कैंसर और टैल्कम पाउडर के बीच सम्बन्ध से जॉनसन एंड जॉनसन को 417 मिलियन डॉलर की चोट

कैलिफ़ोर्निया के लॉस एंजिल्स की एक अदालत में जूरी ने यह बात सामने रखी है कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपने उत्पाद से जुड़े कैंसर के खतरे के बारे में पहले से ही जानती थी, और फिर भी, उसने इस जानकारी को उपभोक्ताओं से छिपाया।
कैंसर और टैल्कम पाउडर के बीच सम्बन्ध से जॉनसन एंड जॉनसन को 417 मिलियन डॉलर की चोट

आखिरी अपडेट: 04 जुलाई, 2018

417 मिलियन डॉलर!  यह वो रकम है जिसका भुगतान जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को एक 63 साल की वृद्ध महिला को करना होगा। कारण है, कैंसर और टैल्कम पाउडर के बीच एक किस्म के संभावित सम्बन्ध को कंपनी की ओर से छिपाया जाना।

ईवा एचेवेरिया ने दावा किया कि अपने प्राइवेट पार्ट्स पर टैल्कम पाउडर का उपयोग उनके लिए ओवेरियन कैंसर का कारण बना है।

  • पीड़िता ने बताया कि वह 11 साल की थीं जब उन्होंने जॉनसन एंड जॉनसन का टैल्कम पाउडर इस्तेमाल करना शुरू किया था। 
  • वर्ष 2007 में, जब यह पाया गया कि वह ओवेरियन कैंसर से ग्रस्त हैं तब उनका ट्यूमर हटा दिया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश, कैंसर अपने अंतिम चरण में था।
  • तब जूरी ने तय किया कि इस बड़ी कंपनी को उनकी क्षतिपूर्ति के लिए मुआवज़े के तौर पर 70 मिलियन डॉलर और दंडात्मक हर्जाने के तौर पर 347 मिलियन डॉलर की रकम देनी होगी।
  • वादी के वकील मार्क रॉबिन्सन ने कहा कि वह फैसले के लिए आभारी थीं। उनका कहना था कि जॉनसन और जॉनसन कई सालों से इस मामले को छुपा रही थी।

छिपे हुए खतरे जो कैंसर की ओर ले जाते हैं

अपनी सफाई में ईवा एचेवरिया ने एक पुरानी स्टडी का सन्दर्भ देते हुए एक महत्वपूर्ण बात सामने रखी।

  • इस स्टडी को 1982 में रिसर्चर डैनियल डब्ल्यू क्रैमर के नेतृत्व में किया गया था।
  • इसमें यह बात समझाई गई थी कि जो महिलाएँ अपने प्राइवेट पार्ट पर टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करती थीं, उनमें ओवेरियन कैंसर का खतरा किस तरह 92% तक बढ़ जाता था।

इस रिसर्च के बाद ही जॉनसन एंड जॉनसन को अपने सभी प्रोडक्ट पर ऐसे संभावित खतरों की चेतावनी देने और लेबल लगाने को कहा गया था।

इससे सभी ग्राहक सजग हो सकते थे और प्रोडक्ट का सोच-समझ कर इस्तेमाल कर सकते थे।

लेकिन, कंपनी ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

गौर करने लायक बात यह है कि न्यू जर्सी स्थित जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के लिए यह कोई पहला ऐसा केस या मुकदमा नहीं है।

  • लॉस एंजिल्स टाइम्स की मानें तो अकेले कैलिफोर्निया में ही 300 पेंडिंग मुक़दमे दाखिल पड़े हैं।
  • अगर पूरे अमेरिका में दाखिल मुकदमों की बात करें तो आकंडा 4500 तक पार कर जाता है।
  • इस मुक़दमे के बाद हज़ारों महिलाओं ने दावा किया कि योनि से आने वाली गंध को कम करने के लिए टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल से उन्हें भी ओवेरियन कैंसर का सामना करना पड़ा।
  • मिसौरी में दर्ज़ पिछले चार से पाँच मामलों में कंपनी पहले से ही 300 मिलियन डॉलर तक की चोट खा चुकी है।

हालांकि, जॉनसन एंड जॉनसन ने लोगों के सामने अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को दर्शाने की योजना तो बनाई है।

पर यहाँ एक बहुत बड़ा सवाल सामने है।

क्या टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल वाकई सुरक्षित है?

यह कोई नई बात नहीं है कि इस प्रोडक्ट को ओवेरियन कैंसर के साथ जोड़ा गया है।

  • भले ही कंपनी कितने भी दावे क्यों न कर ले, कुछ बातें तो स्पष्ट हैं।
  • कैंसर की रिसर्च के लिए स्थापित की गई अन्तराष्ट्रीय एजेंसी इस बात की पुष्टि करती है कि निजी अंगों में टैल्कम पाउडर के उपयोग से ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है।

लेकिन दूसरी तरफ ब्रिटिश ओवेरियन कैंसर चैरिटी संस्था ओवाकम का कहना है कि इस बात के कोई ठोस परिणाम नहीं हैं कि निजी अंगों में टैल्कम पाउडर के उपयोग से कैंसर हो सकता है। उसने कैंसर और टैल्कम पाउडर के आपसी सम्बन्ध को ख़ारिज किया है।

अगर ऐसा सच होता तो हर 3 में से 1 महिला को कैंसर होने की सम्भावना खड़ी हो सकती है।

ऐसा क्या है जिससे टैल्कम पाउडर पर ही गाज गिरी है?

कैंसर और टैल्कम पाउडर
  • ऐसा शायद इस प्रोडक्ट में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के कारण हुआ है।
  • टैल्कम पाउडर में मैग्नीशियम सिलिकेट पाया जाता है। इस मिनरल में एस्बेस्टस होता है।
  • इससे न केवल साँस से सम्बंधित परेशानियों में इज़ाफा होता है, बल्कि इससे कैंसर जैसी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है।
  • इसलिए इस पदार्थ के बदले कॉर्न स्टार्च का प्रयोग करने की  सलाह दी जाती है।

बता दें कि बच्चों के लिए टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल 70 के दशक से किया जा रहा है।

इस बात को लेकर भी संदेह है कि टैल्कम पाउडर और ओवेरियन कैंसर आपस में जुड़े हुए हैं।

  • इस रिसर्च का आधार टैल्कम पाउडर की इस्तेमाल की क्वांटिटी पर टिका है।
  • लेकिन इससे जुड़ी ठीक जानकारी किसी को याद तक नहीं है।
  • यह बिलकुल सिगरेट पीने जैसा है। आप जितना ज़्यादा सिगरेट पियेंगे, आपको फेफड़ों का कैंसर होने का उतना ही अधिक खतरा बना रहेगा।

लेकिन रिसर्च करने वालों को अभी तक यह नहीं पता है कि क्या टैल्कम पाउडर के साथ भी यही तर्क लागू होता है?

फिर भी हम आपको कैंसर और टैल्कम पाउडर के संभावित आपसी संबंधों की ओर से सतर्क रहने की सलाह देंगे!

इसकी रोकथाम कैसे करें?

  • टैल्कम पाउडर के बारे में कॉस्मेटिक यानी प्रसाधन सामग्री से जुडी टिप्पणी पढ़ने को मिलती है।
  • खानपान के निरीक्षण से जुड़ी संस्थाएँ भी इसका ठीक आकलन नहीं करती हैं।
  • बाज़ार में ऐसे सैकड़ों ब्यूटी प्रोडक्ट उपलब्ध हैं जो हमारी सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं।

इसलिए, हम आपको सलह देंगे कि हमेशा ऐसे नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें जिनमें कम से कम टॉक्सिन या विषैले तत्व हों।


यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।