिपिडों के स्तर को कम करने वाला एक कमाल का सहयोगी होते हैं।
सबसे पहले तो ओट्स में घुलनशील फाइबर की एक अच्छी-खासी मात्रा होती है। घुलनशील फाइबर एक ऐसा पोषक तत्व होता है, जो हमारे शरीर में चरबी को जमा नहीं होने देता।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स के पैमाने पर ओट्स काफ़ी नीचे होते हैं। इस तरह की बीमारियों से निपटने में मददगार मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स की भी थोड़ी-बहुत मात्रा उनमें मौजूद होती है।
5. नट्स
अखरोट, बादाम और अन्य नट्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की एक असाधारण मात्रा होती है। यह अत्यावश्यक पोषक तत्व हमारे खून की सफाई कर हमारे दिल की सेहत का ख्याल रखता है।
नट्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी युक्त होते हैं। इन तत्वों की उचित मात्रा हमारे शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तरों को नियंत्रित कर सकती है।
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6. एवोकैडो
रोज़ाना एवोकैडो खाना आपके दिल के स्वास्थ्य और संपूर्ण शरीर की सेहत के लिए काफ़ी अच्छा होता है।
यह लज़ीज फल सूजन व स्थायी रोगों के जोखिम को कम कर देने समेत हमारे शरीर को और भी कई प्रकार के फायदे पहुंचाने वाले पोषक तत्वों से युक्त होता है।
एवोकैडो में सेहतमंद फैट, एंटीऑक्सीडेंट्स और प्रोटीन्स की भी अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। जैसाकि आप पहले से ही जानते हैं, एक स्वस्थ मेटाबोलिज्म व साफ़-सुथरी धमनियों के लिए ये सभी पोषक तत्व बेहद ज़रूरी होते हैं।
साथ ही, उसमें मौजूद तेल अपने शरीर में ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तरों व हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की अत्यधिक मात्रा (एल.डी.एल.) पर लगाम लगाने में आपकी मदद कर सकता है।
7. लहसुन
इस समस्या से जूझते किसी भी व्यक्ति को अपने खान-पान में लहसुन को ज़रूर शामिल करना चाहिए।
लहसुन हमारे खून में फैट्स की मात्रा को नियंत्रित करता है। इसका मतलब है कि टॉक्सिन्स को हमारे शरीर से निकाल बाहर करने में भी वह सहायक होता है।
कई लोग उसे कच्चा ही खा लेने का सुझाव देते हैं। आप मानें या न मानें, पर उसकी खूबियों का भरपूर लाभ उठाने का यही सबसे अच्छा तरीका होता है।
8. पपीता
आखिर में नाम आता है पपीते का, जिसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और प्राकृतिक एंजाइम्स, चर्बी को पचाने में हमारे शरीर की मदद करते हैं। साथ ही, घातक फैट और ट्राइग्लिसराइड्स को वे जमने से भी रोकते हैं।
पपीते का सेवन आप ऐसे ही, उसकी स्मूदी बनाकर या फ़िर फ्रूट सलाद के तौर पर कर सकते हैं। अपनी धमनियों में प्लाक को बनकर जमने से रोकने के ये सभी कारगर उपाय होते हैं।
अंत में, इस बात का ध्यान रखें कि अपने आहार में इन खाद्य पदार्थों को शामिल कर लेना अपनी सेहत की इस जंग को लड़ने का सिर्फ़ एक ही पहलू होता है। अन्य उपायों के साथ-साथ आपको ढेर सारा पानी पीना चाहिए व तले हुए खाद्य पदार्थों, दूध से बने उत्पादों और सैचुरेटेड फैट्स के अन्य स्रोतों से परहेज़ करना चाहिए।
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