फैटी लीवर से मुकाबले के अविश्वसनीय प्राकृतिक नुस्ख़े
फैटी लीवर एक साध्य रोग होता है। इसमें मोटे-मोटे ट्राईग्लीसेराइड वैक्योल लीवर की कोशिकाओं में जमा हो जाते हैं। फैटी लीवर से मुकाबले के लिए डॉक्टरों के पास बड़े कम विकल्प होते हैं। बता दें कि कोशिकाओं के अन्दर वैक्योल वे ढांचे हैं जिनमें फैट जमा होता है।
फैटी लीवर का वैज्ञानिक नाम हिपेटिक स्टेअटोसिस होता है व इस अवस्था में लीवर में फैट जमा हो जाता है। प्रत्येक रोगी की अवस्था के अनुसार इस जमाव का असर लीवर के कार्यों पर पड़ता है। लीवर में सूजन होने के साथ-साथ शरीर के टिशू और सेल को नुकसान पहुँचता रहता है।
इन मरीजों को सिरोसिस (एक स्थायी रोग) या लीवर कैंसर का ज्यादा जोखिम होता है।
फैटी लीवर होने की संभावना इन लोगों को ज्यादा होती है:
- टाइप 2 डायबिटीज़ या प्रीडायबिटीज़ से ग्रस्त होना।
- मोटापे से ग्रस्त होना।
- अधेड़ या बुज़ुर्ग (लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चे और जवान लोग इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सकते)।
- खून में फैट की उच्च मात्रा होने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर का होना।
फैटी लीवर से मुकाबले के लिए डॉक्टर की सलाह से कम फैट युक्त संतुलित भोजन, एक्सरसाइज के अलावा नीचे दिए गए प्राकृतिक उपाय मददगार हो सकते हैं।
फैटी लीवर से मुकाबले के लिए अदरक
फैटी लीवर से मुकाबले के लिए अदरक बहुत असरदार है। इसमें जीवाणुनाशक गुण होते हैं। यह डीटॉक्सिफाई (शरीर और खून की अंदरूनी सफ़ाई) करती है। इससे पाचन, श्वसन और रक्त संचार में सुधार आता है। इसके अलावा, अदरक मेटाबोलिज्म में सुधार लाकर फैट को जलाने में सहायक थर्मोजेनिक खाद्य है।
कैंसर के इलाज की वजह से होने वाली मिचली, बादी और बदहज़मी के साथ-साथ भूख की कमी के निवारण में अदरक का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह चरबी वाले खाद्य पदार्थों को पचाने में भी मददगार होती है।
सामग्री
- अदरक की एक जड़
- दो कप पानी (500 मिलीलीटर)
बनाने की विधि
- दो कप पानी गरम कर लें।
- अदरक की एक कटी हुई जड़ को उसमें डालकर उसे करीब 10 मिनट तक उबालें।
- उसके बाद गैस बंद कर उसे 15 मिनट तक ठंडा होने दें। फिर उसे पी लें।
- हमारी सलाह है कि आप उसे खाली पेट 15 दिनों तक पिएं।
चुकंदर (Artichoke)
इस सब्ज़ी को आपको अपने आहार में शामिल ज़रूर करना चाहिए, खासकर अगर आप अपने लीवर में सुधार लाना चाहते हैं या फैटी लीवर से मुकाबले की कोशिश कर रहे हैं।
एक कमाल का मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थ होने के अलावा यह खून में कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर को काबू में रखने में सहायक होता है।
शरीर द्वारा फैट एब्जोर्ब होने की मात्रा को कम करके यह आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है।
सामग्री
- चार ताज़े चुकंदर
- दो नींबू (800 ग्राम)
- चार कप पानी (1 लीटर)
बनाने की विधि
- चुकंदर को धातु के किसी बर्तन में रखें, उसमें चार कप पानी डालकर उबाल लें।
- नींबू को काटकर उन्हें भी उसी बर्तन में रख दें।
- उसे लगभग 20 मिनट तक गरम होने दें।
- इसके बाद उस मिश्रण को छानकर उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
- 15 दिन तक उसे रोज़ाना खाली पेट पिएं।
फैटी लीवर से मुकाबले के लिए मिल्क थीस्ल
मैरी थीस्ल या होली थीस्ल के नाम से मशहूर मिल्क थीस्ल अप्रैल और अगस्त में खिलने वाला एक पौधा होता है।
लीवर की सफाई करने के अतिरिक्त मिल्क थीस्ल पथरी को बनने से रोकने में भी मददगार हो सकता है। घातक कोलेस्ट्रॉल (एल.डी.एल.) को कम करके यह चरबी को जलाने वाली प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
सामग्री
- मिल्क थीस्ल के तीन पौधे
- तीन कप पानी (750 मिलीलीटर)
बनाने की विधि
- दोनों चीज़ों को किसी बर्तन में डालकर उसे 15 मिनट तक उबलने दें।
- उसके बाद गैस बंद कर उस मिश्रण को ठंडा होने दें।
- रोज़ाना भोजन से पहले उसे 3 बार पिएं।
फैटी लीवर के लिए मूली
पैक किए खाद्य पदार्थों के सेवन की वजह से शरीर में जमा हो जाने वाले मल को हटाने में मूली मदद करती है। ऐसे खाद्यों में नाइट्रोसामाइंस पैदा करने वाले प्रीज़र्वेटिव्स और कलर्स की बहुतायत होती है।
चूंकि अपने मूत्रवर्धक कार्य की वजह से मूली पित्ताशय की सफाई में मदद करती है, यह लीवर को डीकंजेस्ट कर उसे डीटॉक्सिफाई करती है। इसके अलावा, लीवर की हालत में सुधार लाकर मूली उसे ठीक कर देती है।
मूली के कॉलेरेक्टिक एक्शन की वजह से बाइल ज़्यादा मात्रा में निकलता है और इसीलिए पीलिया और वसा के खराब पाचन के मामलों में वह बहुत काम की चीज़ हो सकती है।
अपने औषधीय गुणों के कारण मूली आपके लीवर को स्वस्थ बनाए रखेगी।
सामग्री
- दो लाल मूलियाँ
- एक कप पानी (250 मिलीलीटर)
बनाने की विधि
- दोनों चीज़ों को ब्लेंडर में डालकर उनका जूस बना लें।
- इस जूस को रोज़ाना पिएं।
अपने फैटी लीवर के इलाज के लिए अगर आप इस नुस्खे के इस्तेमाल करते हैं तो आपको नीचे दी गयी वस्तुओं से परहेज़ करना चाहिए (कम से कम 15 दिन के लिए):
- जंक फ़ूड
- दुग्ध उत्पाद
- सोडा
- प्रोसेस्ड फूड
- फैटी फूड
- मीठी चीज़ें
- शराब