6 नेचुरल विकल्प औमेप्रेज़ौल के
औमेप्रेज़ौल (Omeprazole) के विकल्प पेट की समस्याओं से निपटने के हमें अतिरिक्त उपाय प्रदान करते हैं। आमतौर पर इन समस्याओं का संबंध पेट में एसिड की अधिकता से होता है, जैसे गैस्ट्राइटिस या पेट के अल्सर।
असल में पेरिएटल कोशिकाएं “प्रोटोन पंप्स” नाम के ढांचों के जरिये एसिड का स्राव करती हैं। औमेप्रेज़ौल के विकल्प पेट की पेरिएटल कोशिकाओं को निष्क्रिय कर पेट में बनने में वाले एसिड को 95% कम कर देते हैं।
एंटासिड और औमेप्रेज़ौल
एंटासिड पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड को प्रभावहीन कर तुरंत ही अम्लता के लक्षणों से राहत दिलाता है।
दूसरी तरफ, औमेप्रेज़ौल का असर उसके इस्तेमाल के चार दिन बाद होना शुरू होता है। इसीलिए उसे लंबे समय तक चलने वाले एक इलाज की तरह देखा जाता है।
यहाँ इस बात का उल्लेख करना ज़रूरी है कि काउंटर पर आंटासिड खरीदते वक़्त डॉक्टर को औमेप्रेज़ौल प्रिसक्राइब करना चाहिए।
औमेप्रेज़ौल के साइड इफेक्ट
हाल के अध्ययनों ने काफी वक़्त तक औमेप्रेज़ौल और अन्य प्रोटोन पंप इन्हिबिटर्स (पी.पी.आई.) के इस्तेमाल को इन बातों से जोड़ा है:
- किडनी की दीर्घकालीन बीमारी
- ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर का ज़्यादा खतरा
- पागलपन का ज़्यादा खतरा
- हार्ट अटैक का ज़्यादा जोखिम
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औमेप्रेज़ौल के प्राकृतिक विकल्प
एक पौष्टिक आहार का सेवन करने के साथ-साथ इन उपायों के इस्तेमाल से आप औमेप्रेज़ौल को अलविदा कहकर एसिड के कारण होने वाली पेट की बीमारियों से पार पा सकते हैं।
बेकिंग सोडा
एक प्राकृतिक एंटासिड होने के नाते बेकिंग सोडा औमेप्रेज़ौल का एक शानदार विकल्प होता है।
लेकिन हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को इससे परहेज़ करना चाहिए क्योंकि बेकिंग सोडा में सोडियम की काफी ज़्यादा मात्र होती है।
सामग्री
- एक बेकिंग सोडा (10 ग्राम)
- एक कप पानी (200 मिलीलीटर)
मुझे क्या करना चाहिए?
- एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा डालें।
- इससे पहले कि उसमें बुलबुले बनने शुरू हों, उसे तुरंत ही पी लें।
- इसे खाने के बाद रोज़ाना एक बार पिएं।
सेब का सिरका (Apple cider vinegar)
ऐडिटिव्स से बचने के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप ऑर्गेनिक एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करें।
गैस्ट्रिक एसिड के तात्कालिक लक्षणों से राहत दिलाने में सेब साइडर सिरका बहुत मददगार होता है।
सामग्री
- एक चम्मच सेब साइडर सिरका (10 मिलीलीटर)
- एक कप पानी (200 मिलीलीटर)
मुझे क्या करना चाहिए?
- पानी में एक चम्मच सेब साइडर सिरका डालें।
- लंच से पहले रोज़ाना एक बार पिएं।
एलो जूस (Aloe juice)
हालांकि हम स्टोर्स और दुकानों से भी एलो जूस खरीद सकते हैं, अक्सर उनमें एडेड शुगर होते हैं, जो शरीर में जाने पर एसिड में तब्दील हो जाते हैं। इसीलिए हमें घर पर खुद ही एलो जूस बना लेना चाहिए।
सामग्री
- एलो वेरा के 2 पत्ते
- आधा कप पीने का साफ़ पानी (100 मिलीलीटर)
मुझे क्या करना चाहिए?
- पत्तों को लम्बाई में काटकर एक चम्मच से उनका गूदा (पल्प) निकाल लें।
- पल्प और पानी को एक ब्लेंडर में डाल दें।
- उन्हें मिलाकर तरल बना लें।
पीने की विधि
- रोज़ सुबह एक चम्मच एलो जूस पिएं।
- इस इलाज को एक महीने तक जारी रखें।
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ग्रीक योगर्ट और धनिया (Greek yogurt and cilantro)
एक डेरी उत्पाद होने के कारण योगर्ट (दही) ग्लुटामिन का स्रोत होता है। यह पदार्थ प्राकृतिक ढंग से पेट के एसिड को कम करने में हमारी सहायता करता है। इसके अलावा, यह औमेप्रेज़ौल के एक विकल्प के रूप में काम भी कर सकता है।
सामग्री
- धनिये की पांच ताज़ी पत्तियां
- फैट-रहित ग्रीक योगर्ट का एक चम्मच (20 ग्राम)
- पीने के साफ़ पानी का पौना कप (150 मिलीलीटर)
मुझे क्या करना चाहिए?
- सारी सामग्री को मिक्स कर उसे अच्छे से मिला लें।
खाने की विधि
- खाने के बाद रोज़ाना इस मिश्रण का सेवन करें।
आंवला (Amla fruit)
आंवला भारत में उगने वाली एक बेरी होती है जो पोषक तत्वों की अपनी उच्च मात्रा के कारण आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में बेहद मशहूर हो रही है।
खाने की विधि
- रोज़ सुबह एक आंवला खाएं।
- चूंकि यह बहुत खट्टा होता है, खाने से पहले इसे नमक वाले पानी में भिगो लें।
- इसे दुकानों में बेचे जाने वाले पाउडर की तरह भी खाया जा सकता है। ध्यान रखें कि आप अच्छी क्वालिटी वाला आंवले का पाउडर ही खरीदें।
तरबूज़ का रस (Watermelon juice)
तरबूज औमेप्रेज़ौल का एक शानदार विकल्प है। इसका सेवन करने के कई तरीके होते हैं। आप इसे किसी डेजर्ट की तरह खा सकते हैं या किसी पेय की तरह पी सकते हैं। तरबूज़ के रस को पीना उसकी सभी खूबियों का लाभ उठाने का एक बेहद अच्छा तरीका होता है।
पीने की विधि
- तरबूज़ के रस के एक कप (200 मिलीलीटर) का सेवन दिन में तीन बार करें।
- इस प्रक्रिया को एक महीने तक जारी रखें।
स्वस्थ आदतें और टिप्स
जैसा कि किसी भी इलाज के साथ होता है, हम भी आपको कम फैट, फलों और सब्ज़ियों से भरपूर खुराक अपनाने की सलाह देंगे।
- प्रोसेस्ड शुगर वाले खाद्य पर्दार्थों के सेवन से परहेज़ करें क्योंकि वे पेट में बैक्टीरिया की संख्या को असंतुलित कर एसिडिटी के लक्षणों को वापस ला सकते हैं।
- खाने को अच्छे से चबाकर अपनी पाचन-क्रिया को मज़बूत करें व रिफ्लक्स से बचें।
- दिन में तीन बार गरिष्ठ खान-पान करने के बजाय पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।
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