मेनोपॉज के दौरान अपनी त्वचा को कैसे निखारें
मेनोपॉज जटिल बदलावों का एक दौर है जिसमें महिलाओं को कई अलग-अलग बातों का ध्यान रखना होता है जो न केवल अंदरूनी हैं, बल्कि बाहरी भी हैं। रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान, सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंगों में से एक आपकी स्किन है। यह मौसम और जलवायु से और ज्यादा कमजोर हो जाती है।
आज के आर्टिकल में हम आपको यह बताना चाहते हैं, इन दिनों अपनी स्किन को कैसे निखारें और मॉइस्चराइज़ करें।
मेनोपॉज के दौरान स्किन में क्या होता है?
वैसे तो, जीवन के हर पड़ाव में किसी भी महिला की स्किन पुरुष की तुलना में 25% ज्यादा पतली होती है, लेकिन मेनोपॉज के दौरान यह और भी ज्यादा पतली हो जाती है।
समय बीतने के साथ, त्वचा पुरानी होती जाती है और इसके बुनियादी कार्यों में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। जिसमें शरीर के तापमान को बनाये रखना, सूरज से आने वाली तरंगों से इसकी सुरक्षा करना, आपको कीटाणुओं से बचाना और पानी और पोषक तत्वों को जमा करना शामिल हैं।
वैसे तो, यह आपके जेनेटिक्स और आपकी रोज़ाना की लाइफ-स्टाइल पर निर्भर करता है, मगर 50 साल और उसके बाद की उम्र में आपको अपनी त्वचा पर बुढ़ापे के शुरुआती लक्षण दिखने लगेंगे:
- रूखापन (Dryness)
- ढीली त्वचा (Loose skin)
- खुरदरी बनावट (Rough texture)
- झुर्रियां (Wrinkles)
आप अपनी स्किन में कम कसाव, इसके रंग-रूप में बदलाव, छोटे-मोटे मामूली उभार और वैस्क्युलर समस्यायें भी देखेंगी।
- आपकी त्वचा कम हाइड्रेटेड रहेगी, जिससे इसकी ऊतकों को ठीक करने और घावों को भरने की क्षमता घटती है।
- इसमें कोलेजन के घटने से त्वचा का लचीलापन भी कम हो जायेगा।
- शरीर में एस्ट्रोजन का उत्पादन घट जाने के कारण आपके स्किन टोन को बनाए रखने वाली कोशिकाओं की संख्या भी कम हो जाती है। इस वजह से त्वचा पर दाग-धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
- हाथ-पैर के तलवों की चमड़ी ज्यादा मोटी हो जाती है। इससे दरारें और ज्यादा बढ़ सकती हैं।
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मेनोपॉज के दौरान त्वचा की देखभाल
आप मेडिकल ट्रीटमेंट की मदद से इन बदलावों को हार्मोन के स्तर पर नियंत्रित कर सकती हैं।
फिर भी, इस दौरान अगर महिलायें ज्यादा सुन्दर दिखना चाहती हैं और अपनी त्वचा को फ्रेश रखना चाहती हैं तो कुछ आदतें हैं, जिनमें उन्हें बदलाव या फिर सुधार करना होगा।
यहाँ बताई गयी टिप्स पर ध्यान दें:
खुद को धूप से बचाएँ (Protect yourself from the sun)
UV किरणें किसी भी उम्र में हानिकारक हो सकती हैं, लेकिन मेनोपॉज के दौरान आपकी त्वचा में उनका सामना कर पाने में क्षमता बहुत कम हो जाती है। आपको हमेशा एक हाई प्रोटेक्शन फैक्टर वाले सनस्क्रीन का उपयोग करना होगा, खासतौर पर दोपहर और गर्मियों के मौसम में।
अपने शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन D बना पाने के लिए आपको दिन में 15 मिनट तक धूप में रहने की भी सलाह दी जाती है।अपने ढेर सारे कार्यों सहित यह विटामिन कैल्शियम के अवशोषण में मदद करती है और आपकी हड्डियों की सेहत सुधारती है।
अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा गोरी है, तो बेहतर होगा कि आप हमेशा सनस्क्रीन का उपयोग करें (चाहे बादल लगे हों या ठंड का मौसम हो)।
हाइड्रेटेड रहें (Stay hydrated)
यह ज़रूरी है कि दिन में दो से तीन लीटर पानी पियें ताकि अंदर से हाइड्रेशन शुरू हो सके।
