खर्राटे और स्लीप एपनिया को बंद करने के प्राकृतिक नुस्खे

वज़न कम करने के अलावा, खर्राटों को रोकने और स्लीप एपनिया में सुधार करने के लिए आपको ऐसे नुस्खों की जरूरत है जो कंजेशन को कम करें और फेफड़ों में मौजूद हर तरह की जहरीली चीजों को बाहर निकालने में मदद करें।
खर्राटे और स्लीप एपनिया को बंद करने के प्राकृतिक नुस्खे

आखिरी अपडेट: 02 अक्टूबर, 2018

खर्राटे वह खिझा देने वाली आवाजें हैं, जो तब आती है जब आपकी सांस नली में किसी किस्म की रुकावट पैदा होती है।

सबसे गंभीर बात यह है कि लगभग 75% लोग जिन्हें ये समस्या है, वे स्लीप एपनिया (sleep apnea) से भी पीड़ित हैं। स्लीप एपनिया वह खतरनाक स्थिति है, जिसमें  नींद के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर के लिये साँसें रुक जाती हैं।

यह किसी किस्म की रुकावट जैसी शारीरिक समस्याओं के चलते हो सकती है, लेकिन संक्रामक रोग और एलर्जी भी स्लीप एपनिया का कारण हो सकते हैं।

समस्या यह है कि आपकी नींद ख़राब करने के अलावा, खर्राटे आपको नींद से मिलने वाले आराम से दूर रख सकते हैं और यहां तक कि अनिद्रा का कारण भी बन सकते हैं।

वैसे तो कभी-कभी कोई भी आदमी इस समस्या से परेशान हो सकता है, लेकिन कुछ लोग लगातार इस समस्या का सामना करते हैं।

खुशकिस्मती से, आपकी नींद को बेहतर बनाने, खर्राटे और स्लीप एपनिया को रोकने में मदद करने के लिए कुछ तरीके और सुझाव हैं।

चलिये इन्हें देखते हैं!

हम खर्राटे क्यों लेते हैं? (Why do we snore?)

2-फेफड़े

खर्राटे तब आते हैं जब आपकी जीभ, गले का ऊपरी हिस्सा, तालु या यूवुला आपके टॉन्सिल और लिम्फ नोड्स के साथ वाइब्रेट करते हैं।

हर बार जब भी आप अपने फेफड़ों में भरने के लिए हवा अन्दर लेते हैं तो कम्पन होती है।

ज्यादा वजन, साँस से जुड़ी बीमारियाँ और सोने के दौरान आपका पॉस्चर – ये उन बातों में शामिल हैं जो इस समस्या के पैदा होने की सबसे बड़ी वजहें बनती हैं।

एल्कोहल, तंबाकू या नींद की गोलियों का इस्तेमाल भी फेरिंगक्स (pharynx) की मांसपेशियों को आराम दे सकती है और खर्राटों को बढ़ा सकती है।

कुछ मामलों में यह किसी गलत बनावट यानी नेज़ल पॉलीपोसिस (nasal polyposis) या अपनी जहा से हटी झिल्ली (septum) के कारण होता है।

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खर्राटे आपके स्वास्थ्य पर कैसे असर डालते हैं?

खर्राटे

हालाँकि, यह बहुत खिझा देने वाला हो सकता है और कभी-कभी फेफड़ों की समस्या के कारण भी हो सकता है, फिर भी आमतौर खर्राटे लेना कोई सीधी स्वास्थ्य-समस्या नहीं है

इसकी तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। कभी-कभी यह इतना तेज हो सकता है कि आपको सोने नहीं देता। यहाँ तक कि खर्राटों को आपके रिश्ते की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला भी माना गया है।

अगर आपको ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्रोम (OSAS) है, तो आपकी साँसे 10 सेकंड तक के लिये रुक सकती है

एक रिसर्च के अनुसार, 15% से 20% कार एक्सीडेंट के मामले नींद की कमी और थकान की वजह से होते हैं।

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प्राकृतिक नुस्ख़े की मदद से खर्राटे कैसे रोकें

आम-तौर पर बहुत ज्यादा बलगम का बनना और नाक की मांसपेशियों में सूजन आना खर्राटे आने की वजह हो सकती है।

वैसे तो, पारंपरिक सर्दी-खांसी की दवाओं का इस्तेमाल भी अक्सर इस स्थिति को सुधारने में मदद करता है। लेकिन आप कुछ नेचुरल तरीके भी आजमा सकते हैं।

आज हम आपको एक नेचुरल जूस के बारे में बताना चाहते हैं जो आपकी साइनस और साँस-नली को साफ करने के लिए जरूरी एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर है।

इसे तैयार करना आसान है। साथ ही, यह आपकी नींद को बेहतर करने में मदद करेगा।

अच्छी नींद पाने और खर्राटे बंद करने के लिए प्राकृतिक नुस्खा

4-गाजर का रस

नींबू, अदरक और गाजर जैसी चीजें उन जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो फेफड़ों और नाक की नलियों की सफाई करते हैं

इन चीजों का रोजाना इस्तेमाल आपके खर्राटे की फ्रीक्वेंसी को कम कर सकता है, वायरस और बैक्टीरिया से मुकाबला करने के लिए आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है।

जरूरी चीजें

  • 1/4 भाग ताजा नींबू
  • 1 टुकड़ा अदरक की जड़
  • 2 सेब
  • 2 गाजर
  • 1 कप पानी (200 मिलीलीटर)

बनाने का तरीका

  • इसे बनाने से पहले सभी चीजों को अच्छी तरह धो लें।
  • नींबू, अदरक, सेब और गाजर को काटें और उन्हें ब्लेंडर में डाल लें।
  • उसमें एक कप पानी डालें और कुछ मिनटों के लिए सभी चीजों को पकने दें।
  • जब आपका ड्रिंक समान रूप से स्मूथ हो जाये तो तुरंत परोस लें।

सोने से दो घंटे पहले इस ड्रिंक को एक कप पी लें। अगर स्वाद ज्यादा कड़वा लगे तो मीठा करने के लिये आप उसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं।

इस नुस्खे के क्या-क्या फायदे हैं? (the benefits of this remedy)

यह नेचुरल जूस एंटीबायोटिक, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और दर्द-निवारक गुणों से भरपूर है जो खर्राटे रोकने के लिए बंद नाक और गले की खराबी से छुटकारा दिलाता है।

नींबू में मौजूद अम्ल बलगम को तोड़ने में मदद करते हैं और फेफड़ों में बनने वाले टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करता है।

इसमें विटामिन A भी होता है। यह ऐसा पोषक तत्व है जो आपकी नाक और मुंह में म्यूकस मेम्ब्रेन की सेहत सुधारता है।

विटामिन C और E, दो एंटीऑक्सीडेंट जो सांसों के इन्फेक्शन और कैंसर की रोकथाम से संबंधित हैं, इनकी मात्रा को बढ़ाकर इन फायदों को और बढ़ाया जा सकता है।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।