गंभीर एक्यूट अस्थमा : लक्षण और ट्रीटमेंट

अस्पताल के इमरजेंसी रूम तक भागने के आम कारणों में गंभीर एक्यूट अस्थमा भी है। इस रोग के लिए बच्चों और किशोरों को सबसे ज्यादा इलाज की ज़रूरत होती है।
गंभीर एक्यूट अस्थमा : लक्षण और ट्रीटमेंट

आखिरी अपडेट: 01 अप्रैल, 2020

दमा के सभी रोगियों को अपने जीवन में गंभीर एक्यूट अस्थमा के अटैक का खतरा होता है। दरअसल ये अटैक घातक हो सकते हैं। इसलिए अस्पताल जाना और सही इमरजेंसी केयर लेना दमे क इलाज का बुनियादी हिस्सा है।

गंभीर एक्यूट अस्थमा अस्पताल जाने का एक आम कारण है। इससे पीड़ित लोगों में बच्चे और किशोरों को अक्सर सबसे ज्यादा केयर की ज़रूरत होती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थोड़ा ज्यादा आम है।

दमा या अस्थमा (asthma) क्या है?

दमा या अस्थमा (asthma) क्या है?

अस्थमा श्वासमार्ग की एक क्रोनिक सूजन की बीमारी है। अस्थमा में रोगियों को साँस लेने में तकलीफ के साथ दूसरे श्वसन संबंधी लक्षण दीखते हैं।

अस्थमा मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी सिस्टम के ब्रांकाई (bronchi) और ब्रोन्कियोल्स (bronchioles) में होता है। यहां हवा फेफड़ों से अंदर और बाहर आती-जाती है। अस्थमा के मामले में इन संरचनाओं की दीवार में सूजन होती है और यह मोटी हो जाती है। इस  कारण यह कम म्यूकस पैदा करता है। ब्रांकाई की दीवारों को घेरने वाली मसल्स भी सिकुड़ जजाती हैं। इस तरह ये तंग होकर साँस लेने में मुश्किल पैदा करती हैं।

कुछ दमा रोगियों के नाक और साइनस में भी समस्या होती है। इसे राइनोसाइनसाइटिस (rhinosinusitis) कहते हैं।

अस्थमा के अटैक के अलग-अलग ट्रिगर हैं। उदाहरण के लिए वे सूजन से या चिकनी मांसपेशियों के सिकुड़ने से हो सकते हैं। एलर्जी, वायु प्रदूषण और रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन सबसे अहम ट्गरिगर हैं।

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गंभीर एक्यूट अस्थमा के लक्षण क्या हैं?

कुल मिलाकर दमा के लक्षण हर रोगी में अलग-अलग होते हैं। हालांकि इनमें सबसे आम हैं:

  • सांस लेने में बेहद कठिनाई।
  • इसके अलावा छाती में जकड़न या दर्द हो सकता है और सांस लेते समय खांसी या घरघराहट हो सकती है।
  • साँस छोड़ने में कठिनाई।

अक्सर ये लक्षण इनहेलर पर सही रिस्पांस नहीं देते हैं।

गंभीर एक्यूट अस्थमा का इलाज

गंभीर एक्यूट अस्थमा एक इमरजेंसी ट्रीटमेंट की मांग करता है जिसका आपको मूल्यांकन करना चाहिए और जल्दी से इलाज करना चाहिए।

मूल्यांकन के दो चरण हैं:

  1. एक स्टेटिक इवैल्यूएशन जो अस्थमा अटैक की गंभीरता को तय करता है।
  2. एक डायनामिक इवैल्यूएशन जो इलाज की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करता है।

इलाज की इंटेंसिटी इस बात पर निर्भर करती है कि अटैक कितना गंभीर है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इलाज क्या है, उनके लक्ष्य हमेशा ही एक ही होते हैं। ये हैं:

  • शरीर में कम ऑक्सीजन लेवल (hypoxemia) को सही करना।
  • ब्रोन्कोडायलेटर्स (bronchodilators) में सांस लेकर वायुमार्ग की रुकावट को दूर करना।
  • सूजन कम करना, साथ ही साथ सिस्टेमिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (systemic corticosteroids) देकर इसे दोबारा उभरने से रोकना।

ऑक्सीजन


डॉक्टर ऑक्सीजन के कम लेवल को ठीक कर सकते हैं। आम तौर पर वे रोगी को ऑक्सीजन मास्क या नेजल प्रोंग देते हैं।

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तेज काम करने वाले इनहेलर : बीटा अग्नोस्टिक्स (Beta-agonists)

गंभीर एक्यूट अस्थमा के इलाज में ये दवाएं सबसे अच्छी हैं। दरअसल वे लगभग 5 मिनट में काम करना शुरू कर देती हैं। इसके अलावा वे बहुत कम साइड इफेक्ट के साथ लगभग 6 घंटे तक रहती हैं।

बीटा-एगोनिस्ट्स को इनहेल करने से तेजी से काम करती हैं और इंजेक्शन के मुकाबले इसके साइड इफेक्ट कम हैं। यदि साँस लेने से ये काम न करें तभी डॉक्टर इन्हें इंजेक्शन के जरिये इंजेक्ट करते हैं।

एंटीकोलाइनेर्जिक्स

गंभीर एक्यूट अस्थमा के लिए इस तरह के इलाज का इस्तेमाल करने का बड़ा कारण एयरवे में वेगल तों में बढ़ोतरी है। बार-बार हाई डोज का इस्तेमाल करने पर इसका सबसे अच्छा असर होता है। इससे अस्पताल कम जाने की ज़रूरत पड़ती है, फेफड़ों का कामकाज बढ़ता है और खर्च भी कम होता है।

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स्टेरॉयड

अस्थमा के मामलों में स्टेरॉयड महत्वपूर्ण होते हैं। ये दवाएं सूजन को कम करती हैं। स्टडी दिखाती है कि,

  • इन दवाओं को काम करने के लिए 6 से 24 घंटे की ज़रूरत होती है।
  • साथ ही, इन्हें मुंह से लेने या इंट्रावीनस रूप से लें में कोई बहुत फर्क नहीं है।
  • दरअसल खुराक और असर के बीच कोई संबंध नहीं है। इसलिए हाई डोज का उपयोग करने से भी कोई लाभ नहीं है।


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यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।