8 चेतावनी सूचक लक्षण जो ब्रेन स्ट्रोक से पहले आपका शरीर देता है

ब्रेन स्ट्रोक का फ़ौरन पता लगाकर उसका इलाज करवाने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि उसके लक्षणों को समझकर आप अपने डॉक्टर को उनके बारे में बताएं। वे लक्षण अन्य बीमारियों के लक्षणों से काफ़ी मिलते-जुलते जो होते हैं।
8 चेतावनी सूचक लक्षण जो ब्रेन स्ट्रोक से पहले आपका शरीर देता है

आखिरी अपडेट: 16 दिसंबर, 2018

ब्रेन स्ट्रोक एक सरेब्रोवैस्कुलर हरकत होती है, जिसमें रक्त-संचार में आयी कमी की वजह से हमारे दिमाग का एक हिस्सा मर जाता है।

किसी ब्लड वेसल (रक्त-वाहिका) के टूट जाने या खून के किसी थक्के से बंद हो जाने पर आपके दिमाग तक खून की ज़रूरी मात्रा पहुंचनी बंद हो जाती है। वहीँ दूसरी तरफ़, आपकी तंत्रिका कोशिकाओं को भी ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती

दुनियाभर में यह बीमारी लगातार फैलती जा रही है। इसका संबंध हाई ब्लड प्रेशर, लिपिड की गड़बड़ियों और तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।

पुरुषों और औरतों को समान रूप से प्रभावित करने वाली इस बीमारी से मरने वाले आधे से ज़्यादा रोगी महिलाएं ही होती हैं

55 साल की उम्र पार करते ही इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। उसके बाद आप जितना लंबा जीते हैं, आपके ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आ जाने का खतरा भी उतना ही बढ़ता जाता है।

इसकी सबसे परेशान कर देने वाली बात तो यह है कि बाकी सभी कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों ही की तरह इसका तुरंत पता लगा लेना मुश्किल होता है व अक्सर इसे कोई और बीमारी समझ लिया जाता है

हालांकि इस स्ट्रोक के लक्षण अचानक ही उभर आते हैं, कभी-कभी इस तूफ़ान के आने से पहले ही मरीज़ों को उसकी भनक लग जाती है।

भले ही ब्रेन स्ट्रोक का पता लगा लेने से उससे बचना मुमकिन न हो, पर ऐसा करने से किन्हीं गंभीर दुष्प्रभावों से ग्रस्त हुए बगैर भी आपके ज़िन्दा रहने की संभावना बनी रहती है।

1. हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर से आपको ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है

आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को महसूस होने वाले लक्षण इतने ज़ोरदार नहीं होते कि संभावित खतरे की उन्हें भनक लग सके।

उनके साथ परेशानी यह होती है कि उनकी इस अवस्था का पता न लगाए जाने पर ब्रेन स्ट्रोक या हेमरेज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से दिमाग में मौजूद ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुँच सकता है या फ़िर वे तनाव में आ सकती हैं। दोनों ही स्थितियों में उनके टूट जाने या फ़िर उनसे खून के रिसने का खतरा बना रहता है।

आपको नियमित रूप से अपनी मेडिकल जांच करवाते रहनी चाहिए, खासकर अगर खतरे के कई कारण मौजूद हों।

2. गर्दन में जकड़न

गर्दन में आयी जकड़न के पीछे किसी तनावपूर्ण हरकत, ख़राब मुद्रा या हद से ज़्यादा तनाव का हाथ हो सकता है।

लेकिन इस बात की संभावना को भी ख़ारिज नहीं किया जा सकता कि उसके लिए कोई अवरुद्ध या रिसती ब्लड वेसल ज़िम्मेदार है।

अपनी ठोड़ी से अगर आप अपनी छाती को नहीं छू पाते या फिर गर्दन में उठता दर्द आपके सिर तक जाता है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

3. तेज़ सिरदर्द

ब्रेन स्ट्रोक का सिरदर्द से नाता

आमतौर पर सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं। ज़्यादातर मामलों में वे कारण गंभीर नहीं होते।

लेकिन बेवजह ही तेज़ हो जाने वाले सिरदर्द की आपको जांच करवा लेनी चाहिए।

तेज़ और तीव्र सिरदर्द अक्सर हमारी धमनियों में बढ़ते दबाव के लक्षण होते हैं। गंभीर मामलों में वे आने वाले ब्रेन स्ट्रोक की भी निशानी होते हैं।

4. शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाना

हाइपोग्लाइसेमिया के नाम से भी जाने जाने वाली यह अवस्था इस बात का एक आम लक्षण होती है कि जल्द ही हमें एक ब्रेन स्ट्रोक आने वाला है

आमतौर पर वह नींद में ही आता है, लेकिन कुछ मामलों में वह सोने से पहले भी आ सकता है।

अधिकाँश मामलों में उसका पता लगाना बिल्कुल आसान नहीं होता, लेकिन किसी भी हालत में आपको उसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए

5. ठीक से दिखाई न देना

आपकी नज़रों का कमज़ोर हो जान ब्रेन स्ट्रोक की निशानी होती है

अच्छी-भली नज़र वाले किसी इंसान को जब अचानक ही धुंधला-धुंधला या फ़िर कम दिखाई देने लगता है तो उसे अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

हालांकि इस लक्षण की जड़ में कई तरह की स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं, ब्रेन स्ट्रोक की संभावना को भी ख़ारिज नहीं किया जा सकता।

6. अचानक होने वाली थकान

अचानक ऊर्जा में कमी आ जाना हमेशा एक खतरे का संकेत होता है।

थकान कई गंभीर बीमारियों का कारण होती है, खासकर जब आपके दिमाग तक ऑक्सीजन की उचित मात्रा न पहुँच पा रही हो।

जिन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक आता है, आमतौर पर वे ज़रूरत से ज़्यादा सोते रह जाते हैं और यहाँ तक कि बेहोश भी हो सकते हैं।

7. चलने-फिरने में आने वाली कठिनाई

ब्रेन स्ट्रोक और टांग का दर्द

अपने हाथ-पैरों में तालमेल न बिठा पाना ब्रेन स्ट्रोक के आने से पहले का एक आम लक्षण होता है।

हालांकि हर किसी को इस परेशानी से नहीं गुज़रना पड़ता, कभी-कभी अटैक आने से पहले ऐसा हो ही जाता है

कंधों में तेज़ और असामान्य दर्द होते ही किसी डॉक्टर को दिखाएं।

8. चक्कर आना और घबराहट होना

यह सच है कि अधिकांश मामलों में कई बीमारियों के कोई गंभीर नतीजे नहीं होते, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेने की वे एक वजह ज़रूर होती हैं

इन लक्षणों पर आपको ध्यान भी देना चाहिए और उनका इलाज भी करवाना चाहिए। किसी कार्डियोवैस्कुलर समस्या के होने से तो खतरा और भी बढ़ जाता है।

अंत में, हालांकि वक़्त रहते ब्रेन स्ट्रोक का पता लगाना आसान तो नहीं होता, उसके आने से पहले ही उसके संभावित लक्षणों का पता लगा लेने में ही आपकी भलाई होती है

इन लक्षणों की ओर ध्यान देकर व फ़ौरन किसी डॉक्टर की मदद लेकर आप घातक नतीजों से बच सकते हैं।




यह पाठ केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान किया जाता है और किसी पेशेवर के साथ परामर्श की जगह नहीं लेता है। संदेह होने पर, अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें।