खांसी, एलर्जी या फ्लू के इलाज में मदद के लिए प्याज का इस्तेमाल करें
प्याज के इस ख़ास इस्तेमाल पर बात करने से पहले बता दें कि मौसमी बदलाव आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं।
विशेष रूप से ठंड के मौसम में इसके कारण खांसी, एलर्जी जैसी तमाम समस्याएँ शुरू हो सकती है और फ्लू या दूसरी साँस की तकलीफ से जुड़े रोग हो सकते हैं।
ये गड़बड़ियाँ साधारण हैं और इनका इलाज करना आसान है। पर ये लगभग हमेशा ऐसे लक्षण लिए आती हैं जिनसे चैन से जीना दूभर हो जाता है।
इनके इलाज के लिए बेशुमार प्रोडक्ट हैं जो आपको जल्दी ठीक कर सकते हैं। पर लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए आपको घरेलू नुस्खों की जरूरत भी हो सकती है।
सौभाग्य से, ऐसे नुस्खें बनाना आसान है और औसतन इनकी सामग्री हर मौसम में उपलब्ध रहती है।
आज हम आपको खांसी, एलर्जी या फ्लू में मदद करने वाले एक ऐसे नुस्खे के बारे में बताएँगे जिसे आप प्याज से बना सकते हैं। यह स्वाद भरी सब्जी असल में सांस से जुड़े हर तरह के रोग से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इसे आजमा कर देखिए!
प्याज के हैरतअंगेज फायदे
प्याज एक जानी-मानी सब्जी है। इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। अपने पोषक तत्वों के कारण किचेन और दवाओं की अनगिनत रेसिपी में प्याज मौजूद रहती है।
इसमें सल्फर की मात्रा ज्यादा है जो अपने अनोखे सुगंध के साथ इसे एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट, और एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण देता है। जब सब तरह के रोगों के इलाज की बात आती है तो ये गुण विशेष रूप से मददगार साबित होते हैं।
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प्याज में विटामिन A और C की भारी मात्रा होती हैं, जो आपका इम्यून सिस्टम मजबूत करने और आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाले पैथोजेन्स से मुकाबला करने के लिए अहम हैं।
ये दो विटामिन आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने, दिल की बीमारी के खतरे कम करने और आपके उत्सर्जन तंत्र को ठीक से काम करते रहने में मदद कर सकते हैं।
प्याज में डाइयूरेटिक प्रभाव (diuretic effec) भी है। यह शरीर में पानी के जमाव (fluid retention) से राहत दिलाता है, जिसके कारन टिशू में सूजन पैदा हो सकती है।
रेस्पिरेटरी संक्रमण के इलाज के मामले में भी यह बड़ी मददगार है। यह इसकी एक्सपेक्टोरेंट (expectorant) और एंटी-इन्फ्लैमेटरी असर की खूबी है कि यह गले की खिचखिच, खांसी, और कन्जेशन से राहत दिलाती है।
आवश्यक पोषण (essential nutrients) की भरपूर मात्रा के कारण, यह फ्लू, टौंसिलाइटिस और अस्थमा से संबंधित वायरस और बैक्टीरिया की मौजूदगी को कम करने में मदद कर सकती है।
अंत में, प्याज में एंटीहिस्टामाइन कंपाउंड होते हैं जो एलर्जिक रिएक्शन शुरू करने वाले पदार्थों को रोक देते हैं।
खांसी, एलर्जी या फ्लू के इलाज के लिए प्याज का प्राकृतिक नुस्खा कैसे बनाएँ
प्याज का नुस्खा एक एंटीबायोटिक इलाज है जिसे आप खांसी, एलर्जी या फ्लू जैसे साधारण रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन को कम करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह आपको बीमार महसूस कराने वाले लक्षणों से राहत दिलाने के अलावा उन जीवाणुओं से लड़ने में भी मदद कर सकता है जो समस्या का कारण बनते हैं।
इस नुस्खे का इस्तेमाल आपकी इम्यून प्रतिक्रिया में सुधार कर सकता है और भविष्य के हमलों के खिलाफ एक सुरक्षात्मक दीवार बना सकता है। क्योंकि यह आपकी आंतो में गुणकारी बैक्टीरिया का पोषण करता है।
सामग्री
- 3 प्याज
- 2 लहसुन की कलियाँ
- 1 नींबू का रस
- 1 बड़ा चम्मच शहद (25 ग्राम, वैकल्पिक)
तैयारी
- प्याज छीलकर टुकड़ों में काट लीजिए।
- उन्हें 1 नींबू के रस और 2 लहसुन की कलियों के साथ ब्लेंडर में डाल दीजिए।
- गाढ़ा पेस्ट बन जाने पर रस छानने के लिए इसे किसी कपड़े में लपेटकर दबाएँ।
- यदि यह बहुत गाढ़ा लगता है तो इसमें दो बड़े चम्मच पानी डालकर फिर से ब्लेंडर में डाल दीजिए।
- इस नुस्खे को बना लेने के बाद 24 घंटे के लिए किसी कांच के जार में रख दीजिए।
- पीते वक्त इसे बड़े चम्मच में रखे वैकल्पिक शहद के साथ मीठा बना सकते हैं।
इसे कब पियें
साँस की समस्या के पहले संकेत मिलते ही इस नुस्खे में से एक बड़े चम्मच भर की मात्रा लेकर हर 4 घंटे पर पीजिए।
जब आपको लगता है, लक्षणों में सुधार हुआ है, तो दिन में दो बड़े चम्मच भर इसे लीजिए।
रोकथाम के उपाय के रूप में इसका एक बड़ा चम्मच खाली पेट ले सकते हैं।
प्याज के दूसरे फायदे
प्याज के इस नुस्खे का खास फोकस खांसी, एलर्जी या फ्लू जैसी तकलीफ़ों के इलाज पर होता है। पर इसके गुण आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए उम्दा सहायक भी बनाते हैं।
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यह नुस्खा इन तकलीफ़ों में भी मदद कर सकता है :
- कार्डियोवैस्कुलर और सर्कुलेटरी सिस्टम की सुरक्षा
- जोड़ों और मासपेशियों के दर्द से राहत
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शंस से बचाव
- आंतों और पाचन की गड़बड़ियों की रोकथाम
- फंगस और मस्सों सहित त्वचा के संक्रमण से मुकाबला
- जलने और ऊपरी घावों का इलाज
- मेन्स्ट्रूअल क्रैम्प को कम करने
- त्वचा से धब्बे हटाने
- कान दर्द
याद रखिए!
यह समझना अहम है कि इस नुस्खे का असर अलग-अलग व्यक्तियों पर अलग-अलग हो सकता है। यह उनके रोग और उनकी इम्यून प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है।
आप इसे एक वैकल्पिक इलाज के रूप में या इन लक्षणों पर काबू पाने के लिए बनाई गई दवाओं के सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
बतायी गई मात्रा से ज्यादा इसका सेवन न करें क्योंकि इसके नेगेटिव साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
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