इन प्राकृतिक नुस्खों से साँस की घरघराहट ठीक करें

साँस की घरघराहट (व्हीज़िंग) का इलाज करने के लिए कई उपाय हैं जो हमारी रोजमर्रा की रूटीन में बिना कोई बाधा डाले हमें लाभ दे सकते हैं। इन प्राकृतिक उपचार के गुणों के चलते आप व्हीज़िंग की तकलीफ को अलविदा कह सकेंगे।
इन प्राकृतिक नुस्खों से साँस की घरघराहट ठीक करें

आखिरी अपडेट: 22 जनवरी, 2019

क्या आपको कभी व्हीज़िंग (wheezing) यानी साँस की घरघराहट की शिकायत रही है?

आपकी छाती में होती व्हीज़िंग के साथ अक्सर दमा या साँस फूलने की परेशानी जुड़ी हो सकती है। अगर सही समय पर इस समस्या का इलाज न किया जाए तो आपको ठीक से साँस लेने तक में दिक्कत आ सकती है। आज के इस लेख में हम व्हीज़िंग की तकलीफ को कम करने के तरीकों के बारे में बात करेंगें।

व्हीज़िंग या साँस की घरघराहट क्या है?

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग

जब आप अपनी साँस की घरघराहट का अनुभव करते हैं, तब साँस लेते समय हवा के नाक और मुंह से हवा फेफड़ों में घुसने पर आपको एक सीटी के बजने की आवाज़ सुनाई देती है। यह आवाज़ तब सुनाई देती है, जब आप साँस लेने के लिए अपने मुहँ या नाक के ज़रिये हवा को अन्दर खीचते हैं। व्हीज़िंग को अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी माना जाता है। इसका जड़ ब्रोन्कियल ट्यूब में होती है।

यदि साँस लेते समय आपके अन्दर पर्याप्त मात्रा में हवा नहीं पहुँचती है, तो आपको दम घुटने जैसे श्वासावरोधन (asphyxiation) का अनुभव होगा। शरीर और मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ लोगों को चक्कर भी आ सकते हैं और सुस्ती महसूस होती है।

इस तकलीफ ये अन्य लक्षण भी उभरते हैं:

  • रात के समय खाँसी आना
  • नाक बहना
  • छाती में दर्द
  • ठंड लगना
  • बुख़ार आना

छाती में व्हीज़िंग का मुख्य कारण अस्थमा (दमा) की शिकायत होना होता है। जब हमारा शरीर एलर्जी पैदा करने वाले कुछ विशेष तत्वों के संपर्क में आता है,  तब यह बीमारी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को अजीबोग़रीब तरीके से बर्ताव करने पर मजबूर कर देती है।

ऐसे में साँसनली में सूजन होती है और इससे होकर हवा आसानी से नहीं गुजर सकती। धूम्रपान, वायरल संक्रमण और ब्रोंकाइटिस इस स्थिति को और ज़्यादा कष्टदायी बना देते हैं।

व्हीज़िंग को ठीक करने के लिए के घरेलू नुस्ख़े

कुछ घरेलू उपचारों की बदौलत व्हीज़िंग की समस्या को घटाया जा सकता है। हम आपको यहाँ दिए कुछ नुस्खों को अमल में लाने की सलाह देते हैं:

1.  तेजपत्ता (Sage)

तेजपत्ता  एक तरह का औषधीय पौधा जिसे कई तरह की श्वास सम्बंधित बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इससे तुरंत आराम मिलता है। इसकी बलगम खत्म करने वाली (expectorant) और सूजन को कम करने वाली खूबियों का शुक्रिया, जिनके चलते यह सर्दी-खाँसी को कम करने वाली दवा (decongestant) की तरह काम करता है।

तेजपत्ता की खूबियों का भरपूर लाभ उठाने के लिए आप इसे उबाल कर इसका भाप ले सकते हैं:

सामग्री

  •  5 चम्मच सफ़ेद सेज की पत्तियाँ
  • पानी  (ज़रूरत अनुसार)

विधि

  • सबसे पहले, सेज को एक पैन में डालकर उबाल लें।
  • पत्तों के उबल जाने के बाद अपने चेहरे को भाप के पास लाएं और सिर ढककर उस भाप को अगले 15 मिनटों के लिए अपनी साँसों में खींचें। ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कहीं आप खुद को जला न लें।

इस बात की ओर ध्यान दें कि आप यही प्रक्रिया यूकेलिप्टस की पत्तियों से भी कर सकते हैं।

2. लहसुन (Garlic)

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग : लहसुन

लहसुन को कई बीमारियों के इलाज़ में इस्तेमाल किया जाता है। आप इसकी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी खूबियों के लाभ से व्हीज़िंग को खत्म कर सकते हैं।

  • एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ, लहसुन वायरल संक्रमण को रोकने में भी मदद करता है।
  • यह फेफड़ों से बलगम को साफ करने और वायरल संक्रमण के इलाज में भी काम आता है।
  • इसलिए, आप सलाद में लहसुन के जवों का सेवन ज़रूर करें (यदि संभव हो तो आप इन्हें यूँ ही भी खा सकते हैं)। इससे आपको न केवल व्हीज़िंग, बल्कि अन्य तकलीफ़ों में भी आराम मिलेगा।

3. हल्दी (Turmeric)