अगर आपको यह पसंद नहीं है या आप पानी पी-पी कर ऊब चुकी हैं, तो इसके बदले नेचुरल जूस, फलों की स्मूदी और हर्बल टी भी पी सकती हैं। इस लिस्ट में कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक और अल्कोहल शामिल नहीं हैं। इनका नुकसानदायक असर होता है।
चेहरे और शरीर पर किसी स्पेशल मॉइस्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल करना भी एक अच्छा तरीका है। उम्र के इस दौर वाली महिलाओं के लिए बहुत सारे कमर्शियल प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। सुबह और रात के समय उन्हें लगायें।
साफ-सफाई
त्वचा की अच्छी साफ़-सफाई आपके जवान और स्वस्थ दिखने के लिये सबसे ज़रूरी है।
किसी नेचुरल साबुन से अपना चेहरा धोना चाहिए जो स्किन के pH को थोड़ा क्षारीय रखेगा और हाइड्रो-लिपिड बैरियर में बदलाव नहीं करेगा।
धो लेने के बाद त्वचा की सुरक्षा के लिए कोई क्रीम लगा लें।
जलन से बचने के लिए त्वचा को सुखाने के दौरान कभी भी रगड़ें नहीं।
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पोषण (Nourishment)
त्वचा के लिए किसी अच्छी क्रीम का इस्तेमाल करने के अलावा हम यह भी सलाह देते हैं कि आप संतुलित आहार लें जिसमें प्रचुर विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट हों।
फल और सब्ज़ियाँ आपके लिये सबसे ज्यादा फ़ायदेमंद होंगी क्योंकि ये न केवल प्राकृतिक होती हैं, बल्कि पानी और पोषक तत्वों से भी भरपूर होती हैं।
फैट, मैदा और चीनी को किनारे कर दें। प्रोसेस्ड या फास्ट फूड खाने से बचें। इसकी बजाय घर की बनी स्वस्थ और मौसमी चीजों का सेवन करें।
यह आपके शरीर को वह सब कुछ देगा जो इसे त्वचा की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल से बचाने के लिये चाहिये।
एक्सफोलियेशन (exfoliation)
त्वचा की गन्दगी को बाहर निकाल फेंकने और कोशिकाओं के दोबारा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए हफ्ते में एक बार डीप एक्सफोलियेशन करने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण के तौर पर आप घर पर बनी फेस मास्क का इस्तेमाल कर सकती हैं जिसमें चीनी और शहद हो। यह आपके चेहरे और गर्दन पर दिखने वाले ढलती उम्र के असर को कम कर देगा।
एक्सरसाइज करें
जब उम्र के किसी भी पड़ाव में खासतौर पर मेनोपॉज के दौरान आपकी स्किन को चमकदार रखने की बात आती है तो फिजिकल एक्टिविटी बहुत कारगर है।
व्यायाम करना त्वचा के छिद्रों के जरिये टॉक्सिन को निकाल फेंकने और त्वचा के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए जरूरी है।
इतना ही नहीं, एक्सरसाइज ऑस्टियोपोरोसिस को रोकती है, आपके दिल की सेहत सुधारती है, तनाव कम करती है और जीवन्तता को बढ़ाती है।
इसलिए कुछ एक्सरसाइज करना भी ज़रूरी है, भले ही वह हल्की और आरामदेह ही क्यों न हो। अगर आप आमतौर पर एक्सरसाइज नहीं करती हैं, तो थोड़ा योग, पिलेट या स्विमिंग से शुरुआत कीजिये।
सेहत के लिये हानिकारक आदतों को छोड़ दें
इस मामले में हम स्मोकिंग, स्ट्रेस और अल्कोहल के बारे में बात करेंगे। ये तमाम आदते आपकी सेहत पर बुरा असर डालती हैं जिससे त्वचा पर असर पड़ता है।
उदाहरण के लिए धूम्रपान न केवल आपके शरीर में हानिकारक टॉक्सिन भर देता है, बल्कि स्किन को खुद को दोबारा बनाने और हाइड्रेटेड रहने से भी रोकता है।
स्ट्रेस अनिद्रा जैसी दूसरी के समस्याओं को साथ लेकर चलता है, जो कि डार्क सर्कल्स और त्वचा के दाग-धब्बों का कारण बनती हैं।
अल्कोहल की बात करें तो, इसके स्मोकिंग से मिलते-जुलते बुरे असर हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आपके शरीर में ऐसे टॉक्सिन को डालता है जिनसे छुटकारा पाना मुश्किल होता है।
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