रात में पसीना आने के 5 कारण जिन पर हमें ध्यान देना चाहिए
तापमान और हवा का दबाव ज्यादा होने पर रात में पसीना आना बहुत आम बात है। लेकिन ये कारण अगर मौजूद नहीं हैं, तो रात में पसीना ज्यादा आना किसी ऐसी बात का लक्षण हो सकता है जिसका पता लगाने की ज़रूरत है।
हालांकि रात को बहुत ज्यादा पसीना आम बात है। इसके अलावा कभी-कभी जब हम सर्दी लगने से ऊबर रहे होते हैं या हमें कोई छोटा-मोटा संक्रमण हुआ हो, तो भी इसका अनुभव करते हैं। इसके अलावा रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान रात में अक्सर पसीना आता है।
फिर भी कई मामलों में यह जरूरी हो सकता है कि हम इसके सटीक कारण की डायग्नोसिस करें। दिलचस्प बात यह है कि अंतर्राष्ट्रीय हाइपरहाइड्रोसिस सोसाइटी नाम का एक संगठन है जो इस समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्टडी आयोजित करता है।
हालांकि रात में पसीने का अनुभव करने वाला हर कोई हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित नहीं होता है, यह स्थिति अक्सर स्वास्थ्य केंद्रों के मरीजों में दिखाई देती है। कई मामलों में, अत्यधिक पसीना आने का कारण अनिद्रा (insomnia), तनाव (stress) या रात को अच्छी नींद न मिलने पर होने वाली एंग्जायटी भी होती है।
लेकिन कुछ मामलों में, अंदरूनी बीमारियां जो अपेक्षाकृत गंभीर होती हैं, इस स्थिति का कारण बन सकती हैं। इन बीमारियों का इलाज किया जाना ज़रूरी होता है। नीचे, हम आपको 5 कारण के बारे में बताएंगे जो अत्यधिक पसीना पैदा कर सकते हैं।
1. रात में पसीना आना और कुछ दवाओं का साइड इफ़ेक्ट
रात में अत्यधिक पसीना आना कुछ किस्म की दवाओं का दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक विभाग ने बताया है कि एंग्जायटी और डिप्रेशन के लिए बहुत से ट्रीटमेंट रात के पसीने में बढ़ोतरी करते हैं।
हालांकि, यह साइड इफ़ेक्ट सभी मरीजों में प्रकट नहीं होता। सिर्फ 14-20% रोगी रात के दौरान अत्यधिक पसीने की शिकायत दर्ज करते हैं। अत्यधिक कहने से हमारा मतलब मरीज के पजामे और चादर का पसीने से गीला हो जाना है।
इसी तरह दर्द या सूजन के इलाज के लिए बहुत ज्यादा दवा लेना भी इस साइड इफ़ेक्ट का कारण बन सकता है।
इसलिए अगर आपकी खाई हुई कुछ दवाओं से जुड़े लक्षण या दुष्प्रभाव प्रकट होते हैं तो उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करने में झिझके नहीं ।
2. हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism)
बिना किसी संदेह के यह रात में पसीना आने का सबसे आम कारण है।
हाइपरथायरॉइडिज्म कुछ दूसरे ज्यादा स्पष्ट लक्षणों का कारण भी बनता है । उदाहरण के लिए थकान , वजन बढ़ना , कैपिलरी में कमजोरी और शरीर के तापमान में बदलाव आदि।
इस स्थिति की डायग्नोसिस करते समय उसे पहचानना पसीना आने से कहीं ज्यादा आसान होता है।
हमें यह ध्यान रखना चाहिए, जब थायराइड ग्रंथि थायरॉक्सिन हॉर्मोन से जुड़ा कोई बदलाव अनुभव करती है, तो यह हमारे मेटाबोलिज्म पर असर डालता है। इसके मुख्य नतीजों में से एक गर्मी को लेकर असहनशीलता और अत्यधिक पसीना आना है।
इसके अलावा, जब हम बिस्तर में होते हैं, जा हमारे कान बजते हैं और अनिद्रा के एपिसोड में के दौरान भी हमें पसीना आ सकता है।
