फ्रेजाइल X सिंड्रोम के लक्षण और इलाज
फ्रेजाइल X सिंड्रोम एक वंशानुगत आनुवंशिक विकार है जो बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करता है। यह ऐसी बीमारी है जो पीड़ित और उनके परिवार दोनों के लिए चुनौती बन जाती है।
यह सिंड्रोम विरासत में मिली बौद्धिक विकलांगता का सबसे सामान्य रूप है। आम आबादी में चार हजार पुरुषों में से एक और छह हजार महिलाओं में से एक इसका शिकार होते है। पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर को लिंग के जेनेटिक मेकअप द्वारा आंशिक रूप से समझाया गया है। महिलाओं में दो X क्रोमोजोम होते (X chromosomes) हैं, पुरुषों में सिर्फ एक होता है, जबकि दूसरा Y-क्रोमोजोम होता है। इससे यह बदलाव महिलाओं में स्पष्ट लक्षण पैदा नहीं कर पाता।
इसलिए यह विचार करना महत्वपूर्ण है कि यदि प्रभावित जीन एक महिला के X क्रोमोजोम में है, तो दूसरे क्रोमोजोम इस कमी की भरपाई कर सकते हैं क्योंकि इसमें एक ही जीन होता है। इस तरह महिलाओं में किसी गड़बड़ी के हल्के लक्षण दिखाई दे सकते हैं या बस वह बिना किसी लक्षण के कैरियर का काम कर सकती है और उमें लक्षण कभी प्रकट नहीं होंगे।
नाजुक X सिंड्रोम में FMR1 जीन प्रभावित होता है। यह क्षतिग्रस्त है इसलिए यह सही तरीके से FMRP पैदा नहीं करता या कभी इसे पैदा कर ही न पाए। इससे निम्नलिखित लक्षण दीखते हैं:
- बौद्धिक विकलांग।
- आक्रामकता या सामाजिक संबंध बनाने में समस्या।
- भाषा की समस्याएं।
फ्रेजाइल X सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। एक बार डायग्नोसिस होने पर इसका इलाज पुनर्वास ट्रीटमेंट से किया जा सकता है। फिर भी समस्या पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती है।
फ्रेजाइल X सिंड्रोम के लक्षण
फ्रेजाइल X सिंड्रोम कई अलग-अलग लक्षणों का कारण बनता है। मुख्य समस्या बौद्धिक क्षमता से जुड़ी होती है, लेकिन दूसरे संकेत भी होते हैं। इसके कुछ लक्षण हैं:
- सीखने में असमर्थता। कुल मिलाकर इंटेलेक्चुअल क्षति हल्की या गंभीर हो सकती है। कभी-कभी इसमें हाइपरएक्टिविटी और एकाग्रता में अभाव के लक्षण भी दीखते हैं, जो बच्चों की स्कूली शिक्षा को गहराई से प्रभावित कर सकता है। इसी तरह यह भाषा में बदलाव का कारण बन सकता है।
- बोलने में विलंब। यह पुरुषों में विशेष रूप से आम है, महिलाओं में बहुत कम देखा जाता है। मरीज अक्सर पूरी तरह से कहे बिना ही हकलाते हैं हुए शब्दों का उच्चारण करते हैं। एक्सपर्ट उसी उम्र के दूसरे बच्चोने के मुकबले उनमें देर से भाषा विकसित होने की उम्मीद करते हैं। पूरा गूंगापन कभी नहीं आता लेकिन लेकिन ऐसे मरीज हैं जो कभी भी पूरी तरह से भाषा विकसित नहीं कर पाते।
- शारीरिक बदलाव। कुछ बच्चोने में कोई भी शारीरिक विशिष्टता नहीं उभरती जिससे डॉक्टर फ्रेजाइल X सिंड्रोम का संदेह करें। समय बीतने और किशोरावस्था के आगमन के साथ बढ़े हुए कान, उभरा हुआ माथा, और फ्लैट फूट जैसे शारीरिक संकेत आमतौर पर ज्यादा स्पष्ट हो जाते हैं।
- सामाजिक रूप से एडजस्ट करने में समस्या। फ्रेजाइल X सिंड्रोम वाले बच्चे एंग्जायटी का शिकार हो सकते हैं, आँखें मिलाने से बच सकते हैं और यहां तक कि आक्रामक भी हो सकते हैं। लड़कियों में नियमित रूप से शर्म के भाव का जिक्र किया जाता है।
- हाइपरसेंसिटिविटी। वैसे संवेदी पहलू बहुत स्पष्ट नहीं है, लेकिन रोगियों में फोटोफोबिया और अत्यधिक शोर से प्रतिक्रिया देखी जा सकती है।
एक आनुवंशिक परिवर्तन फ्रेजाइल X सिंड्रोम का कारण बनता है।
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फ्रेजाइल X सिंड्रोम के अपूर्ण रूप
फ्रेजाइल X सिंड्रोम हमेशा पूरी तरह से नहीं उभरता है। यदि FMR1 जीन में आया बदलाव मामूली है या एक महिला में है जो अपने दूसरे X क्रोमोजोम से क्षतिपूर्ति कर सकती है, तो इसके विभिन्न रूप उभर सकते हैं। इस तरह सामान्य अभिव्यक्तियों के दो विकल्प हैं:
- सबसे पहले, फ्रेजाइल X से जुड़े प्राइमरी ओवेरियन अपर्याप्तता। इस सिंड्रोम का संक्षिप्त नाम FXPOI है। जो महिलाएं इससे पीड़ित होती हैं वे अक्सर बांझ हो जाती हैं और जल्दी मेनोपाज के स्टेज में जाती हैं। वे 40 से पहले ही मासिक धर्म को रोक सकती हैं। दूसरी तरफ, अगर महिला बांझ नहीं है और गर्भवती हो जाती है, तो उसके बच्चों को सिंड्रोम होने का खतरा ज्यादा होता है।
- दूसरे, फ्रेजाइल X से जुड़े कंपन/एटेक्सिया सिंड्रोम। इस सिंड्रोम का संक्षिप्त नाम FXTAS है। यहां मुख्य नुकसान नर्वस सिस्टम में होता है। मरीजों अचानक कांपने लगते हैं, चलने में मुश्किल होती है और असंतुलन का सामना करना पड़ता है। कुल मिलाकर इसका सम्बन्ध मूड डिसऑर्डर से भी है।
अपूर्णता फ्रेजाइल X सिंड्रोम के रूपों में से एक है।
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इलाज
दुर्भाग्य से इस सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। यह एक जेनेटिक गड़बड़ी है जिससे भ्रूण में ही पीड़ित होने के बाद ठीक नहीं किया जा सकता। यह प्रभावित बच्चे के विकास के दौरान उलटा नहीं किया जा सकता है।
पुनर्वास ट्रीटमेंट इस समस्या के मैनेजमेंट में मदद कर सकती है। वे बच्चों की स्केपीच ठीक करने और उन्हें शिक्षा प्रणाली में शामिल करने में मदद करते हैं। फिर मनोवैज्ञानिक समस्याओं और सामाजिक संबंधों को सुधारने के लिए व्यवहार संबंधी समस्याओं पर फोकस किया जा सकता है।
ये बच्चे बचपन में हस्तक्षेप के लिए आदर्श उम्मीदवार हैं। कह सकते हैं कि यह अहम है। कम से कम तीन साल की उम्र तक इन बच्चों को सिद्ध तकनीकों के साथ डॉक्टरों की अतिरिक्त मदद लेनी चाहिए।
कई एसोसिएशन और फ्रेजाइल X सिंड्रोम वाले मरीज़ बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विकल्पों की तलाश में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आप इस बीमारी के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं और दुनिया को अधिक अनुकूल जगह बनाने के लिए एक बड़ा पहला कदम उठा सकते हैं: कृपया उन लोगों के साथ भेदभाव न करें जो इससे पीड़ित हैं।
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