स्ट्रेस, एंग्जायटी और डर से उबरने की 14 ट्रिक्स
आज के ज़माने में स्ट्रेस, एंग्जायटी और डर से बड़े हमारे अन्य दुश्मन नहीं हैं। मन में चलने वाली हर चीज़ से हमारा सीधा नाता होता है।
लेकिन अपने मन को शांत करके ज़िन्दगी का अभिन्न अंग बन चुके स्ट्रेस का सामना करने की कुछ आसान-सी टिप्स हम आपके साथ शेयर करना चाहेंगे।
1. कैसे पाऊं स्ट्रेस पर काबू?
अपने आपसे जूझते रहने या फ़िर हालात से भागने का स्थायी रवैया अपनाने की जगह आपको सक्रिय रूप से गहरी सांसें लेनी चाहिए।
अपने को संयत करके मन को शांत करने के लिए आप इनमें से कुछ रिलैक्सेशन टेकनीक को आजमा सकते हैं।
2. डर का सामना करें
एक्सपोज़र थेरेपी का मतलब होता है जानबूझकर अपने डर से अपना सामना कराना। ऐसा करके अपने भय के प्रति हम ज़्यादा सहज हो जाते हैं। उदहारण के तौर पर दो-चार लोगों के आगे बोलने का डर।
अपने प्रति ईमानदार रहना सीखें। यही आपकी सबसे बड़ी ताकत होगी।
इसे भी पढ़ें : ये 10 संकेत एंग्जायटी की समस्या की ओर इशारा करते हैं
3. क्या डर आपका रास्ता रोके हुए है?
आपको यह पता होना चाहिए कि कब आपकी एंग्जायटी आप पर हावी होने लगती है। दरअसल किसी चीज़ के लिए आपका डर आपके सामने सवालों की एक चट्टान खड़ी कर सकता है।
किसी मुश्किल हालात में खुद को घिरा पाने पर आपको उसके बारे में थोड़ा सोच-विचार करना चाहिए।
अपने ख्यालों को किसी डायरी में लिखने की आदत डाल लेना ऐसा करने का एक कारगर उपाय है। अपनी समस्याओं का सामना कर उनको ठीक से समझने का यह एक कमाल का रास्ता है।
आपके डर की एक बड़ी वजह आपकी कथित सीमायें होती हैं।
इसे भी आजमायें : ब्रेड वाला बैंगन बनाना सीखें
4. रोज़मर्रा के अपने स्ट्रेस को शांत करने के लिए एक्सरसाइज़ करें
क्या आप जानते हैं, एक्सरसाइज करना अपने मन को शांत करने के सबसे बेहतरीन उपायों में से एक है? वह इसलिए कि कसरत करने से आपके शरीर में बनने वाले एंडोर्फिन आपको शांत करने में मददगार होते हैं।
एक्सरसाइज करने से इम्यून सिस्टम भी मज़बूत होता है व हमारा शारीरिक तापमान भी बढ़ जाता है। तंदरुस्ती के एहसास के लिए यह बेहद ज़रूरी है।
5. एंग्जायटी को जोश के तौर पर देखें
चिंता हमेशा ही चिता समान नहीं होती। कठिन परिस्थितियों में अपनी चिंता को किसी भारी बोझ के तौर पर न देखकर उसे अपने जोश के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि चिंता को कोई बोझ न समझकर उसे अपने जोश के रूप में देखने वाले लोगों में मुश्किल हालात का सही ढंग से सामना कर सफलता हासिल कर लेने की संभावना कहीं अधिक होती है।
इसे भी पढ़ें : वक़्त सभी ज़ख्मों को भर देता है
6. अपनी ताकत को पहचानें
अपनी सभी चिंताओं की एक सूची बना लें। साथ ही, उन सभी चीज़ों की भी एक सूची बना लें, जिनमें आप माहिर हैं। एक बार सूची तैयार हो जाने पर उनकी परस्पर तुलना करें।
ऐसा करके आप सिर्फ़ ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलुओं के बारे में सोचना छोड़ अपनी ज़िन्दगी की अच्छी बातों पर भी गौर करने लगेंगे। यह भी तो हो सकता है न कि आपकी सकारात्मक बातें आपकी नकारात्मक बातों से कहीं ज़्यादा हों? ऐसा होना भी चाहिए!
7. बाल की खाल निकालने से बचें
सर्वाइवल की हमारी प्रवृत्ति हमारे अंदर एक स्थायी आतंक और भय का संचार कर देती है। कई लोगों को लगता है, उन्हें हमेशा सावधान और सतर्क रहना चाहिए।
लेकिन अपने मन से आते संदेशों पर आपको लगाम लगाने की कोशिश करनी चाहिए।
हाँ, हो सकता है भविष्य में कोई अनहोनी हो जाए। लेकिन वह जब होगी, तब देखी जाएगी – फिलहाल आपको रिलैक्स करना चाहिए।
8. ज़िन्दगी एक खेल है
मुश्किलों का सामना कर चुनौतियों को किसी हॉबी के तौर पर ले लेना अपनी एंग्जायटी या स्ट्रेस से निपटने के दो कारगर उपाय होते हैं।
स्ट्रेस से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने एक-एक काम को किसी खेल की तरह देखना चाहिए। जब भी कुछ गलत हो जाए, तो समझ लीजिए कि आप अगला खेल शुरू कर उसमें मुसीबतों से पार पाने की कोई नयी तरकीब आज़माकर देख सकते हैं।
9. अपनी मान्यताओं को टटोलें
किसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति से पाला पड़ने पर जब आप तनावग्रस्त हो जाएँ तो आपको अपनी वास्तविक मान्यताओं पर लौट जाना चाहिए।
आपके लिए सबसे ज़्यादा अहमियत क्या रखता है? आपका परिवार, आपका साथी, आपके बच्चे या फ़िर आपका काम?
अपने लिए मायने रखने वाली बातों को लिख लेने से आप जीवन की निर्णायक चुनौतियों पर जीत हासिल कर पाते हैं।
इसे भी पढ़ें : हल्दी के जूस के हैरतंगेज़ फायदे
10. दूसरों की मदद कर आप दरअसल अपनी मदद करते हैं
किसी फ़कीर के लिए अपने घर के दरवाज़े खुले रखकर, अपने दोस्तों की तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाकर या फ़िर होमवर्क करने में अपने बच्चों की सहायता कर आप लोगों की मदद कर सकते हैं।
सामने वाले व्यक्ति का समर्थन करना, उसकी बात को सुनना व उसके सामने मदद की पेशकश करना हमेशा अहम होता है।
दूसरों की मदद कर हमारी अपनी नकारात्मक भावनायें कम हो जाती हैं व हमारा तनाव हमें इतना ज़्यादा प्रभावित नहीं करता।
11. कॉफ़ी पिएं
कई अध्ययनों के मुताबिक़ बहुत-सी तनावपूर्ण परिस्थितियों में कॉफ़ी से अच्छा साथी हमारा और कोई नहीं होता।
लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मनचाहे नतीजे पाने के लिए आपको कॉफ़ी के ज़्यादा सेवन से परहेज़ करना चाहिए।
चाय या कॉफ़ी का एक छोटा-सा कप लेकर कुछ पलों तक उसका लुत्फ़ उठाएं। रिलैक्स करने का आख़िर यह भी तो एक तरीका होता है!
12. स्ट्रेस के खिलाफ़ मेडिटेशन एक शक्तिशाली हथियार है
अपने वर्तमान और मौजूदा कामों पर ध्यान लगाने के लिए अपने मन को प्रशिक्षित करें।
ऐसा करके आप भविष्य की चिंता और अतीत की वजह से होने वाले कष्ट, दोनों ही से मुक्त हो जाएंगे। थोड़े से अभ्यास से आप अपने नकारात्मक विचारों, चिंता और यहाँ तक कि दर्द पर भी काबू पाना सीख लेंगे।
13. अंतर्मन में खुद से बातचीत
साल 2014 में कुछ विद्यार्थियों के साथ किए गए एक अध्ययन के अनुसार हमारा आतंरिक संवाद हमारी सोच से कहीं ज़्यादा महत्त्व रखता है।
उसी अध्ययन में यह भी पाया गया था कि खुद को “मैं” के बजाये “तुम” या अपने नाम से संबोधित करने वाले लोगों के आत्मविश्वास में सुधार आ जाता है।
इसका एक और सीधा नतीजा यह था कि सार्वजनिक रूप से बोलते वक़्त उन्हें कम दिक्कत आती है।
14. स्ट्रेस अच्छा होता है या बुरा?
क्या स्ट्रेस अच्छा होता है? कुछ मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हमारा तनाव ज़िन्दगी और उसकी सार्थकता के बारे में हमारी परवाह का एक संकेत होता है।
और तो और, अपने कर्मों के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देकर कठिन परिस्थितियों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को हम ज़्यादा उचित बना सकते हैं।
खुद को आप जब भी तनाव से जूझता पाएं तो इस बात को याद रखें: चिंता हमेशा चिता समान नहीं होती!
इसी सोच के साथ आप अपनी ज़िन्दगी के दबाव को बेहतर ढंग से संभाल पाएंगे।
यह आपकी रुचि हो सकती है ...