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग : हल्दी

हल्दी भारत के सबसे लोकप्रिय मसालों में से एक है। विशिष्ट व्यंजनों (रंग और ख़ुशबू लाने के लिए) में इस्तेमाल किये जाने के अलावा, यह अस्थमा और व्हीज़िंग के इलाज के लिए एक नेचुरल मेडिसिन के रूप में भी इस्तेमाल में लाई जा सकती है।

हल्दी शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी सामग्री है जिसका उपयोग आयुर्वेद में सभी प्रकार की साँस सम्बन्धी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। साँस की घरघराहट से आराम पाने के लिए आप इस मिश्रण को तैयार कर सकते हैं:

सामग्री

  • 1 चम्मच हल्दी
  • 1 चम्मच पानी

विधि

  • हल्दी और पानी को एक बर्तन में डालें।
  • इसका एक पेस्ट तैयार कर लें।
  • इसे एक लेप की तरह अपने सीने पर लगाएं।
  • इसके बाद अपने सीने पर एक गर्म कपड़ा रख कर उसे इस लेप के ऊपर 10 मिनट के लिए यूँ ही छोड़ दें।

4. अदरक (Ginger)

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग : अदरक
  • व्हीज़िंग का इलाज करने के लिए अदरक एक आदर्श एंटी-इंफ्लेमेटरी  है।
  • इसके भीतर पाया जाने वाला जिंजरोल मांसपेशियों को आराम देनें की क्षमता रखता है और आपको खुली साँस लेने में भी मदद करता है। यह आपको “बंद छाती” की समस्या से भी बचाता है।
  • हम सलाह देंगें कि सलाद, सूप या इन्फ़्यूज़न में थोड़ी सी पिसी हुई अदरक मिला लें।
  • लेकिन इसके बहुत ज़्यादा सेवन से भी बचें क्योंकि अदरक का स्वाद भी इसकी सुगंध की तरह कुछ हद तक प्रबल हो सकता है।

5. सरसों के बीज (Mustard Seeds)

व्हीज़िंग का इलाज करने के लिए सरसों के बीज एक अन्य असरदार उपचार है। भारत में सरसों मसालों में इस्तेमाल की जाती है। सरसों बलगम को जमा होने से रोकती है और अस्थमा के प्रभाव को कम करके आपकी साँस को बेहतर बनाती है। इन बीजों को हल्दी की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

इन बीजों को इस तरह से इस्तेमाल करें:

सामग्री

  • 2 चम्मच सरसों के बीज
  • 1 चम्मच पानी

विधि

  • सरसों के बीज को ओखली में डाल लें और थोड़ा पानी मिलाकर इन्हें मसल लें।
  • इनसे एक पेस्ट तैयार कर लें।
  • इस पेस्ट को अपने सीने पर लगाएं।
  • अब, इसे एक गर्म कपड़े से ढक लें (आप जितना ज़्यादा गर्म कपड़ा इस्तेमाल मे लाएं, उतना ही अच्छा है।)
  • फ़िर इसे 15 मिनट के लिए यूँ ही ढके रहने दें।

आप एसेंशियल मस्टर्ड आयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको आसानी से बाज़ार में मिल जाएगा। सरसों का तेल लगाने से पहले उसे थोड़ा सा गर्म कर लें और फ़िर गोलाकार घुमाते हुए इसे अपने सीने पर लगाएं।

6. गूलर (Fig)

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग : गूलर

गूलर न केवल पौष्टिक है, बल्कि स्वादिष्ट भी है। यह बलगम और म्यूकस को खत्म कर साँस से जुड़ी परेशानियों में सुधार लाती है और सांस लेने में होने वाली कठिनाई को कम करती है।

अस्थमा या व्हीज़िंग की परेशानी से ग्रस्त लोगों को इसे समय-समय पर खाना चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जो लोग इन परेशानियों से जूझ रहें हैं, उन्हें हफ़्ते में तीन बार खाली पेट गूलर खाना  चाहिए।

7. प्याज़

  • प्याज़ के प्रभाव भी लहसुन के समान ही हैं और यह साँस से सम्बंधित परेशानियों को मिटाने का यह एक उम्दा माध्यम है।
  • प्याज़ भी कफ़ और बलगम से छुटकारा दिलाती है। यह एक नेचुरल एंटीबायोटिक की तरह काम करते हुए शरीर को बीमारी से लड़ने की ताकत देती है।
  • आप चाहें तो इसे सलाद में डालकर कच्चा ही खा सकते हैं या फ़िर इसे दो टुकड़ों में काटकर इसकी ख़ुशबू को अपनी साँसों के साथ अन्दर खींच सकते हैं।

8. शहद

साँस की घरघराहट, व्हीज़िंग : शहद

शहद एक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल नुस्खा है। इसके कई अन्य औषधीय गुण भी हैं। इसमें उस बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने की क्षमता होती है, जो खांसी का कारण बनते हैं। यह घरघराहट को भी कम करती है।

यह आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूती देती है और बलगम खत्म करती है।

आप अपनी डाइट में शहद को इस तरह से शामिल कर सकते हैं:

  • चाहें तो अपने खाने में एक चम्मच शहद मिलाकर उसकी सभी खूबियों का लाभ उठा सकते हैं।
  • इसे सुबह के समय खाली पेट या रात को सोने जाने से पहले भी खा सकते हैं।

हम उम्मीद करते हैं, आप आज यहं बताए गए प्राकृतिक उपचारों का इस्तेमाल करके व्हीज़िंग की परेशानी से मुक्त हो सकेंगें।



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यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।