वेजाइनल इन्फेक्शन: टाइप और कारण
वेजाइनल इन्फेक्शन यानी स्त्री गुप्तांग के संक्रमण के कारण योनि क्षेत्र और भग दोनों में परिवर्तन हो सकते हैं।
इस लेख में, हम सबसे आम गुप्तांग संक्रमण और उन कारणों की बातें करेंगे जो ऐसे ज्यादातर संक्रमण को बढ़ावा देते हैं।
वेजाइनल इन्फेक्शन के कारण
कुछ महिलाएं इससे ज्यादा पीड़ित होती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि ये अपर्याप्त स्वच्छता, गलत आदतें या जोखिम भरी यौन क्रियाओं की वजह से हों।
गलत आदतें
वैसे तो कंडोम न बदलने का गुप्तांग संक्रमण से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है। लेकिन उन अस्वाभाविक मामलों में इसे वेजाइनल इन्फेक्शन का एक कारण माना जाता है, जब इसे बदले बिना प्राकृतिक और अप्राकृतिक रूप से यौन सम्बन्ध बनाये जाते हैं। इस मामले में मल के बैक्टीरिया गुदा से योनि तक फैल जाते हैं।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
यह सुनने में अटपटा लग सकता है क्योंकि असल में एंटीबायोटिक बीमारी पैदा करने वाले एजेंटों को खत्म करने के लिए होते हैं। लेकिन आप इसकी वजह से गुप्तांग के संक्रमण से पीड़ित हो सकते हैं क्योंकि इस प्रकार की दवाइयां फायदेमंद बैक्टीरिया (bacterial flora) और हानिकारक बैक्टीरिया दोनों को प्रभावित करती हैं, इसलिए हम फंगस के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।इसे भी पढ़ें: वेजाइनल इचिंग या जलन के लिए नेचुरल ट्रीटमेंट
हार्मोन संबंधी बदलाव (Hormone alteration)
हार्मोनल परिवर्तन शरीर में एस्ट्रोजेन में वृद्धि के कारण गुप्तांग के फंगल संक्रमण भी पैदा कर सकते हैं। जिन क्षणों में हम सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं वे हैं, गर्भावस्था, हार्मोनल थेरेपी या रजोनिवृत्ति।
सिंथेटिक मटेरियल वाले कपड़े
जैसा कि हम सभी जानते हैं, गर्म, आर्द्र और कम ऑक्सीजन वाले स्थान, ऐसी जगहें हैं जहां संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया और फंगस ज्यादा आसानी से विकसित होते हैं। इस श्रेणी में निम्नलिखित शामिल हैं:
- कसी हुई पैन्ट
- सिंथेटिक सामग्री से बने अंडरवियर
- लाइक्रा पैंट या लेगिंग्स
ये जननांग क्षेत्र में सूक्ष्मजीवों, विशेष रूप से यीस्ट के फलने-फूलने के लिए आदर्श माहौल बनाते हैं। यदि आपको कसी हुई पैन्ट पहनना पसंद है तो उन्हें हर 10 घंटों में उतार देने या बदलने की कोशिश करें। इसके अलावा, यह सिफारिश की जाती है कि आप इन पर दिए हुए लेबल की जांच करें और कम से कम 50% कॉटन वाले कपड़े ही चुनें।
हाई ब्लड शुगर लेवल
सिर्फ मनुष्यों को ही मिठाइयों का स्वाद पसंद नहीं है। यीस्ट को भी यह बहुत प्रिय है। इसलिए मधुमेह और यीस्ट के संक्रमण के बीच एक संबंध है। स्वास्थ्य सुधारने और कुछ बीमारियों को रोकने के लिए आहार में वसा और शर्करा दोनों को कम करना बहुत अहिमयत रखता है। अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो आपको जरूर अपने ग्लूकोज के स्तर को शारीरिक सीमा के भीतर रखने का प्रयास करना चाहिए।
वेजाइनल इन्फेक्शन के प्रकार
योनि के सभी संक्रमण एक से नहीं होते हैं। हर एक की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं और हर मामले में इलाज किसी खास तरीके से किया जाना चाहिए।
वेजाइनल माइकोसिस (Vaginal mycosis)
यह कैंडिडिएसिस (candidiasis) का मामला है, एक किस्म का फंगल संक्रमण। फंगल संक्रमण सबसे आम हैं। कैंडिडिएसिस आम तौर पर इन समस्याओं का कारण होती है:
- योनि से गाढ़ा स्राव
- योनि और भग में लाली
- खुजली
ज्यादातर मामलों में इनका ट्रीटमेंट सरल होता है। आप ओव्यूल्स या क्रीम खरीद सकती हैं जो आपको किसी भी फार्मेसी में मिल जाएगी।
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बैक्टीरियल वैजिनॉसिस (Bacterial vaginosis)
यह प्रजनन की आयु वाली महिलाओं में आम है। वैजिनॉसिस यौन संचारित बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है। इसका पता इन लक्षणों से चलता है:
- संभोग के बाद मछली जैसी गंध के साथ योनि स्राव
- मूत्र त्याग करते समय दर्द
- बदरंग या सफेद मलिनकिरण
- योनि में खुजली और दर्द
ट्राइकोमोनास (trichomonas) से योनि संक्रमण
यह एक माइक्रोबियल एजेंट ट्राइकोमोनास वैजिनेलिस (Trichomonas vaginalis) के कारण होता है। इस प्रकार के संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाना चाहिए क्योंकि यह यौन संभोग से फैलता है। इसकी विशेषताएं हैं:
- फफूंदी की गंध
- हरा पीला स्राव
- योनि में जलन और खुजली
क्लैमाइडिया (Chlamydia)
यह एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड संक्रमण है। यह न केवल जननांग क्षेत्र को प्रभावित करने में सक्षम है बल्कि गठिया, निमोनिया या कंजंक्टिवाइटिस जैसी अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। यह योनि स्राव में गंदी बदबू पैदा करता है जो इन मामलों में सफेद रंग का होता है।वायरल वेजाइनल इन्फेक्शन
इस प्रकार का वेजाइनल इन्फेक्शन हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (herpes simplex virus) के कारण होता है। जननांग क्षेत्र में जलन के अलावा छाले भी हो जाते हैं जो अल्सर में बदल जाते हैं।
ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (human papilloma virus) इस तरह के संक्रमण का एक कारण है जिसकी वजह से जननांग में मस्से (genital warts) उत्पन्न होते हैं।
ध्यान रखें, किसी भी किस्म के वेजाइनल इन्फेक्शन के मामले मामले में अच्छे डॉक्टर से मुलाकात करना बहुत जरूरी है।
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