शांतमिजाज बनने की 5 हेल्दी हैबिट्स
जैसे-जैसे वक्त बीतता जाता है, और आप बड़े होते हैं, ज्यादा जिम्मेदारियां लेते जाते हैं और वे अक्सर अपने साथ चैलेंज और कठिनाइयाँ लेकर आती हैं। शांति और खुशी की स्थिति से चुनौतियों और कठिनाइयों तक जाने से कोई भी बचा नहीं रह पाता। ऐसे में शांतमिजाज बने रहने की आदत बहुत ज़रूरी है।
आज की दुनिया में हम सभी पूरी स्पीड से लगातार शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक दबाव में रह रहे हैं।
दैनिक जीवन की भारी माँग के कारण होने वाली स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याएं वर्तमान में 21 वीं सदी की सबसे बड़ी बुराई मानी जाती हैं।
इन समस्याओं की जड़ों में हमारे सोचने के तरीके और वास्तविकता की हमारी व्याख्या में है।
जो लोग ज़िन्दगी में मुश्किल हालातों का सामना करने में सक्षम होते हैं, वे स्ट्रेस से जुड़ी समस्याओं का कम शिकार होते हैं।
स्ट्रेस इंसानी शरीर के लिए एक नेचुरल प्रक्रिया है, इसे काबू में रखने में मददगार कई विकल्प हैं।
आपको शांतमिजाज ज़िन्दगी क्यों जीना चाहिए
स्ट्रेस और डिप्रेशन अक्सर कम प्रोडक्टिविटी, खराब परफॉरमेंस और आपके रोजमर्रा के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता की कमी से जुड़े होते हैं।
स्ट्रेस का नेगेटिव असर आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इम्यून सिस्टम के कमजोर हो जाने पर आप शारीरिक रोगों और दूसरे विकारों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं।
कुछ समस्याएं जो पैदा हो सकती हैं उनमें शामिल हैं:
- गैस्ट्राइटिस
- एंग्जायटी
- अनिद्रा
- कोलाइटिस
- डिप्रेशन
- यौन समस्याएं
- हाई ब्लडप्रेशर
- हार्ट अटैक
- पेट का अल्सर
- Irritable bowel
- साइकोसिस
- बाल झड़ना
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1. स्वस्थ और संयमित खाना खाएं
जीवन की व्यस्तता के कारण लोग भोजन स्किप कर जाते हैं, जो एक बड़ी गलती है।
याद रखें, खाने की स्वस्थ आदतें आपके शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों से गुजरने के लिए पर्याप्त पोषक तत्व पाने में मदद करती हैं।
वैसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो वास्तव में स्ट्रेस और थकान से निपटते हैं।
इन्हें ज्यादा खाएं:
- ब्लू बैरीज़
- ग्रीन टी
- पालक
- दूध
- डार्क चॉकलेट
- सैल्मन
- चावल
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2. शांतमिजाज बनने के लिए एक्सरसाइज करें
सक्रिय रहने से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के फायदे होते हैं।
यह सब जानते हैं कि एक्सरसाइज से एंडोर्फिन का स्राव बढ़ता है, जो आपको खुशी का अहसास कराता है। यह आपके शारीरिक प्रदर्शन और फेफड़ों की क्षमता में भी सुधार करता है।
तनाव मुक्त रहने से मन और शरीर को आराम मिलता है, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है, आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
यह स्ट्रेस लेवल और आक्रामक भावनाओं को कम करने में भी मदद करता है।
3. पर्याप्त आराम करें
यह महत्वपूर्ण है कि आप रात को अच्छी नींद लें क्योंकि आपके स्लीप साइकल के दौरान मस्तिष्क दिन भर मिली सूचनाओं के अम्बार को सहेजता है।
यह प्रक्रिया आपके शरीर को तनाव और इसके असर से उबरने की सहूलियत देती है। दूसरे शब्दों में आपके मन और शरीर की तंदरुस्ती को बहाल करती है और आपको शांतमिजाज बने रहने मदद मिलती है।
दूसरी ओर स्टडी से पता चला है कि एक साथी के बगल में सोने से कोर्टिसोल लेवल में कमी और ऑक्सीटोसिन के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है जिससे तनाव की भावनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
बुजुर्गों को एक दिन में सात से नौ घंटे की नींद, वयस्कों को सात से आठ घंटे, किशोरों को आठ से दस घंटे और बच्चों को 8 से 12 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
4. शांतमिजाज बनने के लिए योग और मेडिटेशन
ये एक्टिविटी आज बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि ये स्ट्रेस को कम करने में बहुत असरदार हैं।
हालांकि कुछ स्तरों पर योग के असर का अध्ययन अभी तक नहीं किया गया है, लेकिन एक वैज्ञानिक सहमति है कि कीर्तन क्रिया मेडिटेशन करना फायदेमंद है।
आठ हफ़्ते के लिए दिन में 12 मिनट का ध्यान करने से इम्यून सिस्टम की सूजन में वृद्धि के लिए जिम्मेदार बायोलोजिकल मेकेनिज्म कम हो जाता है।
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी (दक्षिण कोरिया) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लम्बे समय तक माइंडफुल मेडिटेशन का अभ्यास अवसाद और एंग्जायटी वाले क्लिनिकल आबादी के लिए एक संभावित ट्रीटमेंट स्ट्रेट्जी हो सकती है।
5. म्यूजिक सुनना, गाना और डांस करना
यह कहा गया है कि पूरी दुनिया हार्मोनी और रिद्म है। इसके भीतर कोई स्ट्रेस नहीं है क्योंकि इसका मतलब होगा लय खोना। ये संगीत की मूल बातें हैं।
डेविड गार्सिया-रोड्रिगो रोक्वेरो की पुस्तक “हाउ टू बी हैप्पी अकोर्डिंग टू डॉन किहोते” में उनका तर्क है कि संगीत और गायन से पॉजिटिव भावनाएं और प्रेरणा बढ़ती है।
यह एंडोर्फिन के स्राव को बढाता है, जो सुखद भावना को बढ़ाता है, चिंता को कम करता है और आपको अपनी तकलीफ से दूर करता है।
रिसर्च ग्रुप “द माइंड लैब” के अनुसार, “वेटलेसनेस” दुनिया में सबसे अधिक सुकून देने वाला गीत है क्योंकि यह चिंता को 65% तक कम करता है।
जब गायन की बात आती है, तो यह प्रैक्टिस आपको अधिक गहराई से सांस लेने और शरीर में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए मजबूर करता है। इससे शरीर को आराम मिलता है।
गायन एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन के उत्पादन को भी बढ़ाता है, और चिंता और तनाव से छुटकारा दिलाता है। कुछ मामलों में यह अवसाद और अकेलेपन के लक्षणों में भी सुधार कर सकता है।
नृत्य करते समय संगीत की लय आपके हृदय और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है। यह आपके मस्तिष्क के बाएं गोलार्ध को भी शांत करता है, जो भावनाओं और अंतर्ज्ञान जैसे कार्यों की जिम्मेदार है।
संक्षेप में, अगर आप अच्छी सेहत का मजा लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ आदतों को अपनाना चाहिए जो आपको शांत जीवन जीने में मदद करें।
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