3. हॉजकिन लिम्फोमा या गैर-हॉजकिन लिम्फोमा (Non-Hodgkin Lymphoma)
शुरुआत में ही हमने इस बारे में बात की थी कि कुछ मामलों में रात को पसीना आना अन्य गंभीर बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है।
हॉजकिन लिम्फोमा और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा ऐसी गंभीर बीमारियों की उदाहरण हैं। ये बीमारियां एक किस्म की कैंसर हैं, जो लिम्फोसाइट में शुरू होती है। लिम्फोसाइट प्रतिरक्षा प्रणाली का बुनियादी हिस्सा हैं।
अत्यधिक पसीना, जो इन परिस्थितियों में आम है, लिम्फैटिक प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। इस प्रणाली में लिम्फैटिक टिशू, लिम्फ वैसेल्स या स्प्लीन शामिल हैं।
आम तौर पर, हॉजकिन लिम्फोमा या गैर हॉजकिन लिम्फोमा के मरीजों में अक्सर अंडरआर्म लिम्फ नोड्स या सूजे हुए ग्रोइन की समस्या दिखाई पड़ती है।
हालांकि यह याद रखना ठीक होगा, यह एक प्रकार का कैंसर है जिसमें ट्रीटमेंट काफी असरदार होता है और मरीज में ऊँची जीवन दर की उम्मीद की जाती है।
4. हाइपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia)
रात में पसीना आना हाइपोग्लाइसेमिया का एक आम लक्षण भी है।
उदाहरण के लिए, टाइप 1 डायबिटीज वाले रोगियों को अक्सर रात में अत्यधिक पसीना आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके ग्लूकोज लेवल में असंतुलन पैदा हो जाता है।
यदि ऐसा होता है तो इसका विशिष्ट कारण है। पैनक्रियाज इंसुलिन का स्राव नहीं कर रहा है। परिणामस्वरूप, इस अंदरूनी बदलाव को संतुलित करने के लिए शरीर अत्यधिक पसीना पैदा करना शुरू कर देता है।
5. एसिड रिफ्लक्स या खराब पाचन
निश्चित रूप से आप भी इस अनुभव से गुजरे हैं। आप बहुत ज्यादा खा लेते हैं या ऐसा कुछ खा लेते हैं कि अपने को बीमार महसूस करते हैं। ऐसे में रात के दौरान आप बेचैनी से जाग उठते हैं और अपने को पूरी तरह पसीने से भीगा पाते हैं।
ऊपर बताया गया है कि यह एक तरीका है, जिससे हमारा शरीर किसी असंतुलन, खतरे या अंदरूनी बदलाव के खिलाफ प्रतिक्रिया करता है।
इसके अतिरिक्त, हमें यह ध्यान रखना होगा, गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स की बीमारी ( gastroesophageal reflux disease, GERD) इस लक्षण से भी संबंधित है।
आप थकावट महसूस कर सकते हैं, सीने में दर्द का अनुभव कर सकते हैं और इस बीमारी से पीड़ित होने पर सांस लेने में कठिनाइयां भी हो सकती हैं। यदि आप वास्तव में इन लक्षणों का सामना करते हैं और अक्सर इनका अनुभव करते हैं, तो एक डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
एक बार बीमारी का निदान हो जाने पर इसका इलाज किया जा सकता है और फिर आप वापस इस असुविधा के बिना स्वच्छंद जीवन पा सकते हैं।
संक्षेप में, इस प्रकार के लक्षणों को कभी “हल्के” में न लें। अगर आपका कमरा ज्यादा गर्म नहीं है, तो रात में अत्यधिक पसीना आना सामान्य बात नहीं है ।
अपने डॉक्टर से मुलाकात करें और उसे बताएं कि आप कैसा महसूस करते हैं, आपके साथ क्या हो रहा है।
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