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5 बेहतरीन घरेलू नुस्खे: एसिडिटी से मुक़ाबले के लिए
पेट में एसिडिटी से बचने के लिए हम खाने के आधे घंटे पहले पुदीने की चाय पी सकते हैं। मिंट टी निर्विघ्न पाचन में सहायक है।

एसिडिटी या अम्ल, जिसे हार्टबर्न भी कहा जाता है, पाचन तंत्र में होने गड़बड़ी है। यह पेट के एसिड के ऊपर की ओर भोजन-नली और मुंह की ओर बहने की वजह से होती है। स्टमक जूस को पेट में रोक कर रखने वाली अवरोधिनी मांसपेशियों (स्पिंक्टर) के कमज़ोर हो जाने पर ऐसा होता है।
छाती के निचले हिस्से में एक असहज-सी जलन का एहसास होना एसिडिटी का प्रमुख लक्षण है। लेकिन इसे अक्सर दिल के दौरे का लक्षण मान लिया जाता है।
इसके अलावा, एसिडिटी के मरीज़ों को अक्सर खट्टे डकार, पेट फूलने और बदहज़मी के आम लक्षणों का एहसास भी होता है।
हालांकि यह कोई गंभीर या निरंतर बनी रहने वाली समस्या नहीं है, लेकिन पीएच लेवल को न्यूट्रलाइज करके जटिलताओं से बचने के लिए एसिडिटी का इलाज करना हमेशा ही बेहतर होता है।
पारंपरिक एंटासिड के अतिरिक्त ऐसे कई प्राकृतिक नुस्खे भी हैं, जिनकी मदद से हम कुछ ही समय में अच्छा महसूस कर सकते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको 5 ऐसे सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक नुस्खों की जानकारी देंगे ताकि एसिडिटी होने पर आप उसका सामना कर सकें।
आइए उन पर एक नज़र डालते हैं !
1. पपीते और अलसी के बीज की स्मूदी (शेक)
पपाया शेक पाचन एंज़ाइम और नॉन-इंफ्लेमेटरी यौगिकों से भरपूर होता है। इसीलिए पेट में बनते एसिड की अत्यधिक मात्रा को नियंत्रित करने का यह एक शानदार विकल्प है ।
शेक में मौजूद फाइबर पाचन में सहायक होता है और पेट के पीएच स्तर को बेअसर कर एसिड को भोजन-नली में जाने से रोकता है।
सामग्री
- पपीते की 3 स्लाइस
- एक चम्मच अलसी के बीज (10 ग्राम)
- एक कप पानी (200 मिलीलीटर)
- एक चम्मच ऑर्गेनिक शहद (25 ग्राम)
बनाने की विधि
- सबसे पहले पपीते को क्यूब के आकार में काट कर उसे अलसी के बीज, पानी और शहद के साथ मिलाएं।
- ठीक से मिक्स होते ही इसका सेवन करें।
पीने के लिए निर्देश
- शेक का सेवन भारी भोजन के बाद करें।
- रोकथाम के उपचार के रूप में इसे खाने से पहले पिएं।
2. एसिडिटी को रोकने वाली पुदीने की चाय
मिंट के पाचक गुणों को हासिल करने के अलावा इसका इस्तेमाल हम छाती में जलन को कम करने के लिए भी कर सकते हैं।
शरीर से वर्ज्य पदार्थों को हटाने के साथ-साथ पुदीना पेट में बनने वाली एसिड की अत्यधिक मात्र को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है ।
सामग्री
- एक चम्मच पुदीने के पत्ते (10 ग्राम)
- एक कप पानी (250 मिलीलीटर)
- एक चम्मच शहद (25 ग्राम) (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- पुदीने की पत्तियों को एक कप उबलते पानी में डालकर उसे 20 मिनट तक छोड़ दें।
- पानी के ठंडा हो जाने पर छलनी से पत्तियों को अलग कर दें। मीठेपन के लिए, आप चाहें तो चाय में एक चम्मच शहद भी डाल सकते हैं ।
पीने के लिए निर्देश
- इस चाय को खाने से 30 मिनट पहले पिएं।
3. एलो वेरा, खीरा और सेब की स्मूदी (शेक)
घर में बने इस शेक की सामग्री पेट में बनते एसिड की अत्यधिक मात्रा को बेअसर करने के लिए एकदम सही होती है। यह जलन से भी आराम देती है ।
बैक्टीरियल फ़्लोरा को बढ़ावा देने के अलावा इस नुस्खे के लैक्जेटिव गुण कोलन में बचे मल को हटाने में भी मददगार साबित होते हैं ।
सामग्री
- आधा खीरा
- दो हरे सेब
- तीन चम्मच एलो वेरा जेल (45 ग्राम)
- एक कप पानी (200 मिलीलीटर)
- एक चम्मच शहद (25 ग्राम)
बनाने की विधि
- खीरे और सेब को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें।
- उसके बाद, उन्हें एलो वेरा जेल और पानी में मिलाएं।
- ध्यान रहे कि आप उन्हें ठीक से मिलाएं। पीने से पहले मिश्रण में शहद घोलकर उसे मीठा बना लें।
पीने के निर्देश
- भारी खान-पान के बाद शेक का सेवन करें।
4. बेकिंग सोडा और नींबू करें एसिडिटी को बेअसर
बेकिंग सोडा के एल्केलाइन (क्षारीय) गुण नींबू के साथ मिलकर पाचन तंत्र में एसिड की मात्रा को बेअसर करने में कारगर साबित होते हैं। इसीलिए इस मिश्रण के सेवन से जलन से आराम मिलता है।
बेकिंग सोडा और नींबू भारी भोजन को पचाने और गैस को घटाने में मददगार होता है।
सामग्री
- एक चम्मच बेकिंग सोडा (5 ग्राम)
- आधे नींबू का रस
- एक कप पानी (200 मिलीलीटर)
बनाने की विधि
- बेकिंग सोडा और नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिलाएं।
- उसके बाद मिश्रण को घोलकर उसके बैठने का इंतज़ार करें।
पीने के निर्देश
- एसिडिटी के लक्षण महसूस होते ही मिश्रण का सेवन करें।
5. आलू का रस
आलू में पाए जाने वाला फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से युक्त स्टार्च एसिडिटी के लक्षणों को नियंत्रण में रखने में शानदार साबित होता है।
उसका हल्का एल्केलाइन असर पेट के पीएच स्तर को काबू में रखता है। इसके अलावा, स्पिंक्टर को नियंत्रण में रख कर यह गैस्ट्रिक जूस को शरीर के ऊपरी भाग में जाने से भी रोकता है।
सामग्री
- एक आलू
- आधा कप पानी (125 मिलीलीटर)
बनाने की विधि
- आलू को पीसें और उसके गूदे को छानकर उसके प्राकृतिक रस को निकाल लें ।
- ध्यान रखें कि आलू में काले या हरे धब्बे न हों, क्योंकि वे ज़हरीले पदार्थों की ओर इशारा करते हैं।
- उसके बाद आलू के रस के 2 या 3 चम्मच आधे कप पानी में मिलाएं।
पीने के लिए निर्देश
- एसिडिटी या छाती में जलन होने पर मिश्रण को पिएं।
क्या आपको अक्सर पेट में एसिडिटी होती है ? हमारी लिस्ट में दिए नुस्खों की सहायता से उसका प्राकृतिक उपचार कर उनका फायदा उठाएं।
अंत में, अपनी खुराक का विश्लेषण ज़रूर करें। खान-पान की जटिल आदतें या जंक फ़ूड का अत्यधिक उपभोग एसिडिटी का कारण बन सकता है।