4 चेतावनी वाले संकेत : मल्टीपल स्केलेरोसिस के

मेडिकल डाइग्नोसिस लेने से पहले मल्टीपल स्केलेरोसिस वाले रोगी कुछ ऐसे लक्षण प्रदर्शित कर सकते हैं जो इस रोग के होने का संकेत दे सकते हैं। उनके बारे में इस आर्टिकल में जानें।
4 चेतावनी वाले संकेत : मल्टीपल स्केलेरोसिस के

आखिरी अपडेट: 12 मार्च, 2019

मल्टीपल स्केलेरोसिस आधुनिक विज्ञान के लिए सबसे जटिल बीमारियों में से एक है। असल में इसके पीछे की वजहें आज भी न्यूरोलॉजिस्ट के लिए एक रहस्य बनी हुई हैं

यह भी संभव है कि कुछ मामलों में मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) को पहचान पाना मुश्किल होता है  जबकि बाकी मामलों में इसके लक्षण इतने स्पष्ट होते हैं कि इसकी मौजूदगी को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं रहता है।

अब हमें पता चलता है कि यह बीमारी महिलाओं और 20 से 40 की उम्र के लोगों में सबसे ज्यादा होती है।

आज हम आपको विस्तार से बताना चाहते हैं कि इस बीमारी की पहचान कैसे करें।

मल्टीपल स्केलेरोसिस के मुख्य लक्षण

इन लक्षणों पर ठीक से ध्यान दें। वे मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण होने का संकेत दे सकते हैं

इनमें से कोई विशिष्ट लक्षण अपने आपमें किसी दूसरी समस्या का संकेत हो सकता है। लेकिन जब वे एक-दूसरे के साथ दिखाई दें तो आपको सही सलाह पाने के लिये किसी डॉक्टर से मिलना चाहिए।

1. कमज़ोरी

इस बीमारी से पीड़ित लोग थका हुआ महसूस करते हैं और धीरे-धीरे चलते हैं, खासकर पैरों में थकान के कारण।

इस पर ख़ास तौर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी हो जाता है जब कोई आदमी जो आमतौर पर बहुत एक्टिव रहता है, अचानक बिना किसी स्पष्ट कारण के थक जाए।

2. संतुलन खोना (Loss of balance)

मल्टीपल स्केलेरोसिस

यह लक्षण चलते समय थरथराहट (tremors) के साथ होता है। चुपचाप सीधे खड़े रहने पर भी ऐसी अस्थिरता (डगमगाना) हो सकती है। ऐसा लगता है मानो किसी आदमी को चक्कर आ रहां था और उसने अचानक अपना संतुलन खो दिया

इससे पहले कि आप फिक्रमंद हो जाएँ, इसके कारण स्वरूप किसी दूसरी स्वास्थ्य समस्या की संभावना को ख़ारिज करना ज़रूरी होगा।

3. शारीरिक तालमेल में गड़बड़ी (Unstable coordination)

इसमें विभिन्न अंगों के कंट्रोल और उनके मूवमेंट में होने वाली गड़बड़ी शामिल है।

जब आप चाहते हैं तब अपनी बाँहें नहीं फैला पाते हैं और आपके पैर मस्तिष्क से मिलने वाले आदेशों को मानने से इंकार करने लगते हैं। इसके अलावा, आप चलने में परेशानी महसूस कर सकते हैं।

4. हाथों पर नियंत्रण न होना (Loss of hand control)

मल्टीपल स्केलेरोसिस : कांपते हुए हाथ

जब बीमारी दिखाई देने लगती है, तो हाथों में नियंत्रण की कमी बहुत ध्यान देने लायक होती है।

आप समस्या को पहचान सकते हैं क्योंकि आप चीजों को उठाने में सक्षम नहीं होंगे या आपको उन्हें पकड़े रखने में दिक्कत होगी।

5. मांसपेशियों में जकड़न (Muscle spasms)

मांसपेशियों में जकड़न, दर्द और ऐंठन महसूस होना बहुत आम है।

क्योंकि यह लक्षण दूसरी समस्याओं के कारण भी हो सकता है, जैसे कि डायबिटीज़, इसलिये इसकी सही जांच-परख के लिए किसी स्पेशलिस्ट के पास जाना जरूरी है।

6. नज़रों की समस्याएं (Vision problems)

मल्टीपल स्केलेरोसिस : नज़रों की समस्याएं

यह सबसे स्पष्ट संकेत है। आप जिन समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं, उनमें हैं:

  • आँखों की अनैच्छिक गति (Involuntary movements)
  • धुंधली नजर (Blurred vision)
  • न्युराइटिस (Neuritis)
  • दोहरी दृष्टि (Double vision)
  • बहुत कम मामलों में आँखों की रोशनी स्थायी रूप से चली जाना

