डिप्रेशन की दवा प्रोज़ैक के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य

प्रोज़ैक वह दवा है जो फ्लुओक्सेटीन नाम के तत्व से बनी है। डिप्रेशन के लिए प्रोज़ैक लेने से आपके शरीर में सेरोटोनिन लेवल बढ़ता है। ज्यादा जानने के लिए पढ़ते रहें।
डिप्रेशन की दवा प्रोज़ैक के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य

आखिरी अपडेट: 01 अप्रैल, 2020

प्रोज़ैक (Prozac) में मौजूद एक्टिव इन्ग्रेडियेंट फ्लुओक्सेटीन (fluoxetine) है। यह एक आम एंटी-डिप्रेसेंट है। दरअसल यह उस समय एक क्रांतिकारी दवा थी क्योंकि यह पहली दवा थी जिसे डिप्रेशन का इलाज करने के लिए डॉक्टर लिखते थे।

अमेरिकी दवा कंपनी लिली ने इसे 1988 में लॉन्च किया था । इसके बाद कुछ ही समय बाद दूसरे देशों में इसकी बिक्री शुरू हुई। तब से डॉक्टर इसकी प्रभावशीलता और इसके सुरक्षित होने को लेकर बहुत आश्वस्त हैं क्योंकि कई लोग इसे अच्छी तरह से सहन कर लेते हैं। इसके साइड इफेक्ट जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे दूसरी दवाओं के मुकाबले कम आक्रामक हैं।

प्रोज़ैक उस समय पहले से मौजूद दवाओं की तरह ही प्रभावी था, लेकिन ज्यादा सुरक्षित था। इसलिए प्राइमरी केयर डॉक्टरों ने इसे लिखना शुरू कर दिया।

डिप्रेशन की दवा प्रोज़ैक के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य

डिप्रेशन की दवा प्रोज़ैक

हम जानते हैं, यह दवा 1988 में सामने आई थी। फिर आठ साल बाद, कंपनियों ने इसका जेनेरिक वर्जन बनाना शुरू कर दिया, साथ ही गोलियां भी। ओरल पिल्स के आने से अवसाद के मामले में प्रोजैक को लेना बहुत आसान हो गया 1999 में पेटेंट ख़त्म होने से पहले प्रोज़ैक की बिक्री 30 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो गयी थी। हालांकि जब जेनेरिक संस्करण बाजार में पहुंचा, तो यह आंकड़ा लगभग $700,000 तक गिर आया।

प्रोज़ैक में मौजूद एक्टिव इन्ग्रेडिएंट फ्लुओक्सेटीन बनाने वाले कारखाने प्यूर्टो रिको, ब्राजील और टर्की में हैं। टैबलेट और लिक्विड के कारखाने फ्रांस में हैं। वहीं इसके पैकेजिंग प्लांट अमेरिका, चीन, ब्राजील, सऊदी अरब, ग्रीस, तुर्की और फ्रांस में हैं।

कुल मिलाकर इस दवा ने इस इलाके में क्रांति ला दी है। जब प्रोज़ैक को बाजार में पेश किया गया, तो डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए वालंटियरों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई।

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प्रोज़ैक कैसे काम करता है?

फ्लुओक्सेटीन एक एंटीडिप्रेसेंट है जो SSRI या सेरोटोनिन रीअप्टेक इनहिबिटर से जुड़ा है।

सेरोटोनिन एक बायोजेनिक एमाइन है और शरीर में एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है। दूसरे शब्दों में यह वह केमिकल है जो आपके मूड को स्टेबल रखता है। इसके अलावा, आपका शरीर मांसपेशियों की गति, नसों और सर्केडियन रिद्म के साथ सेरोटोनिन का उपयोग करता है। यह आपकी सेहत को दुरुस्त रखने और आपको खुश रखने में मदद करता है।

इसलिए प्रोज़ैक मुख्य रूप से विशिष्ट सेरोटोनिन ट्रांसपोर्टर के साथ काम करता है जो प्रीसाइनेप्टिक मेम्ब्रेन की बगल में है। इसमें फ्लुओक्सेटीन जोड़कर यह न्यूरोट्रांसमीटर के एक्टिव रीअपटेक को रोकता है। इससे उस जगह पर सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ जाती है। ज्यादा सेरोटोनिन से ज्यादा मॉलिक्यूल रिसेप्टर्स के साथ रियेक्ट कर सकते हैं, जो उनके बायोलॉजिकल फंशन को ट्रिगर करते हैं।

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अवसाद के लिए प्रोज़ैक : यह शरीर में कैसे काम करता है

डिप्रेशन के मामले में प्रोज़ैक की गोली से ली जा सकती है और यह आपके शरीर में आसानी से घूमता रहता है। ध्यान रखें कि पेट में खाना होने से यह धीरे-धीरे अवशोषित हो सकता है। यह दवा पहले आपके लीवर से गुजरती है, फिर 6-8 घंटों के भीतर आपके खून में  मिल जाती है।

इस बात का ध्यान रखें कि फ्लुओक्सेटीन प्लाज्मा प्रोटीन से बंध जाता है। यह बहुत अहम है खासकर अगर आप एक और दवा ले रहे हैं जो प्लाज्मा प्रोटीन को बांधती है। इस मामले में वे रियेक्ट कर सकते हैं। ऐसा होने पर प्लाज्मा में ज्यादा प्रोज़ैक होगा और यह टॉक्सिक भी हो सकता है।

इस दवा का मेटाबोलिज्म लीवर में होता है। विभिन्न प्रतिक्रियाओं के जरिये शरीर मेटाबोलाइट्स बनाता है। इनमें सबसे अहम नॉरफ्लूऑक्सेटीन (norfluoxetine) है, जो सेरोटोनिन के रीअपटेक को रोकने में प्रोज़ैक की तरह ही काम करता है।

इस डोज़ का लगभग 60% आपके मूत्र के रास्ते निकल जाता है, और बाकी मल के जरिये। हालाँकि सभी का शरीर अलग-अलग रेट से दवाओं को खत्म करता है।

साइड इफेक्ट

वैसे तो यह बहुत असरदार है, लेकिन अवसाद के मामले में प्रोज़ैक के कुछ विवादास्पद साइड इफेक्ट भी हैं। उदाहरण के लिए इनमें यौन निष्क्रियता और यूरिन रिटेंशन सबसे गंभीर हैं। इसके अलावा सिर्फ इसलिए कि प्रोजैक सुरक्षित नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि इसके साइड इफेक्ट नहीं हैं। हमने जिन दो का जिक्र किया है, उनके अतिरिक्त दूसरे साइड इफेक्ट हैं:

  • शुष्क मुँह
  • नॉजिया
  • वजन घटना
  • घबराहट
  • सिर दर्द

हालांकि ये आम दुष्प्रभाव हैं, कई मामलों में वे बिना इलाज के ही खुद खत्म हो जाते हैं।

याद रखें

सभी दवाओं की तरह आप डॉक्टर के पर्चे के साथ ही प्रोज़ैक ले सकते हैं और कभी भी खुद यह दवा न लें। इसके अलावा चूंकि प्रोज़ैक सिर्फ अवसाद के केमिकल असंतुलन पर ही फोकस करता है, इसलिए भावनात्मक पहलुओं में मददगार और स्वस्थ जीवन जीने के तरीके सीखने वाले इलाज पर गौर करना भी महत्वपूर्ण है। याद रखें कि अनगिनत कारक हैं जो एंग्जायटी और अवसाद का कारण बन सकते हैं। इन पर निगाह रखना है।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।