बहरापन की रोकथाम के लिए कुछ टिप्स और प्राकृतिक पौधे
बहरापन का विशिष्ट लक्षण पूरे या आंशिक रूप से सुनने की क्षमता खो देना है। सुनने की शक्ति कम होने पर कम सुनाई देता है, पर फिर भी कुछ सुनाई देता है। लेकिन जब बहरापन हो तो कुछ भी सुनाई नहीं देता। इसलिए लक्षण दिखाई देते ही बहरापन की रोकथाम करना जरूरी है।
इस पोस्ट में, हम इस अवस्था के बारे में चर्चा करेंगे और कुछ घरेलू नुस्खे बताएँगे जो इसका इलाज करने और बहरापन की रोकथाम में मददगार होंगे।
बहरापन का कारण
बहरापन के कई कारण हैं। कुछ इलाज करने लायक हैं और कुछ नहीं हैं। यहाँ हम इसके बहुत आम कारण प्रस्तुत कर रहे हैंं। साथ ही, उनकी क्रमिक गंभीरता को भी ध्यान में रखा गया है।
- इयर कैनल या कान की नलिका में बाहरी तत्त्वों की मौजूदगी : पानी, इयरवैक्स या कान की मैल। साधारणतः यह जल्दी ठीक हो जाता है।
- किसी गंभीर बीमारी के कारण मिडल इयर में फ्लूइड (पस)। यदि आप ज्यादा दिनों तक इसकी अनदेखी न करें तो इसका इलाज किया जा सकता है।
- मिडल इयर में हवा का अभाव विशेषकर एडिनॉयड (adenoid ), जुकाम या नजला (catarrh) के कारण यूस्टेशियन ट्यूब में अवरोध होने से। यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो इयरड्रम या कान का पर्दा भीतर की ओर सिकुड़ जाएगा। सौभाग्यवश इसका इलाज मौजूद है।
- इनर इयर की रक्त वाहिकाओं की आर्टेरियोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) जिससे नर्व के सिरों की नेक्रोसिस अर्थात उनकी मौत हो जाती है।
- आठवें नर्व की सूजन या एक्यूट न्यूराइटिस (acute neuritis)।
- कुनाइन (quinine) जैसे जहर से नर्व का नष्ट होना।
- इयरड्रम का फटना स्थायी सुराख छो़ड़ देता है। बहरापन सिर्फ आंशिक हो सकता है।
- नजला, टांसिल का रोगी होना, एडिनॉयड, बार-बार जुख़ाम होना, गला खराब होना और नेजल पैसेज में अवरोध।
जैसे ही आपको महसूस हो कि आपको सुनने में समस्या हो रही है, किसी डॉक्टर से, बल्कि अच्छा होगा कि किसी स्पेशलिस्ट से राय लें।
बहरापन के लक्षण
बहरापन का आभास देने वाले लक्षण को आसानी से परखा जा सकता है। इन लक्षणों में शमिल हैं :
- दूसरे लोग क्या कहते हैं उसे सुनने के लिए बहुत ज्यादा ध्यान लगाने की, या उन्होंने जो कहा कहा है उसे दोहराने के लिए कहने की जरूरत ।
- कानों में घंटियाँ बजने की आवाजें सुनाई देना।
- हम दूसरों को इस तरह सुनते हैं जैसे कि वे फुसफुसा रहे हों।
- किसी तरल की मौजूदगी के कारण खुजलाहट।
- ज्यादातर गंभीर मामलों में, जोरों का दर्द भी हो सकता है। यह नर्व एंडिंग्स के फटने के कारण हो सकता है।
जब अचानक बहरापन होता है, तब उस व्यक्ति के ध्यान में आता है क्योंकि वह जो सुनता है उसमें कुछ फर्क होने लगता है। बच्चों में संदिग्ध पैदाइशी बहरापन के संकेत हैं:
- बोलना सीखने में कठिनाई।
- सीखने में समस्या।
- उनके आचरण में बदलाव।
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जटिलताएँ
यह एक समस्या है जिसका किसी व्यक्ति के जीवन की क्वालिटी पर अहम असर पड़ सकता है। बहरेपन के कारण वयस्कों में सबसे आम शिकायत की जाने वाली समस्याएँ हैं ;
- डिप्रेशन
- एंग्जायटी
- यह महसूस करना कि दूसरे व्यक्ति नाराज हैं
यह बहुत आम बात है कि सुनने की शक्ति खोने वाले या बहरापन से पीड़ित व्यक्ति इलाज ढूँढ़ने से पहले वर्षों इन कठिनाइयों के साथ जीते हैं। इनमें से कुछ तो कभी भी मदद की मांग नहीं करते। इससे घर पर या काम पर उनके साथ रहने वालों को समस्याएँ हो सकती हैं।
टिप्स
- ज्यादा जोर के शोरगुल से बचना उचित है। 110 डेसिबल से अधिक का संगीत नहीं सुनना चाहिए, क्योंकि इससे शुरुआती बहरापन हो सकता है।
- किसी भी बाहरी वस्तु या पदार्थ को कान में नहीं डालना चाहिए, क्योंकि ये वैक्स को अंदर ठेल देते हैं और कान के पर्दों को नुकसान पहुँचाते हैं।
- गॉज़ या तौलिए से कान के केवल बाहरी भाग को साफ कीजिए। साफ करने या खुजलाने के लिए कान में अपनी उँगलियां नहीं डालिए।
- कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स का अभ्यास करते समय बहुत खयाल रखना पड़ेगा क्योंकि इनके कारण कान के क्षेत्र में ट्रॉमा और समस्याएँ हो सकती हैैं।
- लगातार शोरगुल के बीच रहने की स्थिति में,आपको इयर प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए।
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बहरापन की रोकथाम में मददगार प्राकृतिक पौधे
मार्जोरम (Marjoram)
बहरापन की रोकथाम या इलाज करने के लिए इस पौधे की सलाह दी जाती है। अपने हाइपोटेंसिव और एंटी-आर्टेरियोस्क्लेरोटिक गुणों के कारण यह बहरापन से पीड़ित व्यक्ति की मदद कर सकता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर रेगुलेट करता है।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच मार्जोरम (15 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)
तैयारी
- किसी पैन में पानी उबलने के लिए रख दीजिए।
- जब यह उबलने लगे, इसमें मार्जोरम डाल दीजिए, ढक दीजिए और दो मिनट के लिए छोड़ दीजिए।
- आँच से उतार दीजिए और 5 मिनट के लिए रहने दीजिए।
- रोजाना 2 कप पीने की सलाह दी जाती है।
प्याज
अपने असीम गुणों के कारण प्याज आपके रक्त के लिए बहुत बढ़िया है। यह क्लॉट बनने से रोकती है। यह एंटीबायोटिक और एनाल्जेसिक है।
सामग्री
- 1 प्याज
- 4 कप पानी (1 लीटर)
तैयारी
- प्याज को पीसकर एक बॉल में रख लीजिए।
- पानी मिला दीजिए।
- पीने से पहले 12 घंटे के लिए इसे ऐसे ही रहने दीजिए, जिससे यह अच्छी तरह से गाढ़ा हो जाए।
- इसे दिन में तीन बार पीजिए।
लहसुन ( Garlic )
किसी एंटीटीबायोटिक और एंटीटइन्फ्लैमेटरी के रूप में लहसुन के गुण अनोखे हैं। इस तरह की परिस्थिति में बहरापन की रोकथाम में यह बहुत उपकारी होगा।
सामग्री
- 1 लहसुन की फली
- 1 बड़ा चम्मच ऑलिव ऑयल (15 मिलीलीटर)
तैयारी
- लहसुन को अच्छी तरह पीसकर एक पेस्ट बना लीजिए।
- तेल को पैन में गरम कीजिए और लहसुन डाल दीजिए।
- रस निकालने के लिए चम्मच से दबाइए।
- ड्रॉपर से हर कान में तीन ड्रॉप डालिए।
- आप इसे सप्ताह में कई बार दोहरा सकते हैं।
जिंगो बाइलोबा ( Ginkgo biloba )
अपने चमत्कारी गुणों के कारण यह पौधा रक्त प्रवाह में सुधार करता है। इससे दिमाग में ऑक्सिजन की सप्लाई बढ़ जाती है। यह आपके कानों को स्वस्थ और असुविधा से मुक्त रख सकता है और बहरापन की रोकथाम में मदद कर सकता है।
सामग्री
- 1 बड़ा चम्मच जिंगो बाइलोबा (15 ग्राम)
- 1 कप पानी (250 मिलीलीटर)
तैयारी
- किसी पैन में पानी उबालिए। जब यह उबल जाए, एक बड़ा चम्मच जिंगो मिला दीजिए।
- इसे ढक दीजिए और 5 मिनट के लिए ऐसे ही रहने दीजिए।
- इसे दिन में एक कप पीने की सलाह दी जाती है।
कानों में असुविधा या बहरापन, साधारणतः वृद्धावस्था में होता है, पर इसके होने के कई कारण हैं। इसलिए सुखदायी जीवन जीने के लिए हमें अपनी जरूरी इंद्रियों का खयाल रखना चाहिए।
यदि आपको पहले ही सुनने में कठिनाई हो रही है, तो बहरापन की रोकथाम के लिए इन प्राकृतिक नुस्खों से बहुत मदद मिलेगी। पर यदि आपका मामला बहुत गंभीर है तो किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलना सबसे अच्छा है।