7. संवेदनात्मक गड़बड़ी (Sensory disturbances)

आपको अपनी त्वचा पर झनझनाहट, सुन्न होना और यहां तक कि जलन भी महसूस हो सकती है।

हालांकि, इस तरह के अहसास सर्कुलेशन की समस्या की गंभीरता के कारण भी हो सकते हैं। आपको यह देखना होगा कि वे कब-कब महसूस होते हैं और उसके पीछे की और वजहों को खोजना होगा

8. बोलचाल में गड़बड़ी (Alterations in speech)

मल्टीपल स्केलेरोसिस वाले लोग बहुत मुश्किल से शब्दों को बना पाते हैं या बहुत धीरे से उन्हें बोल पाते हैं।

यह खासतौर पर ध्यान देने लायक होता है जब वे ऐसा कुछ कहते हैं जिसे बोलने में उन्हें पहले कभी कोई समस्या नहीं होती थी। उन्हें तेजी से और स्पष्ट रूप से बातचीत करने में कठिनाई हो सकती है।

9. थकान (Tiredness)

मल्टीपल स्केलेरोसिस :  थकान (Tiredness)

मल्टीपल स्केलेरोसिस के रोगियों के लिए थकान सबसे ज्यादा कष्टदायक लक्षणों में से एक है।

यह उस समय उन्हें एक पॉजिटिव नज़रिया बनाए रखने से रोकता है जब उनमें इस बीमारी की पहचान होती है। अब उनके लिये रोज़ाना की गतिविधियों को पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है, जबकि पहले उन्हें कभी कोई समस्या नहीं होती थी।

10. असंयमिता (Incontinence)

जिन लोगों में इस बीमारी की शुरुआत हो रही होती है, उनके लिये ब्लैडर को कंट्रोल करना एक चुनौती बन जाता है। कई रोगियों को महसूस होता है:

  • आँतों और मूत्राशय (bladder) की पूरी तरह से निकासी नहीं होना, या गलत समय पर होना।
  • बहुत ज्यादा पेशाब लगना।
  • डायबिटीज़ की तरह मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण भी रात में बार-बार पेशाब लगती है।

11. यौन इच्छा (Sexual desire)

मल्टीपल स्केलेरोसिस :  यौन समस्या

असल में, मल्टीपल स्केलेरोसिस रोगी की यौन इच्छा को समाप्त कर देता है। इसके अलावा, पुरुष अक्सर शीघ्रपतन (premature ejaculation) का अनुभव करते हैं।

लूब्रिकेशन की कमी के साथ-साथ सुखद संवेदनाओं की कमी के के कारण महिलाएं सक्रिय यौन संबंध बनाना बंद कर देती हैं।

12. मानसिक प्रभाव (Cognitive effects)

इसके अलावा, शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस और कान्सन्ट्रैशन की कमी से जुड़ी समस्याएं अक्सर होती हैं।

रोगी की चीजों का जानने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे इस हद तक ख़राब हो जाती है कि वे बहुत आसान या मामूली परिस्थितियों को भी नहीं समझ पाते हैं।

13. कंपकंपी (Tremors)

यह मांसपेशियों में जकड़न से जुड़े कुछ अनसुलझी घटनाएँ हो सकती हैं जब शरीर कांपने लगता है, जैसे कि ठंड लग रही हो, यहां तक कि गर्मी में भी।

14. त्वचा पर चुभन महसूस होना

उन सभी संवेदनाओं के अलावा, जिनके बारे में हम पहले बता चुके हैं, सबसे बुरी और दर्दनाक संवेदनाओं में से एक स्किन पर पिन या सुइयों के चुभने का अहसास होना है।

जो लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि उन पर नुकीली चीजें चुभाई जा रही हैं, जो दर्द का कारण बनता है।

अपने लक्षणों की निगरानी करें (Monitor your symptoms)

जैसा कि आप देख सकते हैं, मल्टीपल स्केलेरोसिस एक बीमारी है जो बहुत सारे लक्षण पैदा करती है जो किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को कम कर देते हैं।

वैसे तो, अभी इसे रोकने का कोई तरीका मौजूद नहीं है, लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट आपको अपने शरीर की विटामिन D की जरूरत को पूरा करने के लिए सुबह के समय धूप में निकलने की सलाह देते हैं

कई मामलों में, मल्टीपल स्केलेरोसिस के रोगियों में इस विटामिन की कमी पाई गई है।

अब जब आप लक्षणों के बारे में जान चुके हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप उनकी पहचान कर सकते हैं और अगर आपको अपने सवालों के जवाब चाहिये तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।



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यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।