सेलाइन सॉल्यूशन का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
नमकीन घोल को लोग “सेलाइन सॉल्यूशन” के रूप में भी जानते हैं। इसे बनाना बहुत आसान है और आप घर पर भी बना सकते हैं। वैसे तो एक्सपर्ट ने इसे लेकर पर सवाल उठाया है, लेकिन चिकित्सा जगत में इसकी उपयोगिता वस्तुतः निर्विवाद है।
नमकीन घोल में पानी और नमक होता है। इसी वजह से इसे घर पर बनाना आसान होता है। इस सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन 0.9% है, जिसका अर्थ है कि इसका कंसंट्रेशन उतना ही होता है, जितना इंसानी खून का।
सांद्रता समान होने के कारण यह एक आइसोटोनिक सॉल्यूशन है। इसका मतलब यह है कि खून और सेलाइन सॉल्यूशन में से किसी का भी कंसंट्रेशन से कम या ज्यादा नहीं होता। इस विशेषता के कारण इसानी देह में इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
इस सॉल्यूशन का आविष्कार 1896 में किया गया था। डच वैज्ञानिक हार्टोग जैकब हैमबर्गर ने इसे हेमोलिसिस (hemolysis) रिसर्च में इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया था। इसके आविष्कारक का इरादा इसे किसी मेडिकल उद्देश्य से इस्तेमाल करना नहीं था। हालाँकि आखिरकार इसका यह उपयोग काफी प्रचलित हो गया।
सेलाइन सॉल्यूशन का इस्तेमाल
सेलाइन सॉल्यूशन कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। आप इसे बाहरी और सर्कुलेटरी सिस्टम में आंतरिक दोनों तरह से उपयोग कर सकते हैं। यहाँ इसके सबसे आम उपयोग दिए गए हैं:
- आईवाश और कॉन्टैक्ट लेंस (Eyewash and contact lenses) : इसके लिए एक्सपर्ट तरल को स्टेराइल होने की सलाह देते हैं जिससे आँखें या लेंस बैक्टीरिया के हमले का शिकार न हों। आमतौर पर आंखों के लिए सेलाइन सॉल्यूशन उन छोटी बोतलों में आता है जिन्हें आप फार्मेसियों में खरीद सकते हैं।
- घाव साफ करने में : यह घावों को साफ करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले लिक्विड में से एक है। दूसरे एंटीसेप्टिक एजेंट की तरह यह संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
- नाक में : यह बंद नाक या ऊपरी वायुमार्ग में ज्यादा बलगम के लिए है। इसे सिरिंज या इनहेलर के माध्यम से लगाया जा सकता है। सेलाइन वाटर गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से पानी का स्राव करता है। इसके अलावा एक्सपर्ट एलर्जी के कारण राइनाइटिस (rhinitis) और नेजल कंजेशन (nasal congestion) से पीड़ित रोगियों को इसका इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह न सिर्फ स्राव को खींचता है, बल्कि एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को भी। अंत में नाक की सर्जरी के बाद डॉक्टर इसे बाद में दिए जाने एंटीसेप्सिस के साथ इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं।
- हाइड्रेशन : इंसानी देह के निर्जलीकरण से पीड़ित होने पर खारे तत्वों को वापस पाने में यह असरदार होता है। इन मामलों में यह तेजी से नसों के माध्अंयम से दिया जाता है। इस तरह यह गंभीर आंत्रशोथ (gastroenteritis), भारी रक्तस्राव (hemorrhage) और जलने के गंभीर मामलों में उपयोगी होता है।
- नेबुलाइजेशन (Nebulization) : घोल से धुंध बनाने के लिए इसे नेबुलाइज़र में डाला जाता है। फ्लू, साइनस संक्रमण (sinus infection) और ब्रोंकाइटिस (bronchitis) से पीड़ित होने वाले रोगी इससे फायदा उठा सकते हैं।
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सेलाइन सॉल्यूशन का तरह की पैकेजिंग में आते हैं
सेलाइन सॉल्यूशन कई रूपों में मिल सकता है:
- शीशियों में : ये छोटी और स्टेराइल शीशीयों में बंद होते हैं। आप आसानी से उन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं। एक बार खुलने के बाद वे स्टेराइल नहीं रह जाते। हालाँकि वे इतने छोटे होते हैं कि ज्यादातर मामलों में वे एक से ज्यादा बार इस्तेमाल नहीं किये जा सकते।
- ड्रॉप : ऑकुलर और नेबुलाइजेशन के लिए उपयोग किये जाते हैं।
- स्प्रे : संभवतः नाक की धुलाई के प्राथमिक लक्ष्य से। आप उन्हें फार्मेसियों में पा सकते हैं। शीशियों की तरह आप उन्हें हर जगह आसानी से ले जा सकते हैं।
- बोतलें : वे उन मामलों में इस्तेमाल किये जाने के लिए बनते हैं, जिनमें भारी मात्रा में तरल चाहिए। उदाहरण के लिए घाव या जले हुए अंग को धोने के लिए।
- इंट्राविनस कंटेनर। वे कई साइज़ में आते हैं और आप उन्हें अस्पताल की सेटिंग्स में पा सकते हैं। कंटेनर अंत में एक सिरिंज के जरिये ट्यूब से जुड़ा होता है, जिसे मेडिकल प्रोफेशनल रोगी की नस में घुसाता है। यह आपको रोगी को हाइड्रेट करने और मेडिसिन मैनेजमेंट की सहूलियत देता है।
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सेलाइन सॉल्यूशन विभिन्न पैकेजिंग में उपलब्ध होता है।
घर पर बनायें नमकीन घोल
जैसा कि हमने ऊपर बताया, आप घर पर अपना खुद का नमकीन घोल बना सकते हैं। यह कुछ विशिष्ट मामलों में उपयोगी हो सकता है, जैसे कि एक दाग को साफ करना। हालाँकि आपको याद रखना चाहिए कि इस मामले में सेलाइन सॉल्यूशन स्टेराइल नहीं रहेगा।
इसे बनाने के लिए 250 क्यूबिक सेंटीमीटर पानी में एक चम्मच सामान्य नमक डालें। ज्यादा बनाने के लये इसी अनुपात का पालन करें। फिर आप इस घोल को जार में रख सकते हैं। यह सिर्फ 48 घंटे तक रहता है। उसके बाद आपको इसे फेक देना चाहिए।
आप इसे रूम टेम्परेचर पर या रेफ्रिजरेटर में रख सकते हैं। हालांकि इस बारे में विशेषज्ञों के बीच कोई आम राय नहीं है कि इस तरह से यह घोल ज्यादा समय तक टिकाऊ रह सकता है। याद रखें, रूम टेम्परेचर यहाँ समशीतोष्ण जलवायु के लिए कहा गया है, न तो बहुत ज्यादा गर्मी और न ही ट्रॉपिकल जलवायु के लिए।
अब जब आपने नमकीन घोल की विशेषताओं के बारे में जान लिया है, तो ज़रूरत पड़ने पर आप इसे बिना किसी डर के इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक बहुत ही उपयोगी और सरल समाधान है जो चरम मामलों में भी जान बचा सकता है।
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