रूमेटाइड आर्थराइटिस से राहत पाने के लिए औषधीय नुस्ख़े
रूमेटाइड आर्थराइटिस यानी गठिया एक सूजन कारी बीमारी है जो शरीर के जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है। शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली, जो आमतौर पर किसी किस्म के संक्रमण से शरीर की रक्षा करती है, गलती से जोड़ों के अंदरूनी अस्तर पर हमला करती है। यहाँ आप ऐसे पौधों के बारे में जानेंगे जिनसे आप गठिया में राहत पा सकते हैं।
निश्चित रूप से रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) की गंभीरता और इसकी समय-सीमा अलग-अलग लोगों में अलग हो सकती है। आम तौर पर गठिया का प्रकोप जोड़ों के दर्द, उनमें सूजन और कठोरता के साथ सामान्य थकान के रूप में दिखता है।
ये लक्षण आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों में मुश्किल डालते सकते हैं। इसके अलावा, इस बीमारी के कारण अक्सर बाहरी कारक होते हैं जैसे कि स्ट्रेस, संक्रमण या बस ठीक से आराम नहीं मिलना।
अगर आपको रूमेटाइड आर्थराइटिस है, तो आपको सामान्य चिकित्सा लेनी होगी। लेकिन कुछ प्राकृतिक इलाज भी हैं जो दर्द और कठोरता को दूर कर सकते हैं। हाँ, इनमें से कोई भी नेचुरल घरेलू इलाज आजमाने से पहले, हम आपको डॉक्टर से यह राय लेने की सलाह देंगे कि इनमें कौन सा आपके लिए सबसे अच्छा है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस से राहत पाने के लिए औषधीय नुस्ख़े
इन औषधीय नुस्खों से आप गठिया से राहत पा सकते हैं:
1. हल्दी (Turmeric)
हल्दी के एक्टिव कम्पाउंड में एंटी-इन्फ्लेमेटरी यानी सूजन-रोधी गुण होते हैं। इसलिए यह दिखाया गया है कि हल्दी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाती है।
इसके अलावा, 2016 में प्रकाशित एक स्टडी ने यह पुष्टि कर दी है कि हल्दी का अर्क गठिया के लक्षणों को कम करता है। हालांकि इस मामले में अभी और रिसर्च की ज़रूरत है, फिर भी इस मसाले का उपयोग आपके ड्रिंक और रेसिपी में एक कलरिंग और एडिटिव के रूप में किया जा सकता है। वैसे भारतीय उपमहाद्वीप में यह प्राचीन काल से भोजन का मुख्य मसाला है।
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2. नेटल टी (Nettle Tea)
नेटल टी रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए एक शानदार प्राकृतिक इलाज हो सकता है। इस पौधे में मूत्रवर्धक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण हैं जो रक्त से अशुद्धियों को साफ़ करने में मदद करते हैं। यह गठिया के कारण होने वाले दर्द और सूजन से राहत पाने में शानदार असरदार हो सकता है।
यूरिक एसिड के स्राव के लिए नियमित नेटल टी पीना अच्छा हो सकता है। यह चाय गठिया और गाउट आर्थराइटिस (gout arthritis) के लिए घरेलू इलाज भी है। हालांकि आपके ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए इसे दूसरी मूत्रवर्द्धक चीजों के साथ पीना अहम होता है।
3. अदरक (Ginger)
पुराने दर्द और सूजन वाले लोगों के लिए अदरक का सेवन करने की सिफारिश की जाती है। आप इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं या ऐसे सप्लीमेंट के साथ ले सकते हैं जिसमें अदरक होता।
दूसरी ओर, अदरक के एसेंशियल ऑयल में कुछ दूसरे कम्पाउंड होते हैं जो रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों से राहत देते हैं। 2016 की एक रिसर्च के अनुसार अदरक के एसेंशियल ऑयल का उपयोग जोड़ों की पुरानी सूजन को कम कर सकता है।
“अच्छी सेहत को हम खरीद नहीं सकते हैं। लेकिन यह एक अत्यंत मूल्यवान सेविंग अकाउंट ज़रूर हो सकता है ”
– ऐन विल्सन शेफ़-
4. संतरा, लहसुन और पार्सले जूस (Orange, garlic and parsley juice)
इन प्राकृतिक सामग्रियों को मिलाकर एक एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट जूस मिलता है जो गठिया के नेगेटिव लक्षणों को कम करता है। इसमें विटामिन B, C, और कैल्शियम और पोटैशियम जैसे मिनरल शामिल हैं, जो जोड़ों को मजबूत करने में बुनियादी भूमिका निभाते हैं।
सामग्री
- लहसुन की 2 कलियाँ
- 5 पार्सले स्प्रिंग
- 5 संतरे का जूस
निर्देश
- लहसुन की कलियों को छीलें और काट लें।
- उन्हें ब्लेंडर में पार्सले और ऑरेंज जूस के साथ मिलाएं और 3 मिनट तक मिक्स करें।
- इसे तुरंत पियें।
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5. इवनिंग प्रिमरोज़ तेल (primrose oil)
ईवनिंग प्रिमरोज़ ऑयल गामा-लिनोलेनिक एसिड (gamma-linolenic acid) से समृद्ध होता है, जो ओमेगा 6 फैटी एसिड का ही एक रूप है। इसे सेवन करने पर शरीर इसे एक पावरफुल एंटी-इन्फ्लेमेटरी में बदल देता है। यह संवेदनशीलता, जोड़ों में दर्द और कठोरता जैसे आर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। ईवनिंग प्रिमरोज़ ऑयल में बीटा-एमाइरिन (beta-amyrin) भी होता है। यह भी एक एंटी-इन्फ्लेमेटरी कम्पाउंड है।
अमेरिकन आर्थराइटिस फाउंडेशन की सलाह है कि गठिया वाले लोगों को रोजाना 540 मिलीग्राम ससे 2.8 ग्राम तक ईवनिंग प्रिमरोज़ के बीज का सेवन करना चाहिए। लेकिन इसे कम से कम 6 महीनों तक कई खुराक में बांटकर सेवन करना चाहिए।
याद रखें, लिवर से जुड़े किसी किस्म के नुकसान से बचने के लिए प्रिमरोज़ ऑयल को सावधानी और संयम के साथ लेना चाहिए। क्योंकि इस पौधे में वे संभावित खतरनाक यौगिक होते हैं जिन्हें एल्कलॉइड पाइरोलिज़िडिन (alkaloids pyrrolizidine) कहा जाता है।
6. तुलसी (Basil)
तुलसी में संभावित मेडिकल कम्पाउंड की पूरी की पूरी खान मौजूद है। साथ ही, तुलसी के आवश्यक तेल में सिनोले (cineole) होता है जिसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं।
इसके अलावा, इसमें लिनलूल (linalool) भी है। यह कम्पाउंड सूजन से लड़ता है। वास्तव में, जोड़ों की सूजन को कम करने में तुलसी एसेंशियल ऑयल बहुत प्रभावी है।
अंत में, यदि आपमें रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। ज़िन्दगी की गुणवत्ता ठीक रखने के लिए इस बीमारी का जल्द से जल्द इलाज करना महत्वपूर्ण है
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