इन 6 आदतों से आपके गुर्दों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है!
दिनभर काम करने वाले आपके गुर्दे आपके खून से मल व अन्य नुकसानदेह तत्वों को शरीर से बाहर निकालते हैं।
एक अनुमान के अनुसार वे दिन में 190 लीटर खून की सफाई कर लगभग दो लीटर पानी और टॉक्सिन को फ़िल्टर कर देते हैं।
कुछ हॉर्मोन बनाने में व आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी गुर्दे अहम भूमिका निभाते हैं।
पर आपके शरीर के बाकी अंगों ही की तरह, बीमारी या मल के अत्यधिक जमाव की वजह से आपके गुर्दों की हालत खस्ता हो सकती है।
सच तो यह है कि अपने गुर्दों को सेहतमंद बनाए रखने की तरकीबों के बारे में कई लोगों को कोई जानकारी ही नहीं होती। बल्कि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कभी-कभी वे ऐसी आदतें अपना लेते हैं, जो उनके गुर्दों के लिए हानिकारक होती हैं।
सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके गुर्दे कमज़ोर होकर आपकी जीवन-शैली को प्रभावित कर सकते हैं – फिर भले ही शुरू-शुरू में इस समस्या ने अपनी तरफ़ आपका ध्यान भी न आकर्षित किया हो।
इसीलिए आज हम आपको उन 6 आदतों के बारे में बताना चाहेंगे, जो आपके गुर्दों की सेहत पर एक बुरा असर डालती हैं।
उनके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें!
1. पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
गुर्दों और मूत्रमार्ग (यूरिनरी ट्रैक्ट) में समस्याओं की एक वजह होती है पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना।
जल नाम का अमृत हमारे शरीर की अनमोल डीटॉक्सिफिकेशन प्रक्रियाओं के लिए अहम होता है। हमारे गुर्दों का साथ निभाते हुए वह हमारे खून को टॉक्सिन से मुक्त रखता है।
डिहाइड्रेशन की वजह से हमारे गुर्दों में पथरी हो सकती है व संक्रमण और अन्य सूजन-संबंधी परेशानियों की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ सकता है।
सुझाव
- दिन में 6 से 8 गिलास पानी पिएं।
- पानी की उच्च मात्रा से युक्त फलों और सब्ज़ियों का ज़्यादा सेवन करें।
- चाय या जूस जैसे सेहतमंद तरल पदार्थों को पिएं।
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2. नमक का अत्यधिक सेवन
कुछ लोगों के लिए यह एक सीधी-सादी आदत होती है, पर हमारे शरीर में सोडियम के जमा हो जाने से हमारे गुर्दों और कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली को एक गंभीर असंतुल से जूझना पड़ सकता है।
बेहद नमकीन खाना खाने से हम हाई ब्लड प्रेशर और फ्लूइड रिटेंशन जैसी समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं।
हमारे गुर्दों को अपने काम करने में आने वाली कठिनाई ही इन परेशानियों के लिए ज़िम्मेदार होती है। ऐसा इसलिए होता है कि सोडियम के जमाव के कारण मूत्र के माध्यम से मिनरलों को बाहर का रास्ता दिखाने में हमारे गुर्दों को दिक्कत आने लगती है।
सुझाव
- साधारण नमक की जगह हिमालय या समुद्री नमक का इस्तेमाल करें।
- दिन में तीन ग्राम (आधा चम्मच) से ज़्यादा नमक का सेवन न करें।
- अपने खाने को नमकीन बनाने के अन्य तरीकों के बारे में छानबीन करें, जैसे कि स्वस्थ मसाले और जड़ी-बूटियाँ।
3. शराब आदि का अत्यधिक सेवन
हाँ, यह सच है कि शराब से सबसे ज़्यादा नुकसान आपके लीवर को ही होता है, पर शराब में मौजूद टॉक्सिन आपके गुर्दों को भी प्रभावित करते हैं।
शराब आदि जैसे पदार्थों के अत्यधिक सेवन से आपके गुर्दे खराब हो सकते हैं व उन्हें गंभीर नुकसान पहुँच सकता है।
सुझाव
- रेड वाइन समेत अन्य मादक तरल पदार्थों का सेवन कम या बिल्कुल न करें।
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4. रेड मीट खाना
हालांकि लाल मांस में मौजूद पोषक तत्व आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, अत्यधिक मात्रा में उसे खाने से आपके शरीर में मेटाबोलिक समस्यायें व गुर्दों की परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं।
प्रोटीन व चर्बी की उसकी अत्यधिक मात्रा की वजह से आपके एक्सक्रीटरी अंगों को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। नतीजतन टॉक्सिन को निकाल पाने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।
लाल मांस में प्यूरीन की भी उच्च मात्रा होती है। हमारे शरीर में जाकर वह यूरिक एसिड का रूप धारण कर लेता है।
हमारे टिशूज़ में धीरे-धीरे जमा होने वाला यह पदार्थ गुर्दों की पथरी और गठिये जैसी स्थायी समस्याओं का सबब बन सकता है।
सुझाव
- हफ्ते में ज़्यादा से ज़्यादा दो ही बार लाल मांस का सेवन करें।
- लाल मांस की जगह चिकन, मछली या टर्की जैसे सेहतमंद विकल्पों को चुनें।
5. पेशाब रोक कर रखना
अपने पेशाब को रोके रखने की आदत शुरू-शुरू में भले ही कोई मामूली-सी आदत लगे, मगर उसके फलस्वरूप आपके गुर्दों में सूजन हो सकती है।
अगर कभी-कभी आप फ़ौरन बाथरूम न जा सकें तो इन समस्याओं से बचने के लिए आपको जल्द से जल्द पेशाब कर आना चाहिए।
नियमित रूप से उसे लंबे वक़्त तक रोके रखने से आपके यूरिनरी ट्रैक्ट पर दबाव बढ़ जाता है व आपके दोनों गुर्दों व ब्लैडर पर एक बुरा असर पड़ता है।
सुझाव
- अपने शरीर का सन्देश मिलते ही बाथरूम जाएँ।
- आसपास कोई बाथरूम न होने पर हद से ज़्यादा पानी न पिएं।
6. पेनकिलर्स का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल
यह सच है कि आम दर्द और पीड़ा से राहत दिलाने में पेनकिलर्स मददगार होते हैं। पर दुर्भाग्यवश, अत्यधिक मात्रा में उनका सेवन करने के अपने साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
उनमें मौजूद रासायनिक कंपाउंड को हमारे शरीर को मेटाबोलाइज़ करना पड़ता है। यह प्रक्रिया अक्सर गुर्दों और लीवर की परेशानियों का कारण बनती है।
सुझाव
- पेनकिलर्स का कम से कम सेवन करें।
- जब भी मुमकिन हो तो उनकी जगह औषधीय चाय जैसे प्राकृतिक नुस्खों का ही उपयोग करें।
क्या इनमें से कोई आदत आपकी भी है? अगर ऐसा है तो उससे छुटकारा पाने की कोशिश करें। इसके लिए आपके गुर्दे आपके शुक्रगुज़ार रहेंगे